लखनऊ: चित्रकूट की जेल में नियमों की अनदेखी कर विधायक अब्बास अंसारी से उनकी पत्नी निखत बानो की मिलाई कराने के मामले में जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर की जमानत अर्जी को भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश लोकेश वरुण ने खारिज कर दिया है।
जमानत अर्जी का विरोध करते हुए विशेष अधिवक्ता एमके सिंह का तर्क था कि अब्बास अंसारी से उसकी पत्नी निखत बानो की मुलाकात कराने के अलावा उन्हें जेल में तरह-तरह की सुविधा मुहैया कराने में आरोपी की मुख्य भूमिका रही है. अदालत को बताया गया कि अब्बास अंसारी के जेल में रहते उसकी पत्नी निखत बानों को जेल में बेरोकटोक आने-जाने की आजादी थी.
अदालत को बहस के दौरान यह भी बताया गया कि जेल में मिलाई के नाम पर सहअभियुक्तों से अभियुक्त द्वारा प्रलोभन प्राप्त किया गया है. यह भी दलील दी गई कि इसी दौरान 6 मार्च 2023को आरोपी अशोक कुमार सागर के सरकारी आवास से चार लाख रुपए नगद बरामद हुए थे. जिसका अभियुक्त कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पाया है.
इस मामले में उस पर अन्य अभियुक्तों से मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचने का भी आरोप है. कहा गया कि इस मामले में अब्बास अंसारी तथा उसकी पत्नी निखत बानो के अलावा जेल वार्डन जगमोहन की भी मामले में भूमिका को देखते हुए जमानत खारिज की जा चुकी है. अभियोजन के अनुसार इस मामले की रिपोर्ट गत 11 फरवरी को थाना कोतवाली कर्वी में उप निरीक्षक श्याम देव सिंह ने दर्ज कराई थी.
उल्लेखनीय है कि इस मामले में सबसे पहले अब्बास अंसारी की पत्नी निखत बानो एवं ड्राइवर नियाज अंसारी को पुलिस एवं प्रशासन ने छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया था. उसके बाद निखत बानो को चित्रकूट जेल के पास मकान की व्यवस्था करवाने एवं बिना पर्ची के मुलाकात करवाने के आरोप में फराज खान को गिरफ्तार किया गया. इसी के साथ-साथ पुलिस ने आरोपी जेल वार्डन जगमोहन, जेलर संतोष कुमार, जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर व डिप्टी जेलर चंद्रकला की गिरफ्तारी की गई.
यह भी पढ़ें: चित्रकूट जेल मामले में जेल वार्डेन जगमोहन की जमानत अर्जी कोर्ट ने की खारिज