लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोक भवन में अटल जी की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम के दौरान अटल बिहारी चिकित्सा विश्वविद्यालय का भी लोकार्पण किया. इस विश्वविद्यालय के बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विस्तार से बताया. प्रदेश में डॉक्टर जनसंख्या अनुपात व पूर्व स्थापित मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में यह विश्वविद्यालय अहम भूमिका निभाएगा.
चिकित्सा शिक्षा का समुचित होगा विकास
पूरे प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रमों व परीक्षाओं में एकरूपता और संचालित पाठ्यकमों को सम्बद्धता प्रदान किए जाने के लिए 'अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय उ.प्र. अधिनियम 2018' बनाया गया है. चिकित्सा विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने के उपरान्त प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा का समुचित विकास हो सकेगा. चिकित्सा जगत में उच्च स्तरीय उपचार एवं अनुसंधान हेतु एक सक्रिय व सकारात्मक वातावरण का निर्माण किया जा सकेगा.
सभी मेडिकल कॉलेज संबद्ध किए जाएंगे
सभी मेडिकल कॉलेज, डेन्टल कॉलेज, पैरामेडिकल व नर्सिंग के डिग्री पाठ्यक्रमों को एक ही विश्वविद्यालय से सम्बद्ध किया जाएगा. इसके बाद प्रदेश के सभी सरकारी, अर्द्धसरकारी व निजी कॉलेजों में समान शैक्षणिक कैलेण्डर लागू किया जा सकेगा, जिससे संचालित पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं निर्धारित समयावधि में पारदर्शी तरीके से कराई जा सकेंगी.
अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय यूपी लखनऊ से सरकारी, अर्द्धसरकारी व निजी क्षेत्र के 40 मेडिकल, 17 डेंटल कॉलेज, 299 नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों को सम्बद्धता प्रदान की जाएगी. 6210 मेडिकल छात्रों, 2016 डेण्टल छात्रों और 12544 नर्सिंग व पैरामेडिकल छात्रों को हर साल इनरोल किया जा सकेगा.
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ये भी जानें-
- राष्ट्रीय पुष्प 'कमल' की आकृति में विकसित किए जा रहे चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का आकार अटल जी के बहुआयामी व्यक्तित्व को स्वतः परिलक्षित करता है.
- अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विद्यालय की स्थापना के लिए सुलतानपुर रोड पर स्थित चक गंजरिया सिटी परियोजना में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने 50 एकड़ भूमि आवंटित की है.
- परियोजना के प्रथम चरण में प्रशासनिक भवन, प्रेक्षागृह, पुस्तकालय, संग्रहालय, अतिथि गृह, आवास आदि आनुषंगिक निर्माण प्रस्तावित है.
- परियोजना में 65 फीसदी ऊर्जा की बचत सौर ऊर्जा के प्रयोग द्वारा की जायेगी.
- इसी के साथ हरित निर्माण पद्धति व स्थानीय सामग्री का उपयोग करके भवन को सुदृढ़ बनाया जाएगा.
- प्राचीन शास्त्रों में वर्णित मानवजीवन हेतु उपयोगी कदम्ब, पारिजात, अशोक, नीम, मौलश्री, पीपल, अर्जुन, पलाश के अलावा फलदार वृक्षों आम, जामुन, अमरूद, केला आदि को भी लगाया जाएगा.
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चिकित्सा विश्वविद्यालय के निर्माण के प्रथम चरण में इन भवनों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है-
- प्रशासकीय भवन (क्षेत्रफल - 27540 वर्गमी. )
- ऑडिटोरियम 1500 क्षमता युक्त (क्षेत्रफल - 12600 वर्गमी.)
- पुस्तकालय में दो लाख पुस्तकों की व्यवस्था की जाएगी.
- इसमें 100 कम्प्यूटरों की व्यवस्था के साथ ई-पुस्तकालय की सुविधा भी उपलब्ध होगी.
- लघु संग्रहालय इसमें पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की यादों से जुड़े संस्मरण, कविताएं व ग्रन्थ संग्रहीत किए जाएंगें.
- खेल का मैदान व क्लॉक टावर भी विकसित किया जाएगा (क्षेत्रफल - 740 वर्गमी.)
- 1000 व्यक्तियों की क्षमता युक्त Amphitheatre (क्षेत्रफल - 500 वर्गमी. )
- अतिथि गृह (16 कमरे व 4 उच्च श्रेणी के कमरे क्षेत्रफल - 2730 वर्गमी.)
परियोजना क्षेत्र के चतुर्दिक 12 मीटर चौड़े मार्ग का निर्माण किया जाएगा, जिसके किनारे पौधारोपण करके ग्रीनबेल्ट क्षेत्र विकसित किया जाएगा. इससे वायु एवं ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम हो सकेगा. चिकित्सा विश्वविद्यालय परिसर के चतुर्दिक साईकिल ट्रैक व पैदल चलने के लिए ट्रैक निर्मित भी किया जाएगा. विश्वावद्यालय परिसर में प्रथम चरण में निर्मित किए जाने वाले भवनों को संलग्न करते हुए एक विशेष आकृति VIATA का निर्माण किया जाएगा, जो कि प्रस्तावित विश्वविद्यालय के आकर्षण का केन्द्र होगा.