लखनऊ : प्रदेश के एक मात्र लोहिया अस्पताल के ब्लड बैंक में आईडी नेट (इंडिविजुअल न्यूक्लियर एसिड टेस्ट) मशीन (ID NET machine installed at Lohia hospital) स्थापित की गई है. इसकी शुरुआत दिसंबर के पहले सप्ताह से होगी. इससे कम समय में खून में पनपे एचआईवी, हेपेटाइटिस-बी और हेपेटाइटिस-सी जैसे संक्रमण की पहचान की जा सकेगी. मशीन का ड्राई रन खत्म होने को है, इसके बाद जल्द ही मशीन के द्वारा मरीजों के ब्लड सैंपल की जांच होनी शुरू होगी. रोज 1230 यूनिट खून की जांच एक साथ होगी.
लोहिया अस्पताल के ब्लड बैंक के विभागाध्यक्ष डॉ वीके शर्मा ने बताया कि दिसंबर के पहले हफ्ते से इस मशीन के जरिए जांच शुरू हो जाएगी. एक साथ 1230 सैंपलों की जांच होगी. लोहिया संस्थान में करीब 1000 बेड हैं. प्रदेश भर से गंभीर मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. इन मरीजों को खून चढ़ाने की जरूरत पड़ रही है. रोजाना 100 से 150 यूनिट खून की जरूरत पड़ रही है. ब्लड बैंक में करीब 700 यूनिट खून है.
खून में संक्रमण का पता लगाने के लिए सिर्फ एलाइजा जांच कराई जा रही थी. एलाइजा जांच से शरीर में 15 दिन पूर्व दाखिल हुए एचआईवी वायरस का पता लगा सकता है, जबकि आईडी-नेट से महज चार दिन पहले हुए एचआईवी वायरस के हमले का पता लगाया जा सकेगा. हेपेटाइटिस-बी में 40 दिन के पूर्व हुए संक्रमण की पहचान की जा रही थी, लेकिन अब 21 दिन के भीतर संक्रमण की जानकारी हो सकेगी. इसी तरह 60 दिन बाद हुए हेपेटाइटिस-सी संक्रमण की पहचान हो रही है जो कि अब चार दिन के भीतर हो सकेगी.
मुफ्त होगी जांच : खास बात यह है कि अधिक सुरक्षित खून मरीजों को मुफ्त मुहैया कराया जाएगा. आईडी-नेट से जांचे गए खून का कोई शुल्क सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों को नहीं चुकाना होगा. करीब ढाई करोड़ रुपये की लागत से मशीन ब्लड बैंक में स्थापित की गई है. नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के बजट से मशीन मंगाई गई है.
निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. इससे मरीजों को गंभीर संक्रमण से बचाने में मदद मिलेगी. जल्द ही मशीन की शुरुआत होगी. प्रदेशभर से मरीज यहां पर इलाज के लिए आते हैं उन्हें लोहिया अस्पताल में बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए अस्पताल हमेशा तत्परता से कार्य करता है.
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