लखनऊ : शनिवार को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के शताब्दी अस्पताल फेज 2 में इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ डिसीज पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसको करने का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर बीमारी की कोडिंग करना है. इससे मरीजों के इलाज करने में बेहद आसानी होगी.
कार्यशाला की प्रमुख बातें:
- ICD-10 की वर्कशॉप डॉक्टरों और प्रोफेसरों के लिए एक बेहतरीन और सकारात्मक कदम रहा.
- इस आयोजन में केजीएमयू के डॉक्टरों समेत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और केंद्रीय स्वास्थ्य आसूचना ब्यूरो के अधिकारी गण मौजूद रहे.
इस कार्यक्रम को करने का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर बीमारी की कोडिंग करना है. इससे मरीजों के इलाज करने में बेहद आसानी होगी. साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीमारी को पहचानने में मुश्किल नहीं आएगी.
-प्रोफेसर डॉ. एसके सिंह, डिपार्टमेंट ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन, केजीएमयू
इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ डिजीज की वर्कशॉप दो तरह से होती है. इसमें आज आयोजित हुई वर्कशॉप टर्शियरी केयर हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेजेस को शामिल कर की गई है. जिसमें टेक्निकल सेशन के द्वारा हम यह बता सकेंगे कि किसी भी बीमारी की कोडिंग कैसे करनी है. इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उस बीमारी को पहचानने में आसानी होगी.
-एमसी शुक्ला, डिप्टी डायरेक्टर, केंद्रीय स्वास्थ्य आसूचना ब्यूरो