लखनऊः एलडीए में हुए भूखंड घोटाले को लेकर अब जांच की प्रक्रिया तेज हो रही है. कंप्यूटर के रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ कर आरोपियों के नाम और दूसरी जानकारी बदलने के मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने प्लॉट एलॉटमेंट निरस्त करने की कार्रवाई शुरू करने का फैसला किया है. पहले चरण में सामने आए 50 प्लॉट एलॉटमेंट के कंप्यूटर रिकॉर्ड में दर्ज लोगों को नोटिस देकर साक्ष्य सहित अपना पक्ष रखने को कहा है. अगर इन आवंटियों के पास से एलडीए द्वारा एलॉटमेंट के वैध साक्ष्य नहीं दिखाए जाएंगे तो भूखंड आवंटन निरस्त कर उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी.
जांच अधिकारी ऋतु सुहास ने जारी की है नोटिस
एलडीए की जांच अधिकारी और संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने नोटिस जारी करके कहा है कि एलडीए के कंप्यूटर सेक्शन के एग्जीक्यूटिव सिस्टम एसबी भटनागर ने सचिव को भूखंडों की सूची उपलब्ध कराई थी. इन भूखंडों के कंप्यूटर रिकॉर्ड में उनकी आईडी का उपयोग करते हुए गलत रिकॉर्ड दर्ज किए गए और इसी तरह भूखंड घोटाले को अंजाम दिया गया. अब पचास लोगों को नोटिस जारी की गई है. एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने इस पूरे प्रकरण की जांच संयुक्त सचिव को सौंपी है तो आगे की कार्रवाई भी शुरू हो रही है.
आवंटन के कागजात में छेड़छाड़ तो होगी कार्रवाई
संयुक्त सचिव ऋतु सुहास के मुताबिक गलत दस्तावेज मिलने पर प्लॉट पर कब्जा वापस लेने के साथ ही संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा. पूर्व में एलडीए सर्वर की देखरेख कर रही कंपनी डिजिटेक के सीईओ और तकनीकी अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है. इसके साथ ही प्राधिकरण के अधिकारी सहित अन्य कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है जांच निष्कर्ष सामने आते ही कार्रवाई होगी.
आवंटियों से मांगे गए हैं मूल दस्तावेज
संयुक्त सचिव ऋतु सुहास की तरफ से अभी 50 लोगों को नोटिस जारी करके उनसे मूल दस्तावेज मांगे गए हैं. संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई 4 सदस्यीय समिति इन 50 आवंटियों की ओर से पेश किए जाने वाले मूल दस्तावेजों की जांच कर एलॉटमेंट निरस्त करने का फैसला करेगी. अगर कंप्यूटर में दर्ज रिकार्ड और आवंटियों के पास उपलब्ध मूल दस्तावेज में कोई फेरबदल होगा, तो आवंटन निरस्त करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
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सबसे बड़ा है भूखंड घोटाला
एलडीए के कंप्यूटर सेक्शन में रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ करके आवंटन और समायोजन में मनमानी की गई और यह अब तक लखनऊ विकास प्राधिकरण का सबसे बड़ा भूखंड घोटाला बन चुका है. 500 से अधिक कंप्यूटर रिकॉर्ड बदलकर प्लॉट आवंटन में छेड़छाड़ की गई है. अगले चरण में लखनऊ विकास प्राधिकरण सभी बाकी अन्य प्लॉट से संबंधित आवंटन को नोटिस देकर उनके मूल दस्तावेज की पड़ताल करेगा.