लखनऊः मऊ गोहाना के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह उर्फ लंगड़ा की हत्या में शामिल रहे शातिरों की मदद करने वाले शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर की दो दिन की रिमांड अवधि गुरुवार को पूरी हो गई. कोर्ट ने उसे 20 घंटे की पुलिस अभिरक्षा में दिया था और दिन के उजाले में पूछताछ करने की इजाजत कमिश्नर पुलिस को दी थी.
रिमांड के दूसरे दिन सुबह विभूति खंड इंस्पेक्टर चंदशेखर आरोपी शिवेंद्र सिंह को शारदा और अलखनंदा अपार्टमेंट ले गए. इसके बाद शूटरों के आने से पहले तक के बारे में पूछताछ शुरू की. इस दौरान पता चला कि इन्हीं दोनों अपार्टमेंट में गिरधारी विश्वकर्मा और संदीप सिंह उर्फ बाबा, राजेश तोमर, रवि यादव बंटी और मुस्तफा काफी दिनों तक रहे. असलहे भी यहीं पहुंचाए गए. यहीं से सभी लोग अजीत की रेकी के लिए आते जाते थे. चौकाने वाली बात यह सामने आई है कि शिवेंद्र सिंह ने घटना के बाद सभी असलहे बाबा से लेकर जेल में बंद ब्लॉक प्रमुख संजय यादव के भाई ओंकार को थमा दिए थे. बाद में वह इन्हें लेकर स्कॉर्पियो से आजमगढ़ चला गया था. असलहे कहां रखे गए, इस संबंध में शिवेंद्र सिंह कुछ नहीं बता सका. उसने बताया कि इस संबंध में संजय यादव को ही पता है.
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वक्त से दो घंटे पूर्व ही पहुंचा दिया जेल
इसके बाद शिवेंद्र सिंह से एडीसीपी सैयद कासिम ने भी पूछताछ की. पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां लेने बाद पुलिस ने शिवेंद्र सिंह को कोर्ट द्वारा दिए गए वक्त से करीब 2 घंटे पहले ही जेल पहुंचा दिया.
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फरार शूटरों के बारे में मिली अहम जानकारी
कमिश्नरेट पुलिस को अजीत हत्याकांड में अभी तक फरार चल रहे शूटर बंटी उर्फ मुस्तफा और रवि यादव के बारे में अहम जानकारी मिली है. सूत्र बताते हैं कि राजेश तोमर ही नहीं, बंटी और रवि भी दर-दर की खाक छानने के बाद दिल्ली में ही पनाह लिए हुए हैं. उन तक पहुंचने के लिए जल्द ही पुलिस की टीम रवाना होगी. पुलिस को संदेह है कि साथी की तरह बंटी और रवि भी पुलिस से बचने के लिए वकीलों की मदद से कोई कानूनी चाल चल सकते हैं. वह यह कदम उठाएं, इससे पहले ही पुलिस उन्हें दबोच लेना चाहती है. बताते चलें कि गिरधारी के बाद राजेश की दिल्ली में हुई नाटकीय गिरफ्तारी से जरायम की दुनिया में तरह-तरह की चर्चा है. एक चर्चा यह भी है कि फरार शूटर रवि और बंटी भी अपने साथियों के नक्शे कदम पर चल सकते हैं. इसलिए उन्होंने उन्हीं की तरह दिल्ली में डेरा डाल रखा है.