लखनऊ: राजधानी के जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र जो कई वर्षों से धूल फांक रहा था,अब उसकी सेहत में सुधार आने की उम्मीद जागी है. ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा सरकार ने इसके लिए फिलहाल 40 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है.
सपा सरकार का था ड्रीम प्रोजेक्ट
सपा सरकार के दौरान सबसे चर्चित और ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर देखे गए जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र की हालत सुधारने की कवायद भाजपा सरकार ने अब शुरु की है, जिसके चलते प्रदेश की भाजपा सरकार ने 40 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है. पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार का ये ड्रीम प्रोजेक्ट था और पूर्व मुख्यमंत्री खुद इसकी समीक्षा किया करते थे. अधिकारियों से और वक़्त वक़्त पर अपनी राय भी रखा करते थे. यही वजह थी कि लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट पर जमकर पैसे लुटाये थे ,जिसमें कानूनी रूप से कई खामियां भी मिली थी.
योगी सरकार ने लगाया था हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पर ताला
जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र का काम भाजपा सरकार आने के बाद से बंद कर दिया गया था, जिसकी वजह इसके निर्माण में वित्तीय अनियमिताएं समेत कई शिकायतें प्राप्त होना बताया गया था, जिसकी जांच पिछले काफी वक्त से चल रही है. जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र को लखनऊ विकास प्राधिकरण के पास 18.64 एकड़ में बनाया गया है ,जिसमे की अभी तक इसकी लागत अनुमानित 850 करोड़ रुपये लग चुकी है. इसे शुरू करने में कम से कम अभी 100 करोड़ रुपये की जरूरत और बताई जा रही है. योगी सरकार के आने बाद से शुरू हुई जांच में कई वित्तीय अनियमितताओं के कारण ही इस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया था.
जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र फिर से शुरू होने की उम्मीद
फिलहाल भाजपा सरकार में बंद पड़े जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र को बजट में 40 करोड़ रुपये का प्रावधान निश्चित रूप से ये जरूर बताता है कि अब इस केंद्र के दिन बहुरने वाले हैं. हालांकि 40 करोड़ रुपये में भले इसे पूर्ण न किया जा सके लेकिन इससे ये उम्मीद जरूर की जा रही है कि बहुत जल्द अब इसका संचालन करने लायक जरूर बना दिया जाएगा.
जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र को मिला 40 करोड़ का बजट - जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र
राजधानी लखनऊ के जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र को यूपी की भाजपा सरकार ने 40 करोड़ का बजट आवंटित किया है, जिससे इसके दिन बहुरने वाले हैं. यह सपा सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट था.
लखनऊ: राजधानी के जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र जो कई वर्षों से धूल फांक रहा था,अब उसकी सेहत में सुधार आने की उम्मीद जागी है. ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा सरकार ने इसके लिए फिलहाल 40 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है.
सपा सरकार का था ड्रीम प्रोजेक्ट
सपा सरकार के दौरान सबसे चर्चित और ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर देखे गए जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र की हालत सुधारने की कवायद भाजपा सरकार ने अब शुरु की है, जिसके चलते प्रदेश की भाजपा सरकार ने 40 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है. पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार का ये ड्रीम प्रोजेक्ट था और पूर्व मुख्यमंत्री खुद इसकी समीक्षा किया करते थे. अधिकारियों से और वक़्त वक़्त पर अपनी राय भी रखा करते थे. यही वजह थी कि लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट पर जमकर पैसे लुटाये थे ,जिसमें कानूनी रूप से कई खामियां भी मिली थी.
योगी सरकार ने लगाया था हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पर ताला
जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र का काम भाजपा सरकार आने के बाद से बंद कर दिया गया था, जिसकी वजह इसके निर्माण में वित्तीय अनियमिताएं समेत कई शिकायतें प्राप्त होना बताया गया था, जिसकी जांच पिछले काफी वक्त से चल रही है. जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र को लखनऊ विकास प्राधिकरण के पास 18.64 एकड़ में बनाया गया है ,जिसमे की अभी तक इसकी लागत अनुमानित 850 करोड़ रुपये लग चुकी है. इसे शुरू करने में कम से कम अभी 100 करोड़ रुपये की जरूरत और बताई जा रही है. योगी सरकार के आने बाद से शुरू हुई जांच में कई वित्तीय अनियमितताओं के कारण ही इस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया था.
जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र फिर से शुरू होने की उम्मीद
फिलहाल भाजपा सरकार में बंद पड़े जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र को बजट में 40 करोड़ रुपये का प्रावधान निश्चित रूप से ये जरूर बताता है कि अब इस केंद्र के दिन बहुरने वाले हैं. हालांकि 40 करोड़ रुपये में भले इसे पूर्ण न किया जा सके लेकिन इससे ये उम्मीद जरूर की जा रही है कि बहुत जल्द अब इसका संचालन करने लायक जरूर बना दिया जाएगा.