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AAP और सपा की नजदीकी से अपनों में ही हलचल, टिकट की आस में पार्टी से जुड़े नेताजी हुए बेचैन - आम आदमी पार्टी

आप सांसद संजय सिंह बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिले. दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक बंद कमरे में गुफ्तगू हुई. अचानक हुई इस राजनीतिक घटनाक्रम ने सियासी पारा चढ़ा दिया है. वहीं इससे आप में अंदरूनी घमासान भी शुरू हो गया है. तनाव सीटों के बंटवारे का है.

AAP और सपा की नजदीकी से अपनों में ही हलचल
AAP और सपा की नजदीकी से अपनों में ही हलचल
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Published : Nov 25, 2021, 11:18 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने का दम भर रही आम आदमी पार्टी (AAP) ने चुनावी बिसात पर एक नया पासा फेंक दिया है. पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी सांसद संजय सिंह बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिले. दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक बंद कमरे में गुफ्तगू हुई. अचानक हुई इस राजनीतिक घटनाक्रम ने सियासी पारा चढ़ा दिया है. गठबंधन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है. इस बदले हुए समीकरण से अब आम आदमी पार्टी में अंदरूनी घमासान भी शुरू हो गया है. तनाव सीटों के बंटवारे का है.

असल में, टिकट की आस में कई चेहरे दूसरे राजनीतिक दलों को छोड़कर आम आदमी पार्टी से जुड़े थे. आम आदमी पार्टी की तरफ से 170 विधानसभा सीटों पर विधानसभा प्रभारी/प्रत्याशी के नामों की घोषणा भी कर दी गई थी. पार्टी ने साफ किया था कि इनके चेहरे पर ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा.

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो दोनों पार्टियों के बीच अगर यह गठबंधन होता है (जो कि बुधवार को लगभग तय हो चुका है) तो आम आदमी पार्टी को प्रदेश में 10 से 12 सीटों पर ही संतुष्टि करनी पड़ सकती है. इसमें भी ज्यादातर सीटें दिल्ली-एनसीआर से जुड़े हुए इलाके साथ कुछ शहरी क्षेत्र की हो सकती हैं.

इन हालातों में उन नेताओं का क्या होगा जो टिकट की आस में आम आदमी पार्टी से जुड़े और चुनाव लड़ने की उम्मीद के साथ महीनों से क्षेत्र में काम कर रहे हैं. इनमें, बुधवार से ही हलचल मची हुई है. आप के उत्तर प्रदेश प्रभारी सांसद संजय सिंह भले ही सीटों के बंटवारे को लेकर चुप्पी साध गए हैं, लेकिन पार्टी के लिए जमीन पर कार्य कर रहे कार्यकर्ताओं और नेताओं में इसको लेकर काफी बेचैनी है.

इसे भी पढ़ें-UP Election 2022: अखिलेश यादव से मिले आप सांसद संजय सिंह, गठबंधन पर हुई चर्चा

बता दें, उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी इस समय अपनी जमीन तलाश रही हैं. अभी तक उनका कोई मजबूत जनाधार नहीं रहा है. दिल्ली मॉडल को उत्तर प्रदेश में भी उतारने के वादे के साथ पार्टी जनता के बीच में जा रही है.

यह लगाए जा रहे कयास
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लगातार छोटे-छोटे राजनीतिक संगठनों से गठबंधन कर रहे हैं. ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय जनता पार्टी, जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोक दल और उसके बाद आम आदमी पार्टी का एक गठबंधन बेहद खास है. जानकारों की मानें तो, बीते दिनों सांसद संजय सिंह सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को उनके जन्मदिन पर बधाई देने भी पहुंचे थे. इस दौरान उनकी फोटो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुई थी. तभी से लगातार गठबंधन को लेकर कयास लगाए जा रहे थे.



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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने का दम भर रही आम आदमी पार्टी (AAP) ने चुनावी बिसात पर एक नया पासा फेंक दिया है. पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी सांसद संजय सिंह बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिले. दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक बंद कमरे में गुफ्तगू हुई. अचानक हुई इस राजनीतिक घटनाक्रम ने सियासी पारा चढ़ा दिया है. गठबंधन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है. इस बदले हुए समीकरण से अब आम आदमी पार्टी में अंदरूनी घमासान भी शुरू हो गया है. तनाव सीटों के बंटवारे का है.

असल में, टिकट की आस में कई चेहरे दूसरे राजनीतिक दलों को छोड़कर आम आदमी पार्टी से जुड़े थे. आम आदमी पार्टी की तरफ से 170 विधानसभा सीटों पर विधानसभा प्रभारी/प्रत्याशी के नामों की घोषणा भी कर दी गई थी. पार्टी ने साफ किया था कि इनके चेहरे पर ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा.

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो दोनों पार्टियों के बीच अगर यह गठबंधन होता है (जो कि बुधवार को लगभग तय हो चुका है) तो आम आदमी पार्टी को प्रदेश में 10 से 12 सीटों पर ही संतुष्टि करनी पड़ सकती है. इसमें भी ज्यादातर सीटें दिल्ली-एनसीआर से जुड़े हुए इलाके साथ कुछ शहरी क्षेत्र की हो सकती हैं.

इन हालातों में उन नेताओं का क्या होगा जो टिकट की आस में आम आदमी पार्टी से जुड़े और चुनाव लड़ने की उम्मीद के साथ महीनों से क्षेत्र में काम कर रहे हैं. इनमें, बुधवार से ही हलचल मची हुई है. आप के उत्तर प्रदेश प्रभारी सांसद संजय सिंह भले ही सीटों के बंटवारे को लेकर चुप्पी साध गए हैं, लेकिन पार्टी के लिए जमीन पर कार्य कर रहे कार्यकर्ताओं और नेताओं में इसको लेकर काफी बेचैनी है.

इसे भी पढ़ें-UP Election 2022: अखिलेश यादव से मिले आप सांसद संजय सिंह, गठबंधन पर हुई चर्चा

बता दें, उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी इस समय अपनी जमीन तलाश रही हैं. अभी तक उनका कोई मजबूत जनाधार नहीं रहा है. दिल्ली मॉडल को उत्तर प्रदेश में भी उतारने के वादे के साथ पार्टी जनता के बीच में जा रही है.

यह लगाए जा रहे कयास
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लगातार छोटे-छोटे राजनीतिक संगठनों से गठबंधन कर रहे हैं. ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय जनता पार्टी, जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोक दल और उसके बाद आम आदमी पार्टी का एक गठबंधन बेहद खास है. जानकारों की मानें तो, बीते दिनों सांसद संजय सिंह सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को उनके जन्मदिन पर बधाई देने भी पहुंचे थे. इस दौरान उनकी फोटो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुई थी. तभी से लगातार गठबंधन को लेकर कयास लगाए जा रहे थे.



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