लखनऊ : 'दांतों का क्राउन तैयार करने में आमतौर पर 7 से 10 दिन तक का समय लगता है, लेकिन डिजिटल स्कैनर की मदद से बहुत कम समय लगेगा. इसकी लागत भी अपेक्षाकृत कम आती है. इसके अलावा किसी भी कारणवश अगर दांत निकालने की नौबत आती है तो मैग्नेटिक मैलेट की मदद से नकली दांत लगाए जाने तक की प्रक्रिया में भी कम समय लगता है.' यह बातें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में आयोजित भारतीय प्रोस्थोडॉन्टिक्स सम्मेलन में यूपी डेंटल काउंसिल के सदस्य डॉ. कमलेश्वर सिंह ने कहीं.
जारी की गई विज्ञप्ति में उन्होंने बताया कि नकली दांत पर क्राउन चढ़ाना हो या रूट कैनाल ट्रीटमेंट के बाद क्राउन चढ़ाना हो, अभी तक इस प्रक्रिया में एक सप्ताह से 10 दिन तक का समय लग जाता है. डिजिटल स्कैनर से यह 30 मिनट के समय में क्राउन (Crown) और ब्रीज (Bridges) का निर्माण करेगा. स्कैनर रोगी का समय और लागत बचाता है. डॉ. कमलेश्वर सिंह ने बताया कि चुंबकीय मैलेट तत्काल प्रत्यारोपण सर्जरी के मामलों में दांतों को हटाने में मदद करता है.
सम्मेलन के आयोजन सचिव डॉ. पूरन चंद्र ने कहा कि 'हाल ही में इसके निर्माण में प्रयोग होने वाली सामग्रियां उन सामग्रियों पर ध्यान केंद्रित करती हैं जो प्राकृतिक त्वचा जैसी दिखती हैं. उन्होंने बताया कि बायोनिक आंख दूसरी असली आंख जैसी दिखती है, यहां तक कि आंख की पुतली, पलकें, उनका रंग असली जैसा ही दिखता है. उन्होंने टर्नोवा कैपसूल के सेवन के लाभ के बारे में बताया कि इसमें हल्दी की भूमिका खास है, जो लार में सोख लेती है और प्रतिदिन 50 मिलीग्राम हल्दी के बराबर प्रतिरोधक क्षमता रखती है. इससे पूर्व यूपी राज्य में भारतीय प्रोस्थोडॉन्टिक्स सोसाइटी के पहले सम्मेलन का उद्घाटन केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी ने किया. उन्होंने राज्य सम्मेलन की मेजबानी करने और केजीएमयू को विभिन्न स्तरों पर गौरवान्वित करने के लिए विभाग की फैकल्टी को बधाई दी.' इस दौरान अध्यक्ष डॉ. स्वतंत्र अग्रवाल, प्रो. डॉ. अरविंद त्रिपाठी, प्रो. हिमांशु ऐरन, डॉ. एनके अग्रवाल समेत अन्य लोग मौजूद रहे.
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