लखनऊ : इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान कई मैचों में कम स्कोर को लेकर विवादित रहीं अटल बिहारी वाजपेई इकाना स्टेडियम की पिचों का रिनोवेशन शुरू किया गया. सभी पिचों को खोदा गया है और नए सिरे से इसमें मिट्टी को भरकर पिचों को दुरुस्त किया जा रहा. पहले जिस तरह से लाल और काली मिट्टी के पिचे बनी हुई थी मिट्टी में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. स्टेडियम प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि नहीं कुछ नहीं बनाई जा रही हैं. यह एक रूटीन का प्रोसीजर है. हर बार ऐसे ही पिच की मरम्मत की जाती है. इस बार भी की जा रही है. दूसरी ओर सूत्रों का कहना है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की टीम सदस्य कमेटी की सिफारिश पर इकाना स्टेडियम की पिचों को लेकर नए सिरे से काम किया जा रहा है. विश्वकप के दौरान बेहतर टर्फ देने के लिए यह परिवर्तन किए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि लखनऊ में विश्वकप क्रिकेट प्रतियोगिता के दो से चार मैच आयोजित किए जा सकते हैं.
अटल बिहारी वाजपेई इकाना स्टेडियम की पिच को लेकर विवादों का सिलसिला तब शुरू हुआ जब यहां फरवरी में भारत और न्यूजीलैंड के बीच T20 मैच खेला गया था. इस मैच के 40 ओवर में मात्र 200 रन का स्कोर बना था. जिसके बाद में यह कहा जाने लगा था कि यहां विकेट बैटिंग के लिए उपयुक्त नहीं है. यहां तक कि तत्कालीन क्यूरेटर को भी हटा दिया गया था. इसके बाद में जब आईपीएल के मुकाबले शुरू हुए तब भी कुछ मैचों में बहुत कम रन बने.
इसके बाद में सूत्रों के हवाले से यह सूचनाएं आना शुरू हुईं कि इकाना कि लाल और काली मिट्टी वाले विकेटों को लेकर बीसीसीआई नाराज है. एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. जिसकी रिपोर्ट के आधार पर यहां विकेट में बदलाव किए जाएंगे. यह भी कहा गया था कि सभी पिच नए सिरे से बनाई जाएंगी. दूसरी ओर इंडियन प्रीमियर लीग के आखिरी मैच जो कि 16 मई को खेला गया था उसके बाद 26 मई को स्टेडियम के नजारे बदल गए हैं. विकेट खो दिए गए हैं. इकाना स्टेडियम के निदेशक उदय कुमार सिन्हा ने बताया कि विकेट की मरम्मत किया जाना एक रूटीन प्रोसीजर है. जो समय-समय पर होता है. जिस मिट्टी का इस्तेमाल पहले हुआ था उसी मिट्टी का इस्तेमाल किया जाएगा. कोई भी नया बदलाव इस स्टेडियम की विकेट पर नहीं किया जा रहा है. कोई नई पिच नहीं बनेगी. पुराने विकेट की मरम्मत की जा रही है.
यह भी पढ़ें : निकाय चुनावों के बाद अस्तित्व में आई शहरों की सरकार के सामने क्या होंगी चुनौतियां