लखनऊ : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) का रिजल्ट बीते मंगलवार को देर रात जारी हुआ था. एनटीए की ओर से जारी नीट परीक्षा परिणाम में यूपी के मेधावियों ने अपना परचम फहराया है. लखनऊ में जहां बेहतर रैंक के साथ परीक्षार्थी सफल हुए हैं, वहीं देश भर में कुल 2 लाख 67 हजार 383 अभ्यर्थियों में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश से 1 लाख 39 हजार 961 अभ्यर्थी सफल रहे. इस परीक्षा यूपी के छात्रों का सबसे अधिक जलवा रहा. इस बार कटऑफ 602 तय की गई है. सफल अभ्यर्थी प्रदेश में उपलब्ध 8,528 सीटों पर एडमिशन ले सकेंगे.
बता दें कि बीती 7 मई को लखनऊ के 45 परीक्षा केंद्रों समेत प्रदेश भर के कई जिलों में इस परीक्षा (NEET Result 2023) के केंद्र बनाए गए थे. परीक्षा में कुल 2 लाख 67 हजार 383 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. इसमें शुभम बंसल टॉप 20 में जगह बनाने में कामयाब रहे. 715 अंक के साथ उनकी ऑल इंडिया 16वीं रैंक थी, वहीं ओबीसी केटेगरी के शिवम पटेल 710 अंक के साथ 29वीं रैंक हासिल करने में कामयाब रहे. इसके अलावा 41वें और 42वें नंबर पर भी यूपी के छात्र रहे. 710 अंक के साथ वैभव सिन्हा 41 रैंक और बरीरा अली 42 रैंक हासिल करने में सफल रहे. इसके अलावा लखनऊ निवासी यागिनी गुप्ता ने 4875 रैंक हासिल की है, वहीं वामिका गुप्ता ने 10,479 और अक्षिता ने 17,447 रैंक हासिल की है.
नीट में सफलता से मिली खुशी : नीट 2023 में 10,479 रैंक के साथ सफल होने वाली छात्रा वामिका गुप्ता ने ईटीवी से बातचीत के दौरान कहा कि 'डॉक्टर बनने का उनका खुद का निर्णय है. इसके लिए उन्होंने कोचिंग से अतिरिक्त घर पर भी पांच से छह घंटे पढ़ाई की है. वामिका ने बताया कि उसने 2021 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी. उनकी बड़ी बहन गार्गी गुप्ता भी एमबीबीएस डॉक्टर हैं. पिता सीएस गुप्ता भी डॉक्टर हैं जबकि मां सुमन गृहणी हैं. वामिका ने कहा कि वह गरीबों की मदद हमेशा करती रहेंगी.'
माता-पिता की इच्छा हुई पूरी : नीट 2023 में आल इंडिया 4875वीं रैंक के साथ पास हुई यागिनी ने बताया कि 'उनके माता पिता की इच्छा है कि वह डॉक्टर बनकर देश की सेवा करें. इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल की है. यागिनी ने बताया कि उनके मनोज गुप्ता ईपीएफओ बरेली में असिस्टेंट कमिश्नर हैं, जबकि मां ज्योति गुप्ता गृहणी हैं. यागिनी ने कहा कि बेटियों को डॉक्टर बनने का प्रयास करना चाहिए. इस माध्यम से हम उन गरीबों की भी मदद कर सकते हैं जिनका कोई सहारा नहीं होता है.'
उम्मीद है कि मिलेगा बेहतर कॉलेज : नीट में सफल होने वाली छात्रा शांभवी श्रीवास्तव की 18196 रैंक है. शांभवी ने बताया कि 'उन्होंने चौथी बार में सफलता हासिल की है, अब उन्हें उम्मीद है कि कोई बेहतर कॉलेज मिल जाएगा. शांभवी ने बताया कि उनके पिता जीएल श्रीवास्तव आरडीएसओ में इंजीनियर हैं, जबकि मां प्रियंका श्रीवास्तव गृहणी हैं. शांभवी ने कहा कि डॉक्टरों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. उन्हें कोविड काल से काफी प्रेरणा मिली है.'
माता-पिता का था सपना : नीट परिणाम में आल इंडिया रैंक 995 के साथ सफल हुए श्याम अग्रवाल की 647 कैटेगरी है. श्याम ने बताया कि 'उनके माता पिता की इच्छी है कि वह एक बेहतर डॉक्टर बनकर देश में अपना नाम कमाएं. श्याम ने कहा कि उनके पिता राजेश कुमार अग्रवाल ट्रेडिंग कंपनी में सेवा दे रहे हैं, जबकि मां सरित अग्रवाल एक निजी विद्यालय में प्रिंसिपल हैं. श्याम ने बताया कि वह अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता को देना चाहते हैं जो उन्होंने डॉक्टर बनाने का सपना देखा.'
पैरेंट्स की तरह बनना है सफल डॉक्टर : अर्णव सिंह (793 रैंक) ने बताया कि 'मेरे फादर डॉ. एमपी सिंह निजी हॉस्पिटल में आथोपेडिक्स सर्जन और मदर डॉ. चारू सिंह ईएनटी लोहिया में हैं. उनको बचपन से ही लोगों को मदद करते देखता आ रहा हूं. जिसकी वजह से डॉक्टर बनने की ओर मेरा भी झुकाव हुआ. साथ ही डॉक्टर बनकर आप समाज की भी सेवा करते हैं. अब मेरा फोकस एमएएमसी दिल्ली में एडमिशन लेने का है. नीट की तैयारी के लिए सुबह जल्दी उठकर पढ़ता हूं, एक घंटा योगा, उसके बाद क्लास करता था. फिर रात में भी कुछ समय पढ़ता था. साथ ही कोचिंग भी कर रहा था.'