लखनऊ: लॉकडाउन के दौरान आधी रात चार-पांच लोगों के साथ खड़े इंस्पेक्टर साहब को महिला सिपाही प्रीति सरोज ने सबक सिखाया. इसके बाद आईजी (महिला शक्ति लाइन) नवनीत सिकेरा ने अपने फेसबुक और ट्विटर पर महिला सिपाही प्रीति सरोज की फोटो के साथ एक पोस्ट लिखकर उसके हौसले और जज्बे की तारीफ की.
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Former PRO of mine got a proper class on lockdown rules by Constable Priti Saroj, when he was found chatting away with a few friends late night at a crossing 😬
— Navniet Sekera (@navsekera) July 27, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Kudos Priti for taking on a group of people, alone & late night
(Inspector ji said sorry without revealing his rank) 🇮🇳 pic.twitter.com/5WeUtkgE0z
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Kudos Priti for taking on a group of people, alone & late night
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— Navniet Sekera (@navsekera) July 27, 2020
Kudos Priti for taking on a group of people, alone & late night
(Inspector ji said sorry without revealing his rank) 🇮🇳 pic.twitter.com/5WeUtkgE0z
लॉकडाउन में आधी रात को बीच सड़क पर इंस्पेक्टर साहब सादे कपड़ों में अपने दोस्तों के साथ खड़े थे. तभी महिला सिपाही ने सूनसान सड़क पर 5 लोगों को खड़ा देख घबराकर बच निकलने के बजाए स्कूटी रोक कर उनसे सवाल-जवाब शुरू कर दिए. महिला सिपाही द्वारा सवाल पूछने पर इंस्पेक्टर ने भी इज्जत बचाने के लिए विभागीय परिचय नहीं दिया और चुपचाप सुनते रहे. इंस्पेक्टर और उनके साथी माफी मांगते हुए चले गए.
जिसके बाद उत्तर प्रदेश के आईजी (महिला शक्ति लाइन) नवनीत सिकेरा ने अपने फेसबुक और ट्विटर एकाउंट पर महिला सिपाही प्रीति सरोज की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि इस पूरे घटना में तीन बात गौर करने लायक हैं. पहली मैं प्रीति सरोज की हिम्मत की सराहना करूंगा कि उन्होंने साहस से काम लिया. रात्रि के समय अकेले पांच-छह लोगों से भिड़ने के लिए बहुत हिम्मत चाहिए. दूसरी प्रीति ने सबको लॉकडाउन के नियम के प्रति चेताया और कोई भी अपशब्द नहीं कहा, यही आदर्श तरीका होता है. तीसरी बात दारोगा जी और उनके साथियों ने विनम्रता से अपनी गलती मानी और अपने से अधीनस्थ पुलिसकर्मी को बिना अपना परिचय दिए स्वयं इंस्पेक्टर आशियाना को फोन करके प्रीति सरोज की तारीफ की.