लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी मेडिकल हब के तौर पर उभर कर सामने आई है. इसके बावजूद राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों पर मरीजों का दबाव बना रहता है. नए साल में अस्पताल की व्यवस्था को लेकर ईटीवी भारत ने लखनऊ के सरकारी मेडिकल संस्थान राम मनोहर लोहिया के डायरेक्टर अरुण कुमार सिंह से बातचीत की. बातचीत में अरुण कुमार सिंह ने राम मनोहर लोहिया संस्थान में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं और भविष्य के प्लान की जानकारियां साझा कीं.
अस्पताल में लाई जा रही पारदर्शिता
अरुण कुमार सिंह ने बताया कि लोहिया संस्थान और अस्पताल में बेड की उपलब्धता को लेकर सवाल खड़े होते थे. इसको लेकर पारदर्शी व्यवस्था लागू की गई है. अस्पताल के सामने एक बोर्ड लगाया गया है. इस बेड की उपलब्धता के बारे में जानकारी दी जाती है. इससे स्पष्ट होता रहता है कि अस्पताल में बेड उपलब्ध हैं या नहीं. कई बार लोगों को अस्पताल में बेड की कमी के चलते दाखिला नहीं मिल पाता और मरीज के परिजन अस्पताल पर भेदभाव करने का आरोप लगते थे. अब पारदर्शी व्यवस्था लागू की गई है। इससे अस्पताल पर आरोप नहीं लगेंगे. इसी के साथ पैथोलॉजी और अन्य चिकित्सा सुविधाओं को लेकर भी पारदर्शी व्यवस्था लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
अस्पताल में डॉक्टरों की आवश्यकता
ओपीडी व्यवस्था को लेकर अरुण कुमार सिंह ने बताया कि लोहिया अस्पताल की ओपीडी में मरीजों के दबाव को कम करने के लिए डॉक्टरों की नियुक्ति की आवश्यकता है. लंबे समय से नियुक्ति प्रक्रिया लंबित है. इसको लेकर संस्था प्रयास कर रहा है. जल्द ही नियुक्ति कर लोहिया संस्थान की ओपीडी पर दबाव को कम किया जाएगा.
डॉक्टरों को दी जा रही प्रोफेशनल एथिक्स की शिक्षा
लोहिया संस्थान में एमबीबीएस सहित अन्य प्रोफेशनल कोर्स कराए जा रहे हैं. इसके साथ ही लोहिया संस्थान में डॉक्टरों के प्रोफेशनल एथिक्स और समाज के प्रति डॉक्टर की जिम्मेदारी के बारे में भी विद्यार्थियों को शिक्षा दी जा रही है.
मरीजों को बेहतर माहौल उपलब्ध कराने के हो रहे प्रयास
अरुण कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल में मरीजों और कर्मचारियों के लिए बेहतर माहौल बनाया जा रहा है. कई बार इस तरह की शिकायतें आती हैं कि मरीजों से स्वास्थ्य कर्मचारी अच्छे से व्यवहार नहीं करते. इसको लेकर कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं. साथ ही कर्मचारियों को ट्रेनिंग कराई जाएगी कि उन्हें मरीजों और तीमारदारों से किस तरह का बर्ताव करना है.