लखनऊ: करोड़ों रुपये के बकाया जलकर की वसूली में जल-कल विभाग के इंजीनियर लापरवाही बरत रहे हैं. विभाग के महाप्रबंधक एसके वर्मा ने दोषी अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है. शुक्रवार को वसूली की समीक्षा में पाया गया कि जोन-3 में पिछले वर्ष की तुलना में चालीस फीसद ही वसूली हुई है. 1.69 करोड़ के मुकाबले करीब 46 लाख रुपये की ही वसूली की है. इसके लिए अधिशासी अभियंता महेन्द्र सिंह सचान को दोषी मानते हुए उन्हें सचिव कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है.
विभाग के पास वेतन का बजट न होने की वजह से जल कल के कर्मचारियों को वेतन भुगतान में विलंब हो रहा है. यह हाल तब है जब अगले महीने बड़े त्योहार हैं. कर्मचारी वेतन न मिलने पर हंगामा करने लगते हैं. इसके बाद भी अधिशासी अभियंता लापरवाह बने हुए हैं. जलकल विभाग के महाप्रबंधक एसके वर्मा ने शुक्रवार को सभी आठों जोनों के वाटर व सीवर टैक्स वसूली की समीक्षा की. इस दौरान पाया गया कि जोन तीन के अधिशासी अभियंता महेंद्र सिंह सचान की तरफ से कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी. इनके द्वारा अक्टूबर पेड इन नवंबर वेतन भुगतान की कोई कार्ययोजना बनायी गयी. इतना ही नहीं समीक्षा में यह सामने आया है कि अधिशासी अभियंता ने पूरे वित्तीय वर्ष में वसूली को लेकर किसी भी महीने प्रभावी कार्यवाही नहीं की गयी और न ही कोई कार्ययोजना बनाई गयी. उन्हें इसके लिए कई बार कारण बताओ नोटिस भी जारी की जा चुकी है. इसके बाद भी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं आया है.
बैठक में संतोषजनक जवाब न देने पर अगले आदेश तक सचिव कार्यालय से संबद्ध करने के आदेश दिये गये हैं. यहां सुबह दस से छह बजे तक आईजीआरएस में आने वाली शिकायतों के निस्तारण की जिम्मेदारी संभालेंगे. इस दौरान जोन की जिम्मेदारी पीएसएस विजय त्रिपाठी के पास रहेगी, लेकिन वह कोई वित्तीय मामलों के निर्णय नहीं ले सकेंगे.