लखनऊः कोतवाली क्षेत्र मलिहाबाद माल सहित क्षेत्र के अंतर्गत गांवों में अवैध शराब का धंधा आबकारी विभाग को खुलेआम चुनैती दे रहा है. विभाग की लापरवाही की वजह से यह धंधा क्षेत्र के करीब दर्जनों गांवों में यह कारोबार चोरी छिपे चल रहा है. जबकि कुछ वर्षों पूर्व दिल दहला देने वाली शराब कांड की घटना हुई थी, जिसमें लगभग 5 दर्जन लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था.
चोरी छिपे पनप रहा अवैध शराब का कारोबार
मलिहाबाद माल क्षेत्र के कई दर्जनों गांवों में शाम ढलते ही अवैध शराब की भट्ठियां सुलगने लगती हैं और देर रात शराब की बिक्री की जाती है. अवैध शराब के इस कारोबार पर अंकुश लगाने के बजाए आबकारी विभाग मौन है अभी हाल के दिनों में देखा जाय तो आबकारी विभाग का कोई अधिकारी या कर्मचारी क्षेत्र में चल रहे इस कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए आगे नहीं आया है और न ही कोई छापेमारी की गई है. विभाग की निष्क्रियता की वजह से अवैध शराब के कारोबार पर लगाम नहीं लग पा रही है.
दर्जनों गांवों में होता है अवैध शराब का कारोबार
क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार करने वाले गांव रामनगर, जानकीनगर, रुसेना, बेलवारखेड़ा, मोहज्जिनगर, सरैया, कैलाखेड़ा, तिलकखेड़ा, जानकी खेड़ा, घोला और माल क्षेत्र के रामनगर, चक, आट, अहिन्दर, लतीफपुर चौकी जैसे लगभग कई दर्जन गांवों में अवैध शराब बनाने का कारोबार किया जाता है. इन गांवो में बनी शराब क्षेत्र के अन्य हिस्सों में भी पहुंचाई जाती है. अभी जनवरी माह में स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा की गई सख्ती के चलते कुछ दिनों के लिए इस कारोबार में ठंडी देखने को मिली थी. धंधे में लिप्त लोग अभी भी शराब बनाकर क्षेत्र के अन्य हिस्सों में पहुंचा रहे हैं.
2015 में हुआ था प्रदेश का सबसे बड़ा शराब कांड
मलिहाबाद क्षेत्र के दतली गांव में 11 जनवरी 2015 को जहरीली शराब पीने से लगभग 50 लोगों की मौत हुई थी. इस कांड से सहमे परिवार के कुछ सदस्यों ने गांव तक छोड़ दिया था. शासन ने संज्ञान लेते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी.
कुछ समय तक शराब कारोबार पर लगी थी लगाम
इस घटना के बाद कुछ दिनों तक क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार पर पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर जागरूकता अभियान चलाकर इस कारोबार की कमर तोड़ दी थी. लेकिन समय बीतने के साथ ही चोरी छिपे अवैध शराब का कारोबार चल रहा है.
जब कोई घटना होती है तो प्रशासन एक्टिव मोड में होता है और घटना के बाद फिर सब ठंडे बस्ते में चला जाता है. यही कारण है जिससे अवैध शराब के कारोबार पर रोक नहीं लग पा रही है.
जीशान, स्थानीय