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सहकारिता क्षेत्र में सुधार के लिए शुरू हुआ मंथन, जुटे सहकारी क्षेत्र के दिग्गज

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Published : Dec 17, 2021, 2:17 PM IST

सहकारिता के क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं के प्रतिनिधियों का राजधानी के पॉलिटेक्निक मैदान पर जमावड़ा शुरू हो गया है. इस अधिवेशन में सहकारी क्षेत्र में सफल कंपनियों के शीर्ष अधिकारी, सहकारी बैंकों के अध्यक्ष शिरकत कर रहे हैं. बता दें कि सहकारिता क्षेत्र में सुधार के लिए ये मंथन शुरू हुआ है.

जुटे सहकारी क्षेत्र के दिग्गज
जुटे सहकारी क्षेत्र के दिग्गज

लखनऊ: देश के विभिन्न भागों में सहकारिता के क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं के प्रतिनिधियों का राजधानी के पॉलिटेक्निक मैदान पर जमावड़ा शुरू हो गया है. सहकार भारती के बैनर तले शुरू हुए इस राष्ट्रीय अधिवेशन में अनुपयोगी हो चुके सहकारी कानूनों को आधुनिक परिवेश में लाने पर भी चर्चा होगी. हालांकि सम्मेलन का औपचारिक शुभारंभ शाम 5:00 बजे केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह करेंगे, परंतु उत्तर प्रदेश सरकार के कई मंत्री यहां पहुंच चुके हैं.


अधिवेशन में सहकारी क्षेत्र में सफल कंपनियों के शीर्ष अधिकारी, सहकारी बैंकों के अध्यक्ष शिरकत कर रहे हैं. इस अधिवेशन में 3000 से अधिक प्रतिनिधियों के आने की संभावना जताई गई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. सहकार भारती के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय आवास बैंक के निदेशक सतीश मराठे बताते हैं कि देश की सरकारी नीति दो दशक पुरानी है, इसमें अनुपयोगी हो चुके नियम और बिंदुओं को हटाया जाना जरूरी है. साथ ही नेशनल को-ऑपरेटिव पॉलिसी प्रस्तुत चर्चा कर इसे नया रूप दिया जाना भी आवश्यक हो गया है.

यह भी पढ़ें- Up Election 2022: वाराणसी के बाद PM मोदी का यूपी में ताबड़तोड़ दौरा, इसी महीने 4 बार आएंगे उत्तर प्रदेश



अधिवेशन में सहकारी क्षेत्र में सफल कंपनियों के शीर्ष अधिकारी सहकारी बैंकों के अध्यक्ष शिरकत कर रहे हैं. इस अधिवेशन में 3000 से अधिक प्रतिनिधियों के आने की संभावना जताई गई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. सहकार भारती के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय आवास बैंक के निदेशक सतीश मराठे बताते हैं कि देश की सरकारी नीति दो दशक पुरानी है. इसमें अनुपयोगी हो चुके नियम और बिंदुओं को हटाया जाना जरूरी है. साथ ही नेशनल को ऑपरेटिव पॉलिसी प्रस्तुत चर्चा कर इसे नया रूप दिया जाना भी आवश्यक हो गया है.

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लखनऊ: देश के विभिन्न भागों में सहकारिता के क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं के प्रतिनिधियों का राजधानी के पॉलिटेक्निक मैदान पर जमावड़ा शुरू हो गया है. सहकार भारती के बैनर तले शुरू हुए इस राष्ट्रीय अधिवेशन में अनुपयोगी हो चुके सहकारी कानूनों को आधुनिक परिवेश में लाने पर भी चर्चा होगी. हालांकि सम्मेलन का औपचारिक शुभारंभ शाम 5:00 बजे केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह करेंगे, परंतु उत्तर प्रदेश सरकार के कई मंत्री यहां पहुंच चुके हैं.


अधिवेशन में सहकारी क्षेत्र में सफल कंपनियों के शीर्ष अधिकारी, सहकारी बैंकों के अध्यक्ष शिरकत कर रहे हैं. इस अधिवेशन में 3000 से अधिक प्रतिनिधियों के आने की संभावना जताई गई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. सहकार भारती के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय आवास बैंक के निदेशक सतीश मराठे बताते हैं कि देश की सरकारी नीति दो दशक पुरानी है, इसमें अनुपयोगी हो चुके नियम और बिंदुओं को हटाया जाना जरूरी है. साथ ही नेशनल को-ऑपरेटिव पॉलिसी प्रस्तुत चर्चा कर इसे नया रूप दिया जाना भी आवश्यक हो गया है.

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अधिवेशन में सहकारी क्षेत्र में सफल कंपनियों के शीर्ष अधिकारी सहकारी बैंकों के अध्यक्ष शिरकत कर रहे हैं. इस अधिवेशन में 3000 से अधिक प्रतिनिधियों के आने की संभावना जताई गई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. सहकार भारती के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय आवास बैंक के निदेशक सतीश मराठे बताते हैं कि देश की सरकारी नीति दो दशक पुरानी है. इसमें अनुपयोगी हो चुके नियम और बिंदुओं को हटाया जाना जरूरी है. साथ ही नेशनल को ऑपरेटिव पॉलिसी प्रस्तुत चर्चा कर इसे नया रूप दिया जाना भी आवश्यक हो गया है.

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