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राज्य के सभी बिजली कर्मचारियों के यहां 31 मार्च तक मीटर लगाने के निर्देश - 31 मार्च तक बिजली मीटर लगाने के निर्देश

उत्तर प्रदेश के बिजली कमर्चारी व पेंशनर्स अब रियायती दरों पर असीमित बिजली का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों को बिजली कर्मचारियों और पेंशनर्स के घरों पर मीटर लगाकर अन्य सभी आम उपभोक्ताओं की तरह बिल वसूले जाने के निर्देश जारी किए हैं.

बिजली मीटर
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Published : Jul 30, 2021, 10:50 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बिजली कमर्चारी व पेंशनर्स अब रियायती दरों पर असीमित बिजली का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों को बिजली कर्मचारियों और पेंशनर्स के घरों पर मीटर लगाकर अन्य सभी आम उपभोक्ताओं की तरह बिल वसूले जाने के निर्देश जारी किए हैं. आयोग ने बिजली कर्मचारियों व पेंशनर्स के यहां पर अगले वर्ष 31 मार्च तक मीटर लगवाने के आदेश दिए हैं.

वर्तमान समय में रियायती बिजली की सुविधा प्रदेश भर में करीब एक लाख बिजली कर्मचारियों व पेंशनर्स को मिल रही है. आयोग ने प्रति उपभोक्ता औसत उपभोग 600 यूनिट मानते हुए 6.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से विभागीय कमर्चारियों व पेंशनर्स को दी जाने वाली बिजली का राजस्व 442 करोड़ रुपये से ज्यादा आंकलन किया है. आंकलन के बाद यह फैसला लिया गया है.

वहीं राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को राहत देते हुए गुरुवार को ऐलान किया गया था कि प्रदेश में बिजली की दरें नहीं बढ़ेगी. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने यह फैसला देकर राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी. बता दें कि उत्तर प्रदेश में 12 फीसदी दरें बढ़ाने का प्रस्ताव बिजली कंपनियों की तरफ से दिया गया था, जिसका उपभोक्ता परिषद की तरफ से नियामक आयोग में कड़ा विरोध किया गया था. अब नियामक आयोग ने रेगुलेटरी सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया.

इसे भी पढ़ें - यूपी में नहीं बढ़ेंगी बिजली दरें, करोड़ों उपभोक्ताओं को मिली राहत

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बिजली कमर्चारी व पेंशनर्स अब रियायती दरों पर असीमित बिजली का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों को बिजली कर्मचारियों और पेंशनर्स के घरों पर मीटर लगाकर अन्य सभी आम उपभोक्ताओं की तरह बिल वसूले जाने के निर्देश जारी किए हैं. आयोग ने बिजली कर्मचारियों व पेंशनर्स के यहां पर अगले वर्ष 31 मार्च तक मीटर लगवाने के आदेश दिए हैं.

वर्तमान समय में रियायती बिजली की सुविधा प्रदेश भर में करीब एक लाख बिजली कर्मचारियों व पेंशनर्स को मिल रही है. आयोग ने प्रति उपभोक्ता औसत उपभोग 600 यूनिट मानते हुए 6.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से विभागीय कमर्चारियों व पेंशनर्स को दी जाने वाली बिजली का राजस्व 442 करोड़ रुपये से ज्यादा आंकलन किया है. आंकलन के बाद यह फैसला लिया गया है.

वहीं राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को राहत देते हुए गुरुवार को ऐलान किया गया था कि प्रदेश में बिजली की दरें नहीं बढ़ेगी. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने यह फैसला देकर राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी. बता दें कि उत्तर प्रदेश में 12 फीसदी दरें बढ़ाने का प्रस्ताव बिजली कंपनियों की तरफ से दिया गया था, जिसका उपभोक्ता परिषद की तरफ से नियामक आयोग में कड़ा विरोध किया गया था. अब नियामक आयोग ने रेगुलेटरी सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया.

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