लखनऊ: केजीएमयू में कोविड अस्पताल के राउंड के आदेश को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. इससे डॉक्टरों के साथ-साथ सामान्य मरीजों में भी संक्रमण का भी खतरा मंडरा रहा है. वहीं संस्थान प्रशासन जारी ऑर्डर को मरीजों के लिए हितकर बता रहा है.
केजीएमयू के लिंब सेंटर को कोविड अस्पताल बनाया गया है. इसमें 90 से अधिक कोरोना मरीज भर्ती हैं. कोविड अस्पताल में डॉक्टरों का ड्यूटी रोस्टर अलग है. यह डॉक्टर 14 दिन ड्यूटी करते हैं. इसके बाद कोविड में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर-स्टाफ क्वारन्टीन में रहते हैं. साथ ही आरटीपीसीआर टेस्ट कराकर मूल विभाग में ड्यूटी पर लौटते हैं. कोविड ड्यूटी के दौरान यह डॉक्टर सामान्य मरीज नहीं देखते हैं. वहीं विभाग भी नहीं जाते हैं. अब एक अप्रैल को कुलपति ने विभागों को नया ऑर्डर जारी किया है. इसमें 15 विभागों के प्रोफेसर, एडिशनल प्रोफेसर, असिटेन्ट प्रोफेसर में से किसी एक को कोविड अस्पताल में भर्ती मरीज का सुबह राउंड लेना होगा. इसको लेकर डॉक्टरों में ऑर्डर को लेकर हड़कम्प है. उनका कहना है कोविड ड्यूटी में हर विभाग से विशेषज्ञों की बारी-बारी से ड्यूटी लगती है. वहीं कोई दिक्कत होने पर वर्चुअल परामर्श भी डॉक्टर देते हैं. ऐसे में जनरल ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों से कोविड अस्पताल राउंड कराना चिकित्सकों के साथ-साथ मरीजों के लिए भी खतरा है.
इन विभागों की लगी ड्यूटी
मेडिसिन, कार्डियोलॉजी, क्रिटिकल केयर मेडिसिन, पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, ऑब्स एन्ड गायनी, पीडियाट्रिक्स, रेस्परेटरी मेडिसिन, गैस्ट्रो सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, रेडियोडायग्नोसिस, माइक्रोबायोलॉजी व एनस्थीसिया.
डॉक्टरों की ड्यूटी मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए लगाई गई है. पीपीई किट पहनकर राउंड लेना होगा. प्रोटोकॉल को सही से पालन करना होगा, इससे संक्रमण से बचा जा सकेगा.