लखनऊ : चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद शासन ने अपने कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए सहिंता का पालन सुनिश्चित कराने की शुरुआत कर दी है. राज्य के सभी जिला अधिकारियों को प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से आदेश दिया गया है कि वे सभी सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों को स्पष्ट कर दें कि किसी भी तरह से आचार संहिता का उल्लंघन न किया जाए.
साथ ही किसी भी राजनीतिक दल के प्रति लगाव दिखाना या अपने कामों से किसी के प्रति झुकाव प्रदर्शित करना आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा. सोशल मीडिया पर भी सरकारी कर्मचारियों का चुनाव प्रचार से जुड़ना आचार सहिंता का उल्लंघन माना जाएगा.
जिलाधिकारी लखनऊ जो कि लखनऊ के निर्वाचन अधिकारी भी हैं, उन्होंने एक आदेश जारी कर सभी कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिया है. इसमें कर्मचारियों से कहा गया है कि वे किसी भी हाल में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन न करें वरना उनके खिलाफ शासकीय नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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साथ ही चुनाव संबंधित ड्यूटी में पूरी तत्परता से शामिल होने के निर्देश कर्मचारियों को दिए गए हैं. उसमें किसी भी तरह की कोताही बरतने पर भी एक्शन लेने की बात कही गई है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है.
यहां सात चरणों में चुनाव होंगे. इसी बीच जो भी कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में भाग लेंगे, उनको फ्रंटलाइन वर्कर माना गया है. उनको कोरोना बूस्टर डोज अलग से लगाई जाएगी. साथ ही कर्मचारियों को आचार संहिता का भी शत-प्रतिशत पालन करना होगा. इसकी शुरुआत चुनाव आयोग की प्रेस वार्ता समाप्त होते ही हो गई है.
चुनाव आचार संहिता लगते ही लखनऊ विकास प्राधिकरण ने बोर्ड मीटिंग को स्थगित कर दिया है. चुनाव आचार संहिता के दौरान किसी भी तरह की जनहितकारी फैसले सरकारी एजेंसी नहीं ले सकतीं.
इसी वजह से बोर्ड मीटिंग को स्थगित किया गया है. इसके साथ ही प्रदेशभर में लगने वाले तहसील दिवस थाना दिवस और जनता दरबार सब कुछ आचार संहिता के दौरान स्थगित रहेंगे. लोगों की शिकायतें तो दर्ज हो सकेंगे. मगर सरकारी अधिकारी और मंत्री मुख्यमंत्री जनसुनवाई अलग से नहीं कर सकेंगे.
चुनाव आयोग को देना होगा एक-एक पाई का हिसाब, स्पेशल चाय से लेकर समोसे और रसमलाई तक का रेट फिक्स
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है. 10 फरवरी से 7 मार्च तक चुनाव और फिर 10 मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आने वाले हैं. 7 चरणों में होने वाले चुनावों को लेकर आचार संहिता लागू हो गई है. प्रत्याशियों के एक-एक खर्च का हिसाब रखने की तैयारी हो रही है.
ऑब्जर्वर की नियुक्ति से लेकर चुनाव आयोग की निगरानी सब कुछ तेजी से बढ़ती ही जाएगी. इन सबके बीच प्रत्याशियों के लिए खर्च की लिस्ट भी जारी की जा चुकी है. स्पेशल चाय से लेकर चालू चाय, समोसे से लेकर रसमलाई और रसगुल्ले तक का रेट फिक्स है. इतना ही नहीं टेबल कुर्सी लग्जरी गाड़ी से लेकर ट्रैक्टर ट्रॉली तक टेंट से लेकर कमरे तक सब कुछ के लिए आयोग के रेट निर्धारित है. हर तरह के खर्च का ब्यौरा देना होगा.