लखनऊ: जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह (jal shakti minister mahendra dr mahendra singh) ने कहा कि राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Rajya Sabha MP Sanjay Singh) ने सरकार और मेरे विभाग समेत मुझ पर जो आरोप लगाए हैं, वह सत्य से परे हैं. विभाग का काम पूरी पारदर्शिता के साथ हो रहा है. प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि हर घर को नल से पानी देंगे. अटल भूजल योजना (Atal Bhujal Scheme) समेत कई बड़ी योजना की घोषणा कर इसका शुभारंभ किया गया. मुझे इसकी जिम्मेदारी दी गई और हमने प्रदेश में प्रधानमंत्री के सपनों को आगे बढ़ाया है. हमने लोगों के घर तक पानी पहुंचाने का प्रयास किया है, लेकिन कुछ लोग यह नहीं चाहते हैं कि लोगों के घर तक पानी पहुंचे.
मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रश्मि मेटलीक्स के बारे में जो हजारों करोड़ का ठेका दिया गया है यह आरोप उन्होंने लगाया है. उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन (jal jeevan mission) के अंतर्गत आज तक कोई टेंडर नहीं किया गया है. 8 राज्यों में रिजेक्टेड कंपनी को ठेका की बात कही गई है. उत्तर प्रदेश में ईपीसी मोड पर कार्य किया जा रहा है. कंपनियां किससे सामान खरीदें और किससे न खरीदें, इसकी जिम्मेदारी उनकी रहती है. इसके अलावा एलटीसी जो कंपनियां काम कर रही हैं, अगले 10 वर्ष तक वही उसका मेंटेनेंस और रखरखाव भी देखेंगे. इस तरह से उत्तर प्रदेश में आज तक कोई भी टेंडर नहीं किया गया.
जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि आरोप लगाया है कि 12 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हो गया है और यह उन्होंने कहां से निकाला है, यह वही बता सकते हैं. अब तक बुंदेलखंड में 15000 करोड़ रुपये का डीपीआर बना है, यह भी झूठ है. मैं किसी भी कंपनी के पक्ष में बोलने के लिए नहीं बैठा हूं, फिर भी उन्होंने जो 8 राज्यों में ब्लैक लिस्टेड कागज दिखाए हैं. जम्मू कश्मीर का जो कागज उन्होंने दिखाया है, इसमें जम्मू-कश्मीर की सरकार ने कहा है कुछ त्रुटि है, उसे सुधार कर बदल देना चाहिए, इसमें कहीं पर भी ब्लैक लिस्टेड नहीं लिखा है. इसी तरह हिमाचल प्रदेश ने कहा है कि इनका कार्य संतोषजनक है. इसमें 18.6.21 तारीख को कार्य संतोषजनक है का प्रमाण पत्र दिया है. झारखंड में कागज जारी किए गए हैं, उसमें एक कागज में कुछ दिन के लिए रोका गया, दूसरे में उन्हें कार्य करने के लिए मंजूरी दी गई. दोनों में ज्यादा दिनों का अंतर भी नहीं है. पश्चिम बंगाल में जो कागज जारी किए हैं. उन्होंने कहा भूलवश पहला आदेश जारी हो गया. वहीं मध्यप्रदेश में उड़ीसा में भी दो कागज जारी हुए हैं. एक विषय पर पहला का आदेश जारी हुआ, फिर दूसरे आदेश भी जारी कर उन्हें मंजूरी दी. संजय सिंह ने सेना पर ही आरोप लगाया था. सेना ने इसके लिए आदेश जारी किया है कि हमारे यहां ऐसी कोई कंपनी लिस्टेड ही नहीं है.
जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने आगे कहा कि 2012 और 13 में सरफेस वाटर के लिए दो स्कीम बनाई गई थी, जो मऊ और बरगट की स्कीम थी. लगभग 200 करोड़ रुपये की स्कीम थी. जल निगम उसका कार्य कर रहा था, जिसमें आज तक लोगों के घर तक पानी नहीं पहुंचा है और यह एक बड़ा घोटाला था. एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये की चित्रकूट की जो योजना थी, वह 10 साल पहले बनाई गई थी, उसकी आज जांच चल रही है. 50 हजार प्रति घर कनेक्शन के हिसाब से उत्तर प्रदेश सरकार कार्य कर रही है. वहीं 1 लाख 25 हजार के हिसाब से 10 साल पहले जल निगम कार्य कर रही थी, जो आज तक जांच के घेरे में हैं. ऐसी एजेंसी को काम देने के लिए संजय सिंह ने आरोप लगाया है, वह राज्यसभा में हैं और इस तरह के आरोप लगाकर सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे हैं.
जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि यूपी में अलग-अलग मंडलों में अलग-अलग दरें तय थी, लेकिन सरकार ने कंपनियों के टेंडर को सबसे न्यूनतम दर से प्राप्त हुए टेंडर के आधार पर पूरे प्रदेश में लागू किया. कहा कि टीपीआई द्वारा क्वॉलिटी कंट्रोल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट जांच कर रिपोर्ट दिया जाता है. मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश के टीपीआई के स्तर पर यूपी में दरों को भी देखना चाहिए.
जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि संजय सिंह ने विधायकों का नाम कोड करते हुए आरोप लगाया था. विधायकों के लिए व्यक्तिगत नाम यूज नहीं करना चाहिए. विधायक अजय सिंह ने 2017 में सपा सरकार के हुए लघु सिंचाई विभाग के कार्यों को लेकर शिकायत की थी.
मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा जारी पत्र, जिसमें उन्होंने नियम 51 के तहत मांगी गई सूचना को जल्द जारी करने का निर्देश दिया है, उसे संजय सिंह ने आरोप के तौर पर उठाया है. उन्होंने कहा कि गरीब माताओं-बहनों के घर तक पानी पहुंचाना, वह प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है. हम पूरी तरह निष्पक्षता से कार्य कर रहे हैं. अगर कोई भी शिकायत मिलेगी, तो उस पर कोई कार्रवाई की जाएगी. मंत्री ने कहा कि फिर दोहराना चाहता हूं कि प्रदेश में ईपीसी मोड पर काम हो रहा है और हमने कोई भी टेंडर नहीं किया है.
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