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सपा शासन में चहेते रहे रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सत्येंद्र सिंह के खिलाफ जांच शुरू, ये है वजह

सपा सरकार में चहेते रहे रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह के खिलाफ अब ईडी ने भी मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.चलिए जानते हैं आखिर किस वजह से उनके खिलाफ यह जांच शुरू की गई है.

सपा  काल में चहेते रहे रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सत्येंद्र सिंह के खिलाफ जांच का आगाज, एलडीए की सीजी सिटी योजना में किया था घोटाला
सपा काल में चहेते रहे रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सत्येंद्र सिंह के खिलाफ जांच का आगाज, एलडीए की सीजी सिटी योजना में किया था घोटाला
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Published : May 5, 2022, 6:29 PM IST

लखनऊ: सपा सरकार के चहेते रहे सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह की सीबीआई जांच के बाद अब उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने भी मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. सत्येंद्र सिंह के खिलाफ एलडीए में जांच को लेकर पत्र भेजा गया है. सत्येंद्र पर सपा सरकार में विकसित की गई चक गजरिया सिटी परियोजना में टेंडरों और अन्य कार्यवाही में गड़बड़ियों का आरोप है. इसमें करोड़ों के घोटाले की आशंका है. इसकी जांच का आगाज किया गया है. एलडीए इसकी पूरी रिपोर्ट ईडी को देगा.

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह की मुश्किलें और बढ़ने वाली है. सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी एफआईआर दर्ज करने के बाद एक्शन शुरू किया है. सीबीआई ने खनन मामलों में पहले जो एफआईआर दर्ज की थी, उनमें से अधिकतर एफआईआर को ईडी ने अपने यहां दर्ज किया था. अब सत्येंद्र सिंह के मामले में भी ईडी इसी तरह के केस दर्ज कर रहा है.

सीबीआई ने लखनऊ के डीएम व एलडीए के वीसी रहे सत्येंद्र के खिलाफ करीब डेढ़ साल पहले एफआईआर दर्ज की थी. उनके करीबियों के यहां छापे मारे थे. इस दौरान 44 बेनामी संपत्ति, करोड़ों रुपये के जेवर और 36 बैंक खातों के बारे में जानकारी मिली थी. सीबीआई इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है. एलडीए वीसी के रूप में दो कार्यकाल पूरा करने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी सत्येंद्र सिंह अपने कारनामों के लिए सपा शासन में खूब चर्चित रहे थे.

जेपीएनआईसी में बिना टेंडर काम कराने से लेकर पूर्व में अधिग्रहित जमीन के लिए वर्तमान दरों पर मुआवजा देने का प्रस्ताव देने का मामला रहा हो या बिना मांग के कानपुर रोड योजना और शारदा नगर योजना में व्यावसायिक भूखंड पर फ्लैट बनवाने का मामला, इन सभी को लेकर वह चर्चित रहे थे.

सत्येंद्र का एलडीए वीसी का पहला कार्यकाल 23 दिसंबर 2014 से 28 अगस्त 2016 तक रहा. इसके बाद उन्हें लखनऊ का डीएम बनाया गया था और 23 दिसंबर 2016 को उन्हें एलडीए वीसी का भी चार्ज दे दिया गया. योगी सरकार बनने के बाद वे 18 अप्रैल 2017 तक वीसी बने रहे. भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद उनको वीसी पद से हटा दिया गया.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी को प्रवर्तन निदेशालय से जो पत्र प्राप्त हुआ है. उसमें सीजी सिटी में हुई गड़बड़ी का उल्लेख है और इसी क्रम में रिपोर्ट सिटी के सामने रखने की सिफारिश की गई है. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इसी क्रम में कार्यवाही शुरू कर दी है.

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लखनऊ: सपा सरकार के चहेते रहे सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह की सीबीआई जांच के बाद अब उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने भी मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. सत्येंद्र सिंह के खिलाफ एलडीए में जांच को लेकर पत्र भेजा गया है. सत्येंद्र पर सपा सरकार में विकसित की गई चक गजरिया सिटी परियोजना में टेंडरों और अन्य कार्यवाही में गड़बड़ियों का आरोप है. इसमें करोड़ों के घोटाले की आशंका है. इसकी जांच का आगाज किया गया है. एलडीए इसकी पूरी रिपोर्ट ईडी को देगा.

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह की मुश्किलें और बढ़ने वाली है. सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी एफआईआर दर्ज करने के बाद एक्शन शुरू किया है. सीबीआई ने खनन मामलों में पहले जो एफआईआर दर्ज की थी, उनमें से अधिकतर एफआईआर को ईडी ने अपने यहां दर्ज किया था. अब सत्येंद्र सिंह के मामले में भी ईडी इसी तरह के केस दर्ज कर रहा है.

सीबीआई ने लखनऊ के डीएम व एलडीए के वीसी रहे सत्येंद्र के खिलाफ करीब डेढ़ साल पहले एफआईआर दर्ज की थी. उनके करीबियों के यहां छापे मारे थे. इस दौरान 44 बेनामी संपत्ति, करोड़ों रुपये के जेवर और 36 बैंक खातों के बारे में जानकारी मिली थी. सीबीआई इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है. एलडीए वीसी के रूप में दो कार्यकाल पूरा करने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी सत्येंद्र सिंह अपने कारनामों के लिए सपा शासन में खूब चर्चित रहे थे.

जेपीएनआईसी में बिना टेंडर काम कराने से लेकर पूर्व में अधिग्रहित जमीन के लिए वर्तमान दरों पर मुआवजा देने का प्रस्ताव देने का मामला रहा हो या बिना मांग के कानपुर रोड योजना और शारदा नगर योजना में व्यावसायिक भूखंड पर फ्लैट बनवाने का मामला, इन सभी को लेकर वह चर्चित रहे थे.

सत्येंद्र का एलडीए वीसी का पहला कार्यकाल 23 दिसंबर 2014 से 28 अगस्त 2016 तक रहा. इसके बाद उन्हें लखनऊ का डीएम बनाया गया था और 23 दिसंबर 2016 को उन्हें एलडीए वीसी का भी चार्ज दे दिया गया. योगी सरकार बनने के बाद वे 18 अप्रैल 2017 तक वीसी बने रहे. भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद उनको वीसी पद से हटा दिया गया.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी को प्रवर्तन निदेशालय से जो पत्र प्राप्त हुआ है. उसमें सीजी सिटी में हुई गड़बड़ी का उल्लेख है और इसी क्रम में रिपोर्ट सिटी के सामने रखने की सिफारिश की गई है. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इसी क्रम में कार्यवाही शुरू कर दी है.

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