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दरकता भरोसा 5: आवासीय योजनाएं न आने से लखनऊ में बढ़ रहा अवैध कॉलोनियों का जाल - News of Lucknow Development Authority

आज हम दरकता भरोसा की इस किस्त में आपको बताने जा रहे हैं लखनऊ में आवासीय योजनाएं न आने से किस तरह अवैध कॉलोनियों का जाल फैल गया है. आम आदमी की मेहनत की कमाई कैसे फंस रही है. चलिए जानते हैं इस खास खबर के बारे में.

दरकता भरोसा 5: आवासीय योजनाएं न आने से लखनऊ में बढ़ रहा अवैध कॉलोनियों का जाल
दरकता भरोसा 5: आवासीय योजनाएं न आने से लखनऊ में बढ़ रहा अवैध कॉलोनियों का जाल
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Published : May 11, 2022, 6:19 PM IST

लखनऊ : लखनऊ में नई आवासीय योजनाएं एलडीए नहीं ला रहा है, इस वजह से अवैध कॉलोनियों का जाल तेजी से फैलता जा रहा है. लखनऊ में करीब 500 अवैध सोसाइटी विकसित हो चुकी है जोकि हर हाईवे पर बनाई जा रही हैं. हजारों की संख्या में प्लॉट बेचे जा चुके हैं. वास्तविकता यह है कि इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण से किसी तरह का अनुमोदन नहीं लिया गया है जिसका परिणाम यह है कि यहां नक्शा नहीं पास होता. ये पूरी तरह से अवैध हैं. इन पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है. एक अनुमान के मुताबिक करीब 50 हजार करोड़ से ज्यादा इन जमीनों पर निवेश है. अब एलडीए इन कॉलोनियों पर बुलडोजर चला रहा है. आम आदमी अपनी गाढ़ी कमाई गंवा चुका है.


सुल्तानपुर रोड हो या कानपुर रोड. हरदोई रोड हो या सीतापुर रोड. अयोध्या की ओर जाने वाला मार्ग हो या काकोरी आउटर रिंग रोड के किनारे हो या आगरा एक्सप्रेस वे के गोसाईगंज और बख्शी का तालाब, शहर का कोई कोना ऐसा नहीं बचा है जहां बिल्डर ने अवैध कॉलोनी न बसाई हो. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अपनी आखिरी आवासीय कॉलोनी गोमती नगर विस्तार 2005 में लांच की थी. इसके बाद कुछ प्लॉट बसंतकुंज में आवंटित किए गए. इन दोनों ही कॉलोनियों में प्लॉट विवादित रहे. लंबे समय तक कब्जे से लोग वंचित रहे. इसकी वजह से लखनऊ विकास प्राधिकरण से लोगों का भरोसा उठा. इसका सीधा फायदा अवैध कालोनियां बसाने वाले बिल्डर को मिल रहा है. सस्ते दाम, तुरंत कब्जा और तुरंत रजिस्ट्री जैसे लुभावने जुमलों के जरिए ये आम आदमी को अपने जाल में फंसा ले रहे हैं.

लखनऊ के लोगों ने यह मांग उठाई.

दरकता भरोसा 4: 1100 करोड़ खर्च के बाद खंडहर में तब्दील हो रहा लखनऊ का 19 मंजिला जेपी सेंटर

लखनऊ जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे का कहना है कि निश्चित तौर पर लखनऊ विकास प्राधिकरण को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. उनको जनता के लिए अधिक से अधिक वैध कालोनियां विकसित करनी होगी तभी अवैध कालोनियों का प्रसार रुकेगा.

लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र का कहना है कि निश्चित तौर पर अवैध कॉलोनियां शहर के लिए ठीक नहीं हैं. इन पर ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि लोग बिल्डरों के जाल में न फंसे. दवा व्यापारी विकास रस्तोगी का कहना है कि बिल्डर के अनुमोदन को लेकर लोगों को ध्यान देना चाहिए और एलडीए को भी और सख्ती करनी चाहिए.


लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय कुमार त्रिपाठी का कहना है कि काकोरी से लेकर सुल्तानपुर रोड, बख्शी का तालाब, कानपुर रोड हर ओर लखनऊ विकास प्राधिकरण की अवैध कालोनियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. लोगों से भी अनुरोध है कि वह बिना लखनऊ विकास प्राधिकरण से लेआउट पास किसी भी कॉलोनी में प्लॉट ना खरीदें.

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लखनऊ : लखनऊ में नई आवासीय योजनाएं एलडीए नहीं ला रहा है, इस वजह से अवैध कॉलोनियों का जाल तेजी से फैलता जा रहा है. लखनऊ में करीब 500 अवैध सोसाइटी विकसित हो चुकी है जोकि हर हाईवे पर बनाई जा रही हैं. हजारों की संख्या में प्लॉट बेचे जा चुके हैं. वास्तविकता यह है कि इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण से किसी तरह का अनुमोदन नहीं लिया गया है जिसका परिणाम यह है कि यहां नक्शा नहीं पास होता. ये पूरी तरह से अवैध हैं. इन पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है. एक अनुमान के मुताबिक करीब 50 हजार करोड़ से ज्यादा इन जमीनों पर निवेश है. अब एलडीए इन कॉलोनियों पर बुलडोजर चला रहा है. आम आदमी अपनी गाढ़ी कमाई गंवा चुका है.


सुल्तानपुर रोड हो या कानपुर रोड. हरदोई रोड हो या सीतापुर रोड. अयोध्या की ओर जाने वाला मार्ग हो या काकोरी आउटर रिंग रोड के किनारे हो या आगरा एक्सप्रेस वे के गोसाईगंज और बख्शी का तालाब, शहर का कोई कोना ऐसा नहीं बचा है जहां बिल्डर ने अवैध कॉलोनी न बसाई हो. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अपनी आखिरी आवासीय कॉलोनी गोमती नगर विस्तार 2005 में लांच की थी. इसके बाद कुछ प्लॉट बसंतकुंज में आवंटित किए गए. इन दोनों ही कॉलोनियों में प्लॉट विवादित रहे. लंबे समय तक कब्जे से लोग वंचित रहे. इसकी वजह से लखनऊ विकास प्राधिकरण से लोगों का भरोसा उठा. इसका सीधा फायदा अवैध कालोनियां बसाने वाले बिल्डर को मिल रहा है. सस्ते दाम, तुरंत कब्जा और तुरंत रजिस्ट्री जैसे लुभावने जुमलों के जरिए ये आम आदमी को अपने जाल में फंसा ले रहे हैं.

लखनऊ के लोगों ने यह मांग उठाई.

दरकता भरोसा 4: 1100 करोड़ खर्च के बाद खंडहर में तब्दील हो रहा लखनऊ का 19 मंजिला जेपी सेंटर

लखनऊ जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे का कहना है कि निश्चित तौर पर लखनऊ विकास प्राधिकरण को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. उनको जनता के लिए अधिक से अधिक वैध कालोनियां विकसित करनी होगी तभी अवैध कालोनियों का प्रसार रुकेगा.

लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र का कहना है कि निश्चित तौर पर अवैध कॉलोनियां शहर के लिए ठीक नहीं हैं. इन पर ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि लोग बिल्डरों के जाल में न फंसे. दवा व्यापारी विकास रस्तोगी का कहना है कि बिल्डर के अनुमोदन को लेकर लोगों को ध्यान देना चाहिए और एलडीए को भी और सख्ती करनी चाहिए.


लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय कुमार त्रिपाठी का कहना है कि काकोरी से लेकर सुल्तानपुर रोड, बख्शी का तालाब, कानपुर रोड हर ओर लखनऊ विकास प्राधिकरण की अवैध कालोनियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. लोगों से भी अनुरोध है कि वह बिना लखनऊ विकास प्राधिकरण से लेआउट पास किसी भी कॉलोनी में प्लॉट ना खरीदें.

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