लखनऊः पशुपालन विभाग में फर्जी टेंडर के नाम पर इंदौर के व्यापारी से ठगी करने के आरोप में निलंबित आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन से कोतवाली हजरतगंज में पूछताछ की गई. दो बार में हुई पूछताछ में अरविंद सेन ने पुलिस के कई सवालों के जवाब तो सीधे दिए लेकिन कई सवालों पर चुप्पी साध ली. अरविंद सेन की शुक्रवार को पूछताछ की रिमांड की अवधि समाप्त हो गई.
आईपीएस अधिकारी की रिमांड अवधि खत्म
बता दें पशुपालन विभाग में फर्जी टेंडर के नाम पर इंदौर के व्यापारी मनजीत सिंह भाटिया से 9 करोड़ 72 लाख की ठगी हुई थी. इस मामले को लेकर व्यापारी ने कोतवाली हजरतगंज में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन का नाम सामने आया तो वह फरार हो गए. इसके बाद अरविंद सेन पुलिस ने 50000 का इनाम घोषित कर उनके गोमती नगर, अयोध्या घर पर कुर्की का नोटिस भी चस्पा दिया था. इस मामले में पिछले हफ्ते अरविंद सेन ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया. इसके बाद अरविंद सेन को 24 घंटे की रिमांड पर कोतवाली हजरतगंज में लाकर पूछताछ की गई.
आईपीएस अधिकारी से 4 घंटों तक हुई कड़ी पूछताछ
कोतवाली हजरतगंज में एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव ने अरविंद सेन से 4 घंटे तक कड़ी पूछताछ की. रिमांड की अवधि समाप्त होने पर अरविंद सेन को कोर्ट की सुपुर्दगी में सौंप दिया गया. एसीपी श्वेता श्रीवास्तव ने अरविंद सेन से कई सवाल पूछे तो कुछ का उन्होंने जवाब दिया तो कुछ का जवाब कोर्ट में देने को कहा.
सवाल और जवाब
- सवालः व्यापारी को अपने कार्यालय में बुलाकर आपने क्यों धमकाया?
- जवाबः मैं कभी व्यापारी से मिला ही नहीं था. जिस तरह एसके मित्तल बनके जालसाज व्यापारी से मिल सकते हैं तो उसी तरह अरविंद सेन बनकर भी कोई मिला होगा.
- सवालः फिर व्यापारी ने अरविंद सेन का नाम क्यों लिया और आप पर आरोप लगाए.
- जवाबः पीड़ित व्यापारी ने एसपी सीबीसीआईडी पर आरोप लगाए हैं. एफआईआर में मेरा नाम तक नहीं लिया है.
- सवालः आशीष राय ने आपके खाते में लाखों रुपए क्यों जमा कराएं?
- जवाबः आशीष से मेरे पहले से संबंध है. आशीष की ओर से मेरे खाते में कभी रुपये नहीं जमा कराए गए. यह रुपये किसी और ने जमा कराए हैं.
- सवालः यह रुपये किसने और क्यों जमा कराएं?
- जवाबः इसका जवाब मैं कोर्ट में दूंगा.
- सवालः इस फर्जीवाड़े में विवेचना में आप के खिलाफ कई सबूत मिले हैं?
- जवाबः इसका जवाब मैं कोर्ट में दूंगा.