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श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए श्रद्धालुओं ने दी धनराशि

लखनऊ में संस्कृत भारती अवध प्रांत की ओर से 7 फरवरी को निधि समर्पण अभियान का आयोजन किया गया. इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चेक के जरिए धनराशि दी. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शहर के इतिहासविद पद्मश्री डाॅ योगेश प्रवीन थे.

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Published : Feb 8, 2021, 11:31 AM IST

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए श्रद्धालुओं ने दी धनराशि
अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए श्रद्धालुओं ने दी धनराशि

लखनऊ : संस्कृत भारती अवध प्रांत की ओर से 7 फरवरी को निधि समर्पण अभियान का आयोजन किया गया. इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चेक के जरिए धनराशि दी. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शहर के इतिहासविद पद्मश्री डाॅ योगेश प्रवीन थे.

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए श्रद्धालुओं ने दी धनराशि
अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए श्रद्धालुओं ने दी धनराशि

मुख्य अतिथि ने कहा- 'सबके आदर्श हैं श्रीराम'

मुख्य अतिथि ने इस अवसर पर कहा कि भगवान श्रीराम की पूजा तो सर्वत्र होती है. देश के दक्षिण और उत्तर दोनों भागों में होती हैं. उन्होंने कहा कि बहुत से लोग अयोध्या के बारे में विवाद पूर्ण बात करते हैं कि यह अयोध्या असली अयोध्या नहीं है. उनका कहना था कि एक बार उनके सामने भी यह बात आई तो उन्होंने कहा कि उनकी मां प्रथम गुरू हैं. मां ने उनको बताया था कि सरयू किनारे बसी हुई अयोध्या ही असली अयोध्या है. लोग ऐसी ही अनर्गल बाते करते हैं. एक बार किसी सज्जन ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम के बर्तन तो मिलते नहीं हैं. इस पर उन्होंने कहा कि अपने परदादा का कोट ला दीजिए. जिस पर उस सज्जन ने कहा कि परदादा का कोट तो नहीं मिल पाएगा. तब उन्होंने कहा कि आप अपने परदादा का कोट संभाल कर नहीं रख सकते हैं, तो हमारे श्रीराम के बर्तन के बारे पूछ रहें हैं.

स्वामी सूर्य देव ने कहा-

मध्य प्रदेश से आए स्वामी सूर्य देव ने कहा कि आदमी वही करता है जो वह देखता है. किसी का कहा कोई नहीं करता है. श्रीराम ने जो किया है हम उसको देखते हैं. कोई महापुरूष अपने बारे में लिख के नहीं गया है. हम उनके चरित्र में जो देखते हैं उसे ही करते हैं. हमारे पूर्वजों से जो थाती मिली है हम उसी को लेकर चल रहे हैं. जिसके मन जो होता है वह वैसे ही सोचता है, उसके बारे में तो कुछ नहीं किया जा सकता है.

इस मौके पर लखनऊ महानगर अध्यक्ष बृजेश मिश्र ने आये हुए अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम में उ. प्र. संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष डाॅ वाचस्पति मिश्र, संस्कार भारती अवध प्रांत के अध्यक्ष शोभन लाल उकिल, अवध प्रांत के पूर्णकालिक विभाग संगठन मंत्री गौरव नायक सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए.

लखनऊ : संस्कृत भारती अवध प्रांत की ओर से 7 फरवरी को निधि समर्पण अभियान का आयोजन किया गया. इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चेक के जरिए धनराशि दी. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शहर के इतिहासविद पद्मश्री डाॅ योगेश प्रवीन थे.

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए श्रद्धालुओं ने दी धनराशि
अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए श्रद्धालुओं ने दी धनराशि

मुख्य अतिथि ने कहा- 'सबके आदर्श हैं श्रीराम'

मुख्य अतिथि ने इस अवसर पर कहा कि भगवान श्रीराम की पूजा तो सर्वत्र होती है. देश के दक्षिण और उत्तर दोनों भागों में होती हैं. उन्होंने कहा कि बहुत से लोग अयोध्या के बारे में विवाद पूर्ण बात करते हैं कि यह अयोध्या असली अयोध्या नहीं है. उनका कहना था कि एक बार उनके सामने भी यह बात आई तो उन्होंने कहा कि उनकी मां प्रथम गुरू हैं. मां ने उनको बताया था कि सरयू किनारे बसी हुई अयोध्या ही असली अयोध्या है. लोग ऐसी ही अनर्गल बाते करते हैं. एक बार किसी सज्जन ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम के बर्तन तो मिलते नहीं हैं. इस पर उन्होंने कहा कि अपने परदादा का कोट ला दीजिए. जिस पर उस सज्जन ने कहा कि परदादा का कोट तो नहीं मिल पाएगा. तब उन्होंने कहा कि आप अपने परदादा का कोट संभाल कर नहीं रख सकते हैं, तो हमारे श्रीराम के बर्तन के बारे पूछ रहें हैं.

स्वामी सूर्य देव ने कहा-

मध्य प्रदेश से आए स्वामी सूर्य देव ने कहा कि आदमी वही करता है जो वह देखता है. किसी का कहा कोई नहीं करता है. श्रीराम ने जो किया है हम उसको देखते हैं. कोई महापुरूष अपने बारे में लिख के नहीं गया है. हम उनके चरित्र में जो देखते हैं उसे ही करते हैं. हमारे पूर्वजों से जो थाती मिली है हम उसी को लेकर चल रहे हैं. जिसके मन जो होता है वह वैसे ही सोचता है, उसके बारे में तो कुछ नहीं किया जा सकता है.

इस मौके पर लखनऊ महानगर अध्यक्ष बृजेश मिश्र ने आये हुए अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम में उ. प्र. संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष डाॅ वाचस्पति मिश्र, संस्कार भारती अवध प्रांत के अध्यक्ष शोभन लाल उकिल, अवध प्रांत के पूर्णकालिक विभाग संगठन मंत्री गौरव नायक सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए.

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