लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के पंचम तल और गृह विभाग के अधिकारियों से लेकर डीजीपी व वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को तलब किया. प्रदेश में सत्ताधारी दल के सांसदों और विधायकों की जिलों के अधिकारियों द्वारा सुनवाई न करने की बात केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंची थी. बीते दिनों बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने सीएम योगी की मुलाकात की थी. इसके बाद सीएम ने रविवार को सभी टॉप अधिकारियों के पेंच कसे.
सीएम ने गंभीरता से कार्य करने के दिए निर्देश : सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले अपने किसी भी नेता, विधायक और सांसदों को नाराज नहीं करना चाहती है. लिहाजा बीते दिनों पार्टी के नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से अधिकारियों द्वारा सुनवाई न करना, कार्यों में हीलाहवाली बरतना और जनता के काम में रुचि न लेने की शिकायत की थी. इस पर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं व सीएम योगी की मुलाकात के दौरान चर्चा हुई थी. रविवार को सीएम ने मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को तलब किया. इस दौरान सीएम योगी ने सभी अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सभी लंबित फाइलों को जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश देते हुए जनप्रतिनिधियों और जनता से जुड़े कार्यों पर गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए.
सीएम योगी की फटकार के बाद मुख्य सचिव ने की हाईलेवल मीटिंग : सीएम योगी की फटकार के बाद मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने तत्काल सभी जिलों के मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और पुलिस कप्तानों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की. बैठक में डीजीपी विजय कुमार और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद भी मौजूद रहे. बैठक में मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को सख्त लहजे में चेतावनी दी कि, जो भी अधिकारी तैनाती स्थान पर निवास नहीं कर रहा है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. सरकारी अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी में डॉक्टर अगर नही मिले तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. मुख्य सचिव ने निर्देश देते हुए कहा कि, जनशिकायतों का निस्तारण जल्द से जल्द किया जाए, विभिन्न माध्यमों से मिलने वाली शिकायतों को भी गंभीरता से लेने के निर्देश दिए गए.
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