लखनऊः गिरधारी एनकाउंटर मामले में विभूति खंड थाने में दर्ज दो प्राथमिकियों की जांच वर्तमान में आईजी रेंज अयोध्या संजीव गुप्ता कर रहे हैं. यह जानकारी डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन व इंस्पेक्टर विभूति खंड चंद्रशेखर सिंह ने अपने-अपने हलफनामों में जनपद न्यायाधीश की कोर्ट को दी है.
दोनों पुलिस अधिकारियों ने दाखिल किया हलफनामा
जनपद न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा तृतीय ने दोनों अधिकारियों के हलफनामों को रिकॉर्ड पर लेते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 मार्च की तिथि तय की है. अपने हलफनामों में दोनों अधिकारियों ने कहा कि ऐसा नहीं है कि दोनों एफआईआर की जांच डीसीपी रैंक से नीचे की रैंक के अधिकारी कर रहे हों. शुरुआत में मामले की जांच एसीपी हजरतगंज को दी गई थी, लेकिन इसका निगरानी ज्वॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (जेसीपी), क्राइम कर रहे थे. हलफनामे में कहा गया है कि जेसीपी आईजी रैंक का अधिकारी होता है. यह अधिकारी डीसीपी की रैंक से ऊपर है. एनकाउंटर के समय सबसे वरिष्ठ रैंक के अधिकारी डीसीपी संजीव सुमन वहां मौजूद थे. लिहाजा एसीपी हजरतगंज को सौंपी गई जांच की निगरानी जेसीपी, क्राइम से कराई जा रही थी. हालांकि, बाद में मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई. इस एसआईटी के प्रमुख आईजी, अयोध्या रेंज हैं. इस प्रकार सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का कोई उल्लंघन इस मामले में नहीं किया गया है.
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यह है मामला
उल्लेखनीय है कि 2 मार्च को जनपद न्यायाधीश के यहां गिरधारी के भाई राकेश विश्वकर्मा ने प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. इसमें झूठा हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया गया था. इस पर जनपद न्यायाधीश आरोप में प्रथम दृष्टया बल पाते हुए, मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था. साथ ही दोनों अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था. वादी के अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने दलील दी थी कि इस कथित एनकाउंटर के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया है. अब दोनों अधिकारियों ने हलफनामा दाखिल कर अनुपालन किए जाने की बात कही है.