लखनऊ : राजधानी में गुरुवार को ट्रांसपोर्ट कारोबारी के ठिकानों पर इनकम टैक्स ने छापेमारी की है. ये छापेमारी ट्रांसपोर्ट नगर में सेंट्रल ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक के घर व कार्यालय में हुई है. सूचना के मुताबिक, सेंट्रल ट्रांसपोर्ट कंपनी पर आरोप है कि सेल कंपनी बनाकर इनकम टैक्स की चोरी कर रहे थे. कंपनी के मालिक लईक अहमद थे, जिनकी कोरोना से मौत हो गई थी. अब इनके बेटे यह ट्रांसपोर्ट चलाते हैं. 300 से ज्यादा बसें इनके पास हैं. कंपनी का एक दफ्तर उदयगंज में भी है. फिलहाल छापेमारी अभी भी चल रही है और टीम को कई दस्तावेज हाथ लगे हैं.
सरोजनीनगर के ट्रांसपोर्ट नगर में सी-14 में सेंट्रल ट्रांसपोर्ट कम्पनी का कार्यालय संचालित है जहां से सैकड़ों बसों का संचालन किया जाता है. इस कंपनी के मालिक लईक थे, जिनके देहांत के बाद अब यह कंपनी उनके बेटे मो अमान चलाते हैं. गुरुवार सुबह लगभग 8:00 बजे भारी सुरक्षा बल जवानों संग आयकर विभाग की टीम ने इस कंपनी पर छापा डाला. इस दौरान सुरक्षा बल कंपनी के मुख्य द्वार पर मुस्तैद रहे और छापेमारी के दौरान किसी का भी आना जाना बंद रहा. आयकर विभाग की टीम देर रात तक कम्पनी के अंदर ही मौजूद रही. सूत्रों के मुताबिक, टीम को टैक्स चोरी से संबंधित कई अहम दस्तावेज मिले हैं.
वहीं इनकम टैक्स की टीम ने सीतापुर में किमाम व्यवसायी के घर व फैक्ट्री पर भी छापेमारी की है. बिसवां कोतवाली क्षेत्र में किमाम व्यवसायी सरताज अहमद के जहांगीराबाद रोड स्थित आवास तथा रामाभारी व कमियापुर स्थित फैक्ट्री पर गुरुवार सुबह 10 बजे इनकम टैक्स व जीएसटी की संयुक्त टीम एक साथ कार्रवाई को पहुंची. इसकी खबर फैलते ही कारोबारियों में हड़कंप मच गया. देर रात तक चली इस छापेमारी में इनकम टैक्स अधिकारी कई अहम दस्तावेजों को लेकर निकल गए.
इससे पहले बीते दिसम्बर में टैक्स चोरी की शिकायतों के आधार पर लखनऊ व दिल्ली की आयकर टीम ने लखनऊ, उन्नाव, बरेली, कानपुर समेत कई शहरों में मीट निर्यातकों के ठिकानों पर एक साथ संयुक्त रूप से छापे मारे थे. छापे के दौरान टीम को टैक्स भुगतान में गड़बड़ी से संबंधित तमाम दस्तावेज मिले थे. आयकर टीम ने लखनऊ के बालागंज में स्थित मीट व्यापारी मोहम्मद सलीम की कंपनी रूस्तम फूड प्राइवेट लि. के यहां छापा मारकर दस्तावेज की जांच की थी. आयकर की टीम ने कानपुर में केमिकल कारोबारी के जाजमऊ स्थित गोदाम और कार्यालय में दस्तावेज की पड़ताल की थी. फर्मों का टर्नओवर 65 करोड़ मिला है. बड़े पैमाने पर दस्तावेज जब्त किए गए हैं.
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