लखनऊ: वाराणसी से इंदौर के बीच चलने वाली धार्मिक ट्रेन काशी महाकाल एक्सप्रेस में फिलहाल यात्रियों को नॉनवेज मिलने की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है. दरअसल इसे लेकर खुद IRCTC दुविधा में दिखाई दे रहा है. जिसके चलते अभी सिर्फ ट्रेन में वेज खाना ही दिया जा रहा है.
काशी महाकाल एक्सप्रेस धार्मिक ट्रेन है, जिसके चलते ट्रेन में नॉनवेज खाने की सुविधा नहीं है, लेकिन ट्रेन वाराणसी से उज्जैन यानी महाकालेश्वर ही नहीं बल्कि सुलतानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, झांसी, उज्जैन से होते हुए इंदौर जाएगी. ऐसे में इन जगहों पर जाने के लिए जो यात्री होंगे, वह हर वर्ग के होंगे.
अब इसे लेकर आईआरसीटीसी की दुविधा है कि वह यात्रियों को सिर्फ वेज खाने की सुविधा दे या फिर नानवेज की भी व्यवस्था करें. वहीं, आईआरसीटीसी को कहीं न कहीं इस बात का भी डर है कि जिस दिन ट्रेन का उद्घाटन हुआ था. उस दिन एक कोच में 64 नंबर की बर्थ पर भोलेनाथ का मंदिर बना दिया गया था, जिसको लेकर पूरे देश में विरोध के स्वर मुखर हो गए थे.
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इसके बाद आईआरसीटीसी को सफाई देते हुए बर्थ खाली करनी पड़ी थी. अब दिक्कत इस बात की है कि अगर इस धार्मिक ट्रेन में नॉनवेज परोसा जाता है और इस पर विरोध के स्वर मुखर हो गए, तो ऐसी स्थिति में कैसे निपटा जाएगा? फिलहाल अभी इस धार्मिक ट्रेन में सिर्फ शाकाहारी भोजन का ही यात्री लुत्फ उठा पाएंगे.
अभी ट्रेन में सिर्फ वेजिटेरियन खाना ही परोसा जा रहा है. भविष्य में हम यात्रियों की मांग पर उनसे फीडबैक लेंगे. अगर नानवेज की मांग की जाएगी तो इस पर विचार किया जाएगा.
अश्विनी श्रीवास्तव, चीफ रीजनल मैनेजर, आईआरसीटीसी