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यूक्रेन से एमबीबीएस पास छात्रों के लिए यूपी में बढ़ेगी इंटर्न की सीटें - Central government's instructions to the states

पहले कोविड के कारण चीन से और अब युद्ध के कारण उक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर भारत लौटने वाले छात्रों को केंद्र सरकार एक बड़ी राहत देने वाली है. केंद्र सरकार ने राज्यों को ईंटर्नशिप की सीटें बढ़ाने का निर्देश दिया है. उत्तर प्रदेश से करीब 2 हजार छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने उक्रेन गए थे.

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Published : Mar 8, 2022, 4:57 PM IST

लखनऊ: यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को एकाएक युद्ध के कारण स्वदेश लौटना पड़ा. ऐसे ही कोविड काल में चीन से कई छात्र पढ़ाई बीच में ही छोड़कर भारत लौट आए थे. बीच में ही पढ़ाई छोड़ने से उनका भविष्य अधर में लटक गया है. ऐसे में केंद्र सरकार ने इन छात्रों को राहत देने का फैसला किया है. लिहाजा केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को इन छात्रों को इंटर्न कराने के निर्देश दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश में भी इंटर्न की सीटें बढ़ाई जा रही हैं.

अभी यूपी में हैं 7 हजार इंटर्न की सीटें
उल्लेखनीय है कि एमबीबीएस फाइनल करने वाले छात्रों को एक वर्ष का इंटर्न कोर्स करना अनिवार्य होता है. तभी उनके एमबीबीएस की डिग्री मान्य होती है. अभी तक विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों को उसी देश में एक वर्ष का इंटर्न करना होता था. वहीं, अब यूक्रेन से स्वदेश लौटे छात्रों के साथ-साथ कोविड-19 में बाधित हुई पढ़ाई को लेकर भी सरकार ने राहत दी है. अब छात्र अपने राज्यों में ही एक साल का इंटर्न कर सकेंगे. चिकित्सा शिक्षा के संयुक्त निदेशक डॉ. एनसी प्रजापति के मुताबिक राज्य में एमबीबीएस इंटर्न की 7000 सीटें हैं. वहीं, विदेश से आए छात्राओं को इंटर्न कराने के लिए सीटों में इजाफा किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: झोलाछाप के इंजेक्शन से मरीज की मौत पर हंगामा, पथराव में एसडीएम घायल

केंद्र ने तय किया कोटा, गाइड लाइन का इंतजार
केंद्र सरकार ने विदेशी एमबीबीएस इंटर्नशिप में कोटा भी तय करने का फैसला किया है. यह संबंधित मेडिकल कॉलेजों की अधिकतम सीटों का 7.50 फीसदी हो सकता है. यानी कि जिन मेडिकल कॉलेजों में 400 एमबीबीएस की सीटें हैं. वहां विदेश से एमबीबीएस पढ़कर आए 28 विद्यार्थी इंटर्नशिप कर सकते हैं. डॉ एनसी प्रजापति ने कहा कि केंद्र से गाइड लाइन आते ही मेडिकल कॉलेजों को विदेशी एमबीबीएस छात्रों के लिए रिजर्व सीट की लिस्ट भेज दी जाएगी. उत्तर प्रदेश के करीब 2 हजार छात्र यूक्रेन मेडिकल के पढ़ाई करने गए थे, इसमें फाइनल पास आउट की संख्या कितनी है, यह आवदेन करने पर ही पता चलेगा.

स्टेट मेडिकल फैकल्टी करेगी सत्यापन
यूपी में सरकारी मेडिकल कॉलेजों के अलावा 29 प्राइवेट कॉलेज हैं. इसमें चार माइनॉरिटी मेडिकल कॉलेज हैं. इनमें इंटर्न के लिए छात्रों को स्टेट मेडिकल फैकल्टी में दस्तावेजों का सत्यापन कराना होगा. फैकल्टी के विभागाध्यक्ष आशीष कुमार के मुताबिक छात्रों के कक्षा 10 से लेकर एमबीबीएस तक के दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा. इसके बाद ही वे मेडिकल कॉलेजों में एनओसी लेकर इंटर्न ज्वाइन कर सकेंगे.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को एकाएक युद्ध के कारण स्वदेश लौटना पड़ा. ऐसे ही कोविड काल में चीन से कई छात्र पढ़ाई बीच में ही छोड़कर भारत लौट आए थे. बीच में ही पढ़ाई छोड़ने से उनका भविष्य अधर में लटक गया है. ऐसे में केंद्र सरकार ने इन छात्रों को राहत देने का फैसला किया है. लिहाजा केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को इन छात्रों को इंटर्न कराने के निर्देश दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश में भी इंटर्न की सीटें बढ़ाई जा रही हैं.

अभी यूपी में हैं 7 हजार इंटर्न की सीटें
उल्लेखनीय है कि एमबीबीएस फाइनल करने वाले छात्रों को एक वर्ष का इंटर्न कोर्स करना अनिवार्य होता है. तभी उनके एमबीबीएस की डिग्री मान्य होती है. अभी तक विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों को उसी देश में एक वर्ष का इंटर्न करना होता था. वहीं, अब यूक्रेन से स्वदेश लौटे छात्रों के साथ-साथ कोविड-19 में बाधित हुई पढ़ाई को लेकर भी सरकार ने राहत दी है. अब छात्र अपने राज्यों में ही एक साल का इंटर्न कर सकेंगे. चिकित्सा शिक्षा के संयुक्त निदेशक डॉ. एनसी प्रजापति के मुताबिक राज्य में एमबीबीएस इंटर्न की 7000 सीटें हैं. वहीं, विदेश से आए छात्राओं को इंटर्न कराने के लिए सीटों में इजाफा किया जाएगा.

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केंद्र ने तय किया कोटा, गाइड लाइन का इंतजार
केंद्र सरकार ने विदेशी एमबीबीएस इंटर्नशिप में कोटा भी तय करने का फैसला किया है. यह संबंधित मेडिकल कॉलेजों की अधिकतम सीटों का 7.50 फीसदी हो सकता है. यानी कि जिन मेडिकल कॉलेजों में 400 एमबीबीएस की सीटें हैं. वहां विदेश से एमबीबीएस पढ़कर आए 28 विद्यार्थी इंटर्नशिप कर सकते हैं. डॉ एनसी प्रजापति ने कहा कि केंद्र से गाइड लाइन आते ही मेडिकल कॉलेजों को विदेशी एमबीबीएस छात्रों के लिए रिजर्व सीट की लिस्ट भेज दी जाएगी. उत्तर प्रदेश के करीब 2 हजार छात्र यूक्रेन मेडिकल के पढ़ाई करने गए थे, इसमें फाइनल पास आउट की संख्या कितनी है, यह आवदेन करने पर ही पता चलेगा.

स्टेट मेडिकल फैकल्टी करेगी सत्यापन
यूपी में सरकारी मेडिकल कॉलेजों के अलावा 29 प्राइवेट कॉलेज हैं. इसमें चार माइनॉरिटी मेडिकल कॉलेज हैं. इनमें इंटर्न के लिए छात्रों को स्टेट मेडिकल फैकल्टी में दस्तावेजों का सत्यापन कराना होगा. फैकल्टी के विभागाध्यक्ष आशीष कुमार के मुताबिक छात्रों के कक्षा 10 से लेकर एमबीबीएस तक के दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा. इसके बाद ही वे मेडिकल कॉलेजों में एनओसी लेकर इंटर्न ज्वाइन कर सकेंगे.

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