लखनऊ : अगले 3 साल में उत्तर प्रदेश अंतररा्ष्ट्रीय क्रिकेट का हब बन जाएगा. यहां फिलहाल तीन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम हैं. लखनऊ, कानपुर और नोएडा में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट हो चुका है. इसके अलावा अब गाजियाबाद और वाराणसी में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है. जिससे आने वाले 3 साल में उत्तर प्रदेश 5 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम से लैस हो जाएगा. महाराष्ट्र के अतिरिक्त देश के किसी अन्य राज्य में 5 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम नहीं हैं.
उत्तर प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को पहचान लंबे समय से मिलती रही है. कानपुर का ग्रीन पार्क अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम आजादी से पहले जब देश में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट होता था, तब देश के पांच टेस्ट मैच सेंटरों में शामिल था. यह सेंटर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता के अलावा कानपुर थे. जैसे जैसे देश में क्रिकेट बढ़ता गया ग्रीन पार्क स्टेडियम की उपयोगिता बढ़ती गई. यहां करीब दो दर्जन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेले गए, जिसमें एक दिवसीय टेस्ट और टी-20 शामिल हैं. इसके बाद लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेई इकाना अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में भी मुकाबले शुरू हो गए. यहां भारत और अफगानिस्तान के अलावा कई अन्य टीमों के लगभग आधा दर्जन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबले खेले जा चुके हैं. इसी तरह से नोएडा के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में भी अफगानिस्तान की टीम कई मुकाबले खेल चुकी है. अगले 3 साल में दो और स्टेडियम वाराणसी और गाजियाबाद में भी तैयार हो जाएंगे. उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव युद्धवीर सिंह ने बताया कि निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश के लिए गौरव वाली बात होगी यहां इतनी बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय मैच होंगे. निश्चित तौर पर हम सभी स्टेडियमों का बराबर सम्मान करते हुए सब में मुकाबले कराने की कोशिश करेंगे.
दूसरी और गाजियाबाद में, उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) अपने पहले अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के निर्माण की योजना पर वर्ष 2015 से काम कर रहा है. यूपीसीए ने पूर्व में जीडीए को जमा कराए गए नक्शे में कुल 32.5 एकड़ जमीन में 22 एकड़ जमीन पर स्टेडियम का निर्माण करना बताया था. भूमि पर पांच सितारा होटल, हास्टल समेत अन्य गतिविधियों के संचालन का नक्शा शामिल था. करीब 12 एकड़ जमीन का भू-उपयोग कृषि व अन्य का है. इसे परिवर्तित करने का मामला शासन के पास विचाराधीन है. वहीं बढ़े फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) का मामला अब तक नहीं निपट सका है. सांसद वीके सिंह के हस्तक्षेप के बाद दूर अड़चन हुई हैं, जल्द ही निर्माण पूरा हो जाएगा.
यह भी पढ़ें : राजधानी के बड़े अस्पतालों की कार्डियोलॉजी इमरजेंसी फुल, रोज आ रहे 10 से अधिक केस