लखनऊ : प्रदेश में बिना लैब और फैकल्टी में गड़बड़ी करके मान्यता लेने वाले 30 निजी नर्सिंग कॉलेजों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है. मान्यता लेते समय इन कॉलेजों ने सभी मानक पूरे दिखाए थे, लेकिन इन 30 कॉलेजों में कोई भी मानक पूरे नहीं हैं. जिसके चलते यह बड़ी कार्रवाई हो रही है. फिलहाल बस्ती जिले के एक ऐसे ही कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी गई है.
बता दें कि प्रदेश में बीएससी नर्सिंग के करीब 388 कॉलेज और 13020 सीटें हैं. इसी तरह पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग के 89 कॉलेज और 2480 सीटें, एमएससी नर्सिंग की 35 कॉलेज और 1118 सीटें हैं. इसके अलावा एएनएम, जीएनएम एवं अन्य पैरामेडिकल कोर्स को मिलाकर करीब एक हजार से अधिक कॉलेज हैं.
वर्ष 2022 (मार्च) में करीब 140 निजी कॉलेजों को बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग सहित अन्य कोर्स की मान्यता दी गई थी. मान्यता के समय इनमें अस्पताल, अध्यापक, स्टाफ, भवन, लैब, हॉस्टल सहित सभी संसाधनों की जांच की गई. स्थलीय सत्यापन के दौरान कॉलेज संचालकों ने आसपास बन रहे अस्पताल को अपने से संबद्ध बताया. जुगाड़ से स्टॉफ की व्यवस्था कर ली. कुछ ने हलफनामा देकर बताया कि सत्र शुरू होने से पहले सभी व्यवस्था मुकम्मल कर ली जाएगी, लेकिन मान्यता के बाद इस पर ध्यान नहीं दिया. इस बीच शासन ने पूरे मामले की नए सिरे से जांच शुरू करा दी. फिलहाल अभी प्रदेश के 30 नर्सिंग कॉलेजों पर जांच चल रही है. तब तक के लिए इनकी मान्यता निरस्त की गई है.
चिकित्सा शिक्षा विभाग की विशेष सचिव दुर्गा शक्ति नागपाल ने निजी नर्सिंग कॉलेजों की जांच शुरू की है. जांच के दौरान इन कॉलेजों की सच्चाई सामने आ रही है. उन्होंने कहा कि 'काॅलेजों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही मान्यता के समय स्थलीय निरीक्षण करने वाली टीम के खिलाफ भी कार्रवाई की होगी. विशेष सचिव ने अपनी संस्तुति में निर्देश दिया है कि संबंधित निरीक्षण टीम को भविष्य में किसी संस्था का निरीक्षण करने के लिए न भेजा जाए. भविष्य में संस्थाओं का निरीक्षण करने जाने वाली टीम से शपथ पत्र लिया जाए कि उनकी रिपोर्ट में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं है.'
बस्ती जिले के स्वामी विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का अस्पताल संस्थान से चार किलोमीटर दूर पाया गया. वर्तमान में संस्थान का भवन निर्माणाधीन है. नर्सिंग के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है. हॉस्टल व एकेडमिक ब्लॉक भी नहीं है. डी-फार्मा ब्लॉक व हॉस्टल के लिए सिर्फ तीन कमरे हैं. कॉलेज को बीएससी नर्सिंग ही नहीं बल्कि एएनएम, जीएनएम के लिए भी योग्य नहीं माना गया है. यह सभी मानक पूरे नहीं होने के कारण नर्सिंग कॉलेज की मान्यता निरस्त की गई है और इस पूरे मामले पर बड़े स्तर पर जांच बिठाई गई है.
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