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वायरल और डेंगू की वजह से अस्पतालों में बढ़ी भीड़, जांच के लिए मरीजों को करनी पड़ रही कड़ी मशक्कत - सरकारी अस्पतालों में मरीजों का लोड

राजधानी के सरकारी अस्पतालों में जांच कराने के लिए मरीजों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. वायरल बुखार और डेंगू की वजह से शहर के सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों का लोड बढ़ा है. ऐसे में जांच होने में 48 घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है. इसके अलावा भर्ती और ओपीडी में आने वाले मरीजों की दुश्वारियां भी बढ़ गई हैं.

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Published : Nov 1, 2022, 9:43 AM IST

लखनऊ : राजधानी के सरकारी अस्पतालों में जांच कराने के लिए मरीजों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. वायरल बुखार और डेंगू की वजह से शहर के सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों का लोड (load of patients in government hospitals) बढ़ा है. ऐसे में जांच होने में 48 घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है. इसके अलावा भर्ती और ओपीडी में आने वाले मरीजों की दुश्वारियां भी बढ़ गई हैं.



बलरामपुर अस्पताल (Balrampur Hospital) में रोजाना चार हज़ार से ज्यादा मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आ रहे हैं. 10 दिन पहले यह संख्या तीन हज़ार के आसपास थी. ओपीडी में इलाज देने के बाद लगभग 500 से 700 मरीजों को रोजाना खून से संबंधित जांच लिखी जा रही है. ऐसे में मरीजों की बढ़ी संख्या ने अस्पताल के दोनों ही पैथोलॉजी लैब पर लोड बढ़ा दिया है. वहीं पैथोलॉजी लैब में लगी तीन मशीनों में दो मशीनें खराब हैं. इस वजह से नमूनों की जांच प्रभावित हो रही है. ऐसे में मरीजों को जांच रिपोर्ट मिलने में दो से तीन दिन लग रहे हैं.


सिविल अस्पताल की ओपीडी (Civil Hospital OPD) में अब मरीजों की संख्या बढ़कर 3500-3800 हो चुकी है. ऐसे में अस्पताल में मरीजों की जांच की संख्या भी बढ़ी है. रोजाना 300 मरीजों के सैंपल लिए जाते थे, लेकिन अब 500 तक सैंपल अस्पताल प्रशासन इकट्ठा कर रहा है. ऐसे में जांच रिपोर्ट आने में 36 घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है. मरीजों के भी अचानक बढ़ जाने से पैथोलॉजी में खून के नमूने देने वाले मरीजों की भीड़ लग रही है.


गर्भवती महिलाओं (pregnant women) की समस्या बढ़ी : गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को किसी भी प्रकार की दवाएं खाने से चिकित्सक मना करते हैं. ऐसे में इन दिनों वायरल और डेंगू की आशंका को चलते बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं अस्पताल पहुंच रही हैं. रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmi Bai Hospital) समेत सभी महिला अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की भीड़ देखी जा सकती है. ऐसे में जांच के लिए खून के नमूने लेने में अस्पताल कर्मियों को घंटों समय लग जा रहा है.

यह भी पढ़ें: स्विमिंग कॉस्टयूम के लिए वाटर पार्क से नहीं वसूल सकते मनोरंजन कर: हाईकोर्ट

लखनऊ : राजधानी के सरकारी अस्पतालों में जांच कराने के लिए मरीजों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. वायरल बुखार और डेंगू की वजह से शहर के सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों का लोड (load of patients in government hospitals) बढ़ा है. ऐसे में जांच होने में 48 घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है. इसके अलावा भर्ती और ओपीडी में आने वाले मरीजों की दुश्वारियां भी बढ़ गई हैं.



बलरामपुर अस्पताल (Balrampur Hospital) में रोजाना चार हज़ार से ज्यादा मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आ रहे हैं. 10 दिन पहले यह संख्या तीन हज़ार के आसपास थी. ओपीडी में इलाज देने के बाद लगभग 500 से 700 मरीजों को रोजाना खून से संबंधित जांच लिखी जा रही है. ऐसे में मरीजों की बढ़ी संख्या ने अस्पताल के दोनों ही पैथोलॉजी लैब पर लोड बढ़ा दिया है. वहीं पैथोलॉजी लैब में लगी तीन मशीनों में दो मशीनें खराब हैं. इस वजह से नमूनों की जांच प्रभावित हो रही है. ऐसे में मरीजों को जांच रिपोर्ट मिलने में दो से तीन दिन लग रहे हैं.


सिविल अस्पताल की ओपीडी (Civil Hospital OPD) में अब मरीजों की संख्या बढ़कर 3500-3800 हो चुकी है. ऐसे में अस्पताल में मरीजों की जांच की संख्या भी बढ़ी है. रोजाना 300 मरीजों के सैंपल लिए जाते थे, लेकिन अब 500 तक सैंपल अस्पताल प्रशासन इकट्ठा कर रहा है. ऐसे में जांच रिपोर्ट आने में 36 घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है. मरीजों के भी अचानक बढ़ जाने से पैथोलॉजी में खून के नमूने देने वाले मरीजों की भीड़ लग रही है.


गर्भवती महिलाओं (pregnant women) की समस्या बढ़ी : गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को किसी भी प्रकार की दवाएं खाने से चिकित्सक मना करते हैं. ऐसे में इन दिनों वायरल और डेंगू की आशंका को चलते बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं अस्पताल पहुंच रही हैं. रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmi Bai Hospital) समेत सभी महिला अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की भीड़ देखी जा सकती है. ऐसे में जांच के लिए खून के नमूने लेने में अस्पताल कर्मियों को घंटों समय लग जा रहा है.

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