लखनऊ: गरीब परिवार में जन्म हुआ. स्कूल के लिए जूते नहीं थे. गर्म कपड़े भी इनके पास नहीं होते थे. बड़ी जद्दोजहद कर पढ़ाई पूरी की. उत्तर प्रदेश के छोटे से जिले सिद्धार्थ नगर से निकल कर आईपीएस बने. हम बात कर रहे हैं सूबे के पूर्व डीजीपी बृजलाल की. उन्होंने 37 वर्ष भारतीय पुलिस की नौकरी करते हुए देश की सेवा की. नौकरी के दौरान सैफई परिवार के निशाने पर और बसपा प्रमुख मायावती के करीबी अफसरों में सुमार रहे बृजलाल अब भाजपा के टिकट पर राज्यसभा पहुंच गए हैं. बृजलाल ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान बताया कि वह सैफई के यादव परिवार के निशाने पर क्यों थे. एक मुख्यमंत्री के भाई पर कैसे लिखी एफआईआर, कैसे बसपा से हुआ मोह भंग और दलितों का सच्चा हितैषी कौन सा दल है.
नौ अप्रैल को वहां लोग कब्जा करने के लिए गए. शाह आलम खान सभी लोगों को पकड़कर थाने ले आए. उन्हें बंद कर दिया. मुकदमा कायम किया. थोड़ी देर में सैफई के प्रधान दर्शन सिंह यादव अपने कुछ लोगों के साथ थाने पहुंचे. उन्होंने थानाध्यक्ष के साथ बदतमीजी की. थानाध्यक्ष को थप्पड़ मारा. इस पर थाना अध्यक्ष ने उन्हें भी थाने में बंद कर दिया.
डेढ़ सौ लोगों के साथ शिवपाल ने थाने पर बोला था हमला
बृजलाल ने बताया कि इसके बाद किसी ने जाकर यादव परिवार से सारी बातें बताईं. शिवपाल यादव को यह बात नागवार गुजरी. वह सौ-डेढ़ सौ हथियारबंद लोगों के साथ थाने पर हमला बोल दिए. थाना अध्यक्ष को बुरी तरह से पीटा. पूरा थाना भाग गया. उसके बाद शाह आलम को पीटा, उसको कुर्सी से खींच कर के लात जूता मार के चले गए, जब मैं थाने पर पहुंचा तो वहां कोई नहीं था. पूरा थाना चला गया था. मेरे साथ सरकार की नइत्तफाकियां थीं. सरकार मुझे हटाने को लेकर असमंजस में थी.
अपराधियों से जलते थानाध्यक्ष पर लिखवाया मुकदमा
उन्होंने कहा कि 1972 बैच के मेरे डीआईजी थे, उनका मैं नाम नहीं लेना चाहता. उनको इटावा भेजा गया. डीआईजी ने जो मुलजिम छुड़ा लिए गए थे उनसे प्रार्थना पत्र लेकर के आठ फर्जी मुकदमें थाना अध्यक्ष शाह आलम के खिलाफ दर्ज करा दिया. डीआईजी सब कुछ तय करके वापस आ गए. मुझसे बोले कि कप्तान साहब सरकार चाहती है कि शाह आलम को जेल भेज दिया जाए. मैंने पूछा क्यों. उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री की तरफ से अपेक्षा की गई है. इस पर मैंने साफ मना कर दिया.
शिवपाल यादव पर दर्ज किया मुकदमा
बृजलाल ने बताया कि जब दारोगा शाह आलम से इस्तीफा लिखने के लिए दबाव बनाया जाने लगा तब मैंने उसे आदेश दिया कि प्रधान दर्शन सिंह और तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव खिलाफ मुकदमा कायम किया जाए. मुकदमा कायम किया गया. उसी के साथ मुझे नैनीताल ट्रेनिंग के लिए भेज दिया गया. राज्यसभा सांसद बृजलाल ने इंटरव्यू के दौरान ऐसे ही तमाम बातें बताईं हैं.