लखनऊ: यूपी में सभी 18 मंडलों में मंडल मुख्यालयों पर एकीकृत सरकारी कार्यालय बनेगा. इस कार्यालय में मंडलायुक्त के अलावा सभी मंडल स्तरीय अधिकारियों के कार्यालय होंगे. इस योजना के अमल में आने के बाद आम जनता को अपने काम के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. साथ ही कार्यों की फाइलें भी तेज रफ्तार से आगे बढ़ेंगी औऱ विभागों के बीच समन्वय बनाने में भी सहयोग मिलेगा. इसके लिए सीएम योगी ने सभी मंडल मुख्यालयों पर भूमि चिन्हित कर भवन निर्माण कराने के निर्देश दिए हैं और जल्द ही इसके लिए कार्य योजना भी बनेगी.
आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे नए एकीकृत कार्यालय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर यूपी में एकीकृत सरकारी कार्यालय परिसर के निर्माण एवं भूमि मुद्रीकरण के संबंध में गोरखपुर और वाराणसी मंडल का प्रस्तुतीकरण देखा. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नए एकीकृत सरकारी कार्यालयों में ऑडिटोरियम, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम, पार्किंग सहित सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हों. यह प्रयास किया जाए कि सभी विभागों के मंडलीय स्तर के अधिकारी नए भवन में बने एकीकृत सरकारी कार्यालय में कार्य कर सकें. इससे जनता को सुविधा होगी. अधिकारी उपलब्ध होंगे और उनकी जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी.
विभागों के समन्वय स्थापित करना होगा आसान
साथ ही सीएम ने कहा कि, एकीकृत कार्यालय होने से सभी विभागों के मध्य बेहतर समन्वय किया जा सकेगा. साथ ही आवागमन में होने वाले ईंधन और समय के ऊपर अपव्यय को भी रोका जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के एकीकृत कार्यालयों के लिए वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए भूमि चिन्हित की जाए. जिसमें कनेक्टिविटी का भी ध्यान रखा जाए.
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर एवं वाराणसी के प्रस्तुतीकरण के उपरांत संशोधित प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. साथ ही सीएम ने कहा कि राज्य के हर मंडल के लिए इसकी कार्ययोजना तैयार की जाए. प्रस्तुतीकरण के दौरान नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, मुख्य सचिव आरके तिवारी, राजस्व परिषद के अध्यक्ष दीपक त्रिवेदी, आर्थिक सलाहकार केवी राजू, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन और अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल समेत अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी मौजूद रहे.