लखनऊ : यूपी में सरकार लगातार निवेश को बढ़ावा देने के लिए तमाम तरह के प्रयास कर रही है. इंडस्ट्री विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, सभी एक्सप्रेसवे के किनारे सरकार ने इंडस्ट्रियल गलियारा बनाने का फैसला किया है, साथ ही सरकार ने लैंड बैंक बढ़ाने और पूर्व में खाली हुई सरकारी जमीनों को लैंड बैंक के रूप में उसे किए जाने की पूरी योजना तैयार की है. सभी एक्सप्रेस वे के किनारे इंडस्ट्रियल गलियारा बनाकर उनमें तमाम तरह के व्यवसाय व गतिविधियां शुरू कराई जाएंगी, जिससे उत्तर प्रदेश को विकास की राह पर तेजी से आगे ले जाया जा सकेगा, इसमें कई छोटी बड़ी औद्योगिक इकाइयों का भी निर्माण कराया जाएगा. औद्योगिक विकास विभाग ने जो कार्ययोजना बनाई है उसके अनुसार करीब एक हजार एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा. इससे लैंड बैंक तो बढ़ेगा ही छोटे बड़े उद्योग इन बनने वाले गलियारों में स्थापित कराए जाएंगे. इससे इनके स्थापित होने से उनके प्रोडक्ट सम्बंधित एक्सप्रेस वे सब जुड़े जिलों तक पहुंचने में आसानी हो सकेगी.
अधिकारियों का कहना है कि 'उद्योग को रफ्तार देने की पूरी योजना बनाई गई है. बुंदेलखंड, आगरा, लखनऊ, पूर्वांचल व गंगा एक्सप्रेसवे के दोनों किनारे पर औद्योगिक गलियारे को हरी झंडी दी गई है. इससे प्रदेश में 500 से ज्यादा छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों के स्थापित होने का रास्ता साफ हो जाएगा. इन चारों प्रमुख एक्सप्रेस वे के इंट्री व एग्जिट प्वॉइंट पर औद्योगिक गलियारे के निर्माण के लिए 100-100 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. गंगा एक्सप्रेस वे से इसकी शुरुआत होगी. इसके बाद अन्य जगहों पर इसका काम तेज किया जाएगा.'
यूपीडा के अफसरों का कहना है कि 'जो कार्ययोजना बनाई गई है उसके अनुसार सभी छोटी बड़ी 500 इकाइयों की स्थापना को ध्यान में रखते हुए इस बड़े प्रोजेक्ट में करीब 4 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसमें एक्सप्रेस वे के सहारे उद्योगों के विकास का ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है. सभी एक्सप्रेस वे के इंट्री व एग्जिट प्वाइंट पर उद्योग लगाने के डिजाइन प्लान, पर्सपेक्टिव प्लान, प्री गावलिटी व डीपीआर तैयार करने का जिम्मा यूपीडा को ही सौंपा गया है. योजना से जुड़े अफसरों का कहना है कि एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक गलियारे के लिए पहले सौ-सौ एकड़ भूमि का अधिग्रहण करने के बाद दूसरे चरण में डिमांड को देखते हुए और जमीन का अधिग्रहण करने का काम किया जाएगा.'
यूपीडा के अधिकारियों के अनुसार, चारों एक्सप्रेस वे के किनारे स्थापित होने वाली इकाइयां प्रदेश के किसी भी जिले में अपने प्रोडक्ट आसानी से पहुंचा पाएंगी. इससे विकास की रफ्तार तेज होगी. इससे सबसे ज्यादा विकास लॉजिस्टिक्स और वेयर हाउस सेक्टर का होगा, क्योंकि इनमें भंडारण वाले प्रोडक्ट की मांग में तेजी भी आएगी. एक्सप्रेस वे के औद्योगिक गलियारों के माध्यम से फल, सब्जी, डेयरी प्रोडक्ट सहित तमाम अन्य प्रोडक्ट के ट्रांसपोर्टेशन की रफ्तार बढ़ जाएगी.'
औद्योगिक विकास विभाग के राज्यमंत्री जसवंत सैनी कहते हैं कि 'सरकार निवेशकों की सहूलियत के लिए लगातार काम कर रही है. एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक गलियारों को बनाने का काम किया जाएगा. इसके लिए लैंड बैंक भी बढ़ाया जाएगा. करीब 500 से ज्यादा उद्योग स्थापित होंगे. इससे प्रदेश के अन्य जिलों तक इन उद्योग के प्रोडक्ट आदि पहुंचाने में आसानी होगी.'