लखनऊ : यूपी में फरवरी के महीने में गर्मी शुरू हो गई है. फरवरी के महीने में लगातार तापमान बढ़ता जा रहा है. इसी बढ़ते तापमान ने अग्निशमन विभाग की चिंता बढ़ा दी है. बीते दिनों राजधानी समेत राज्य के अलग-अलग जिलों में आग की घटनाएं बढ़ रही हैं, बल्कि आमतौर पर ऐसी घटनाएं मई और जून के महीने में होती हैं. ऐसे में अग्निशमन विभाग ने लोगों को बढ़ते तापमान में आग की घटनाओं से बचने के लिए जागरूकता अभियान शुरू कर दिए हैं तो खुद को भी तैयारियों को मजबूती देना शुरू कर दिया है.
राजधानी में बीते हफ्ते आग लगने की 6 घटनाएं चिंता बढ़ा रही हैं. पहले नगर निगम के डंप यार्ड में आग लगी और फिर एक के बाद एक 6 स्थानों में आग लग गई. आंकड़े भी गवाही दे रहे हैं कि साल 2023 को फरवरी आग बरसा रही है. 1 फरवरी से लेकर 15 फरवरी तक ही राजधानी में 61 आग लगने की घटनाएं घटित हो चुकी हैं. जबकि बीते सालों में ये संख्या पूरे महीने में नहीं होती थी. बीते कुछ वर्षों की बात करें तो साल 2022 की फरवरी में 100, 2021 में 99, 2020 में 80 घटनाएं पूरे महीने घटित हुई थीं, वहीं सबसे अधिक अप्रैल और मई में आग लगने की घटनाएं होती हैं.
लखनऊ के मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) मंगेश कुमार कहते हैं कि 'फरवरी में अचानक तापमान बढ़ने से आग की घटनाएं बढ़ रही हैं. वो कहते हैं आमतौर पर अप्रैल से लेकर जून तक आग की घटनाएं अधिक संख्या में होती हैं, लेकिन फरवरी में आग की घटनाएं होते देख उनकी टीम दोगुनी ताकत से मेहनत करने में जुट गई है.' सीएफओ कहते हैं कि 'वैसे तो अग्निशमन विभाग चौबीस घंटे चौकन्ना रहती है, लेकिन अब हमने फायर टेंडर तहसील स्तर पर खड़े करने शुरू कर दिए हैं. ऐसे हर वर्ष ये फायर टेंडर अप्रैल से खड़े किए जाते हैं.
गर्मी में अधिक होते हैं शॉर्ट सर्किट : सीएफओ के मुताबिक, 'तापमान बढ़ते ही आग लगने का खतरा सबसे ज्यादा होता है, जिसकी बड़ी वजह शॉर्ट सर्किट होती है.' सीएफओ कहते हैं कि गर्मी से बचाव के लिए लोग फैक्ट्री, घर और कार्यालयों में बिजली से चलने वाले अलग-अलग उपकरणों का उपयोग लंबे वक्त तक के लिए करते हैं. जिससे मशीनों पर लोड बढ़ जाता है और शॉर्ट सर्किट होने के कारण आगजनी का खतरा बढ़ जाता है. यही नहीं घरों में रखे सिलेंडर में लगने वाले बेकार क्वालिटी के पाइप भी आगजनी का कारण बनते हैं.'
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