लखनऊ : राजधानी के जनेश्वर पार्क में एक महिला से आईपीएस अधिकारी द्वारा की गई छेड़छाड़ का आरोप झूठा निकला है. करीब 25 दिन की जांच में पुलिस ने पाया है कि छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली महिला को कई दिन से एक व्यक्ति परेशान कर रहा था, उसी गलतफहमी में उसने आईपीएस अधिकारी पर छेड़छाड़ का आरोप लगा दिया था.
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट द्वारा शुक्रवार को एक बयान जारी किया गया है. जिसमें बताया गया है कि, 17 जुलाई को एक सूचना प्रसारित हुई थी कि एक युवती ने आरोप लगाया था कि जब वह जनेश्वर पार्क में रनिंग कर रही थी, उस दौरान उसे एक युवक दिखा, जो ठीक उसी की तरह दिख रहा था जो बीते कई दिनों से उसका पीछा कर रहा था, जिसके बाद उस व्यक्ति से कहासुनी हो गई, जो कि एक पुलिस अधिकारी था.
पुलिस कमिश्नरेट के मुताबिक, गोमती नगर के पत्रकारपुरम स्थित सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली गई तो महिला द्वारा बताए गए उस व्यक्ति की पहचान की गई, जो कई दिन से उसका पीछा कर रहा था. इतना ही नहीं पुलिस अधिकारी की भी फुटेज खंगाली गई तो उसमें आईपीएस अधिकारी भी साइकिल से जाते दिखे. इस फुटेज को आरोप लगाने वाली महिला ने देखा तो उन्होंने कहा कि आईपीएस अफसर और पीछा करने वाला व्यक्ति अलग अलग हैं. इतना ही नहीं उसने अपनी गलती भी स्वीकार की है. दरअसल, 17 जुलाई को गोमतीनगर के जनेश्वर पार्क में टहलने आई एक युवती ने एक आईपीएस अधिकारी पर उसका पीछा करने और छेड़छाड़ करने का आरोप लगा बवाल काटा था. देखते ही देखते यह सूचना आग की तरह फैल गई. हालांकि खबर के वायरल होते ही गोमती नगर पुलिस ने तत्काल जांच शुरू कर दी थी. बताया जाता है कि, जिस आईपीएस अधिकारी पर महिला ने पीछा करने का आरोप लगाया था, वह चर्चित आईपीएस अधिकारी हैं और सुपर कॉप माने जाते हैं.