लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के जीरो टॉलरेंस पर कई विभाग बट्टा लगा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में निवेश लाने की जिम्मेदारी जिस विभाग पर है, उसी विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर जमकर खेल सामने आए हैं. उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक प्राधिकरण यूपीसीडा में तबादलों में जमकर अनियमितताएं बरतने की बात सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि जिन अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस जांच, एफआईआर बर्खास्तगी जैसे मामले चल रहे हैं, उनकी मलाईदार पदों पर पोस्टिंग दे दी गई है. इससे इंडस्ट्री डिपार्टमेंट में सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में तबादला नीति को मंजूरी प्रदान की गई थी. उसके बाद मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र की तरफ से सभी विभागों में होने वाले स्थानांतरण को लेकर स्थानांतरण नीति जारी की गई थी. जिसमें स्पष्ट निर्देश हैं कि जिन लोगों के खिलाफ गंभीर आरोप गंभीर जांच, एफआईआर, विजिलेंस जांच चल रही हों, उन लोगों को पोस्टिंग देने में विशेष सतर्कता बरती जाए.
उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने और सबसे ज्यादा निवेश लाने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक प्राधिकरण को है. वहीं पर ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर सामने आई है. इस पूरे मामले में अधिकारी बोलने से बच रहे हैं. विभाग में करीब 70 से अधिक अधिकारियों के तबादले किए गए हैं. जिनमें तमाम पर कई तरह के गंभीर आरोप हैं. कुछ अफसरों पर एफआईआर भी दर्ज है तो कुछ की विजिलेंस जांच हो रही है. कई ऐसे अधिकारी हैं जिन्हें बर्खास्त भी किया गया है, लेकिन हाईकोर्ट से स्टे लेकर वह नौकरी पर जमे हुए हैं.