लखनऊ: कानपुर के सेवानिवृत प्रधानाचार्य की हत्या और आतंकी गतिविधियों के मामले में आतिफ मुजफ्फर व मोहम्मद फैसल को एनआईए/एटीएस की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है. दोनों अभियुक्त आतंकी संगठन आईएसआईएस के सक्रिय सदस्य थे. अभियुक्तों के सजा के बिंदू पर 11 सितंबर को सुनवाई होगी.
एनआईए के विशेष लोक अभियोजक कौशल किशोर शर्मा के मुताबिक, 24 अक्टूबर, 2016 को कानपुर में एक सेवानिवृत प्रधानाचार्य रमेश बाबू शुक्ला की हत्या हुई थी. रमेश बाबू स्वामी आत्म प्रकाश ब्रह्मचारी जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाचार्य थे. अभियुक्तों ने उनके हाथ मे बंधे कलावा से हिंदू पहचान सुनिश्चित कर गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में रमेश बाबू के बेटे अक्षय शुक्ला ने थाना चकेरी में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर में दर्ज कराई थी.
विशेष लोक अभियोजक के मुताबिक, एनआईए की ओर से बहस के दौरान बताया गया कि 8 मार्च 2017 को भोपाल उज्जैन ट्रेन में विस्फोट किया गया था. जिसमें आरोपी आतिफ मुजफ्फर व दानिश को गिरफ्तार किया गया था. अदालत को बताया गया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने 14 मार्च 2017 को मामले की जांच एनआईए को सौंप दी थी. एनआईए की जांच के दौरान जब आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. तब आरोपी आतिफ मुजफ्फर ने कुबूल किया कि उन्होंने कानपुर में रमेश बाबू शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
उल्लेखनीय है कि भोपाल उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में जिस दिन ब्लास्ट हुआ. उसी दिन लखनऊ में आतंकी गतिविधियों की साजिश में शामिल रहे इस्लामिक स्टेट का सक्रिय सदस्य सैफुल्लाह एक मुठभेड़ में मारा गया. सैफुल्लाह के घर से 8 रिवाल्वर व भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए थे. इस मामले की एफआईआर असीम अरुण ने थाना एटीएस में दर्ज कराई थी. जिसकी विवेचना एनआईए को सौंप दी गई.
विवेचना के दौरान सैफुल्लाह के घर से बरामद पिस्टल और प्रधानाचार्य के शरीर से बरामद कारतूस का परीक्षण एफएसएल चंडीगढ़ मे किया गया. परीक्षण में पाया गया कि बरामद पिस्टल से ही प्रधानाचार्य को गोली मारी गई है. विवेचना में अभियुक्तों के मोबाइल में इस हत्या से संबंधित समाचारों की क्लिपिंग पाई गईं. उनके मोबाइल की लोकेशन भी घटनास्थल के पास पाई गई. विवेचना के पश्चात एनआईए ने तीन अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया.
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