लखनऊ: आईआईसी कॉन्फ्रेंस-2021 के दूसरे दिन आयोजित तकनीकी सत्र में इंडिया काउंसिल फार रिसर्च ऑन इंटरनेशरल इकोनाॅमिक रिलेसन्स (आईसीआरआईईआर) निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी रजत कठुरिया ने चर्चा की. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजनेस को बढ़ाने के लिए सभी पाॅलिसी सरकार द्वारा घोषित की गई हैं. उनका उसी रूप में अनुपालन होना भी आवश्यक है. प्रदेश के पास युवाओं की संख्या अच्छी है, लेकिन इनके कौशल विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता है. प्रदेश में उद्योग के लिए समस्त संसाधन मौजूद हैं.
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'प्रदेश को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की जरूरत'
अडानी ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अतुल चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदेश हमेशा से कृषि उत्पादों में अग्रणी रहा है. अब यह विद्युत उत्पादन एवं सूचना प्रौद्योगिकी की दिशा में भी अग्रसर है. प्रदेश को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की जरूरत है. इसके लिए प्रदेश की कानून व्यवस्था को और मजबूत करना पड़ेगा. प्रदेश ने सिंगल विंडो सिस्टम को लागू करके निवेशकों और उद्योगपतियों को बड़ी राहत प्रदान की है.
'सरकार ने फसलों के भंडारण की उचित व्यवस्था कर रखी'
प्रथम सत्र 'खेत से घर तक कृषि एवं उसकी आपूर्ति श्रृंखला' की मध्यस्थता मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार आलोक रंजन पूर्व ने की. सत्र में उनके अलावा डिस्टिंग होराइजन मुख्य कार्यपालक निदेशक आयुष निगम एवं हाकान एग्रो के प्रबन्ध निदेशक सुधाकर तोमर रहे. विशेषज्ञों ने कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य विधेयक 2020 पर कहा कि इससे किसानों को अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिल सकेगा. छोटे किसान यदि फारमर प्रोड्यूसर कम्पनियां बनाएं, तो उनको बहुराष्ट्रीय कम्पनियों से बातचीत या समझौते करने में सहूलत होगी. सरकार ने फसलों के भंडारण की भी उचित एवं पर्याप्त व्यवस्था कर रखी है, जिससे किसान सही समय पर अपनी फसल बेचकर अधिक से अधिक मूल्य प्राप्त कर सकें. समारोह के अंत में कॉन्फ्रेंस कन्वीनर डॉ. अतहर महमूद ने सभी वक्ताओं और श्रोताओं को धन्यवाद भाषण देकर सभा समाप्त की.