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लोहिया संस्थान में MBBS छात्रों के कटवाए गए बाल, जानिए वजह..

लखनऊ के लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस के नए छात्रों के बाल फिर कटवा दिए गए. इसके चलते नए छात्रों में सीनियर्स को लेकर दहशत है.

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लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान
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Published : Apr 15, 2022, 8:21 PM IST

लखनऊ: राजधानी के लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस के नए छात्रों के बाल फिर कटवा दिए गए हैं. सभी छात्रों ने हॉस्टल में ही एक-दूसरे के ट्रिमर से बाल छोटे कर दिए. बताया जाता है कि गत वर्ष की तरह इस साल भी सीनियर्स के फरमान की वजह से नए छात्रों के बाल छोटे करवाए गए जबकि संस्थान प्रशासन किसी भी तरह की रैगिंग की घटना से इनकार कर रहा है.

जूनियर छात्र के मुताबिक सीनियर्स ने हॉस्टल से एकेडमिक ब्लॉक जाने को लेकर भी खास हिदायत दे रखी है. इसमें कैंपस में निकलते वक्त सिर ऊपर उठाकर चलने की मनाही है. छात्रों को एप्रेन की थर्ड बटन पर ही नजर रखकर चलना है. हालांकि संस्थान प्रशासन ने हॉस्टल से एकेडमिक ब्लॉक जाने के लिए छात्रों के साथ गार्ड तैनात कर रखे हैं. मगर, सीनियर्स की दहशत उन पर लगातार बनी हुई है.

यह भी पढ़ें- दस लाख की डकैती में पांच बदमाश दोषी, दस साल का कारावास

गौरतलब है कि लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में वर्ष 2017 से एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू हुईं. पहले दो साल 150-150 एमबीबीएस सीटें रहीं. 2019 में एमबीबीएस की सीटें बढ़कर 200 हो गईं. यहां पूर्व में तीन बार संस्थान में रैगिंग की घटनाएं हो चुकीं हैं. पहली बार सितंबर 2019 में रैगिंग की घटना समाने आई. पीड़ित छात्रों ने यूजीसी के एंटी रैगिंग सेल पर शिकायत की.

वहीं आरोपितों को नोटिस देकर छोड़ दिया गया. कार्रवाई न होने पर सीनियर्स के हौसले बुलंद हो गए. उन्होंने छात्रों को जीरो प्वांइट बाल काटने का फरमान सुनाया. यह घटना 23 सितंबर को उजागर हुई. इसके बाद हॉस्टल में घुसकर छात्रों से अभद्रता की गई थी. उनके साथ गाली-गलौज की. इसके बाद 2020 में भी रैगिंग का मामला तूल पकड़ा. पर संस्थान के सीएमएस डॉ. राजन भटनागर ने रैगिंग की घटना से इनकार किया.

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लखनऊ: राजधानी के लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस के नए छात्रों के बाल फिर कटवा दिए गए हैं. सभी छात्रों ने हॉस्टल में ही एक-दूसरे के ट्रिमर से बाल छोटे कर दिए. बताया जाता है कि गत वर्ष की तरह इस साल भी सीनियर्स के फरमान की वजह से नए छात्रों के बाल छोटे करवाए गए जबकि संस्थान प्रशासन किसी भी तरह की रैगिंग की घटना से इनकार कर रहा है.

जूनियर छात्र के मुताबिक सीनियर्स ने हॉस्टल से एकेडमिक ब्लॉक जाने को लेकर भी खास हिदायत दे रखी है. इसमें कैंपस में निकलते वक्त सिर ऊपर उठाकर चलने की मनाही है. छात्रों को एप्रेन की थर्ड बटन पर ही नजर रखकर चलना है. हालांकि संस्थान प्रशासन ने हॉस्टल से एकेडमिक ब्लॉक जाने के लिए छात्रों के साथ गार्ड तैनात कर रखे हैं. मगर, सीनियर्स की दहशत उन पर लगातार बनी हुई है.

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गौरतलब है कि लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में वर्ष 2017 से एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू हुईं. पहले दो साल 150-150 एमबीबीएस सीटें रहीं. 2019 में एमबीबीएस की सीटें बढ़कर 200 हो गईं. यहां पूर्व में तीन बार संस्थान में रैगिंग की घटनाएं हो चुकीं हैं. पहली बार सितंबर 2019 में रैगिंग की घटना समाने आई. पीड़ित छात्रों ने यूजीसी के एंटी रैगिंग सेल पर शिकायत की.

वहीं आरोपितों को नोटिस देकर छोड़ दिया गया. कार्रवाई न होने पर सीनियर्स के हौसले बुलंद हो गए. उन्होंने छात्रों को जीरो प्वांइट बाल काटने का फरमान सुनाया. यह घटना 23 सितंबर को उजागर हुई. इसके बाद हॉस्टल में घुसकर छात्रों से अभद्रता की गई थी. उनके साथ गाली-गलौज की. इसके बाद 2020 में भी रैगिंग का मामला तूल पकड़ा. पर संस्थान के सीएमएस डॉ. राजन भटनागर ने रैगिंग की घटना से इनकार किया.

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