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उपमहानिदेशक से मिले अवध आम उत्पादक बागवानी समिति के बागवान, फसल के नुकसान का मांगा मुआवजा

बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से आम की फसल को हुए नुकसान को लेकर अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के लोगों ने भारतीय किसान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उपमहानिदेशक से मिलकर ज्ञापन सौंपा.

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Published : Apr 17, 2023, 4:21 PM IST

लखनऊ : उत्त्तर प्रदेश के लखनऊ में आईसीएआर सेंट्रल (सेंट्रल इंस्टीट्यूट फ़ॉर सबट्रोपिकल हॉर्टिकल्चर) रायबरेली रोड कैंपस तेलीबाग में फर्स्ट फार्मर स्टेकहोल्डर इंटरेक्शन मीटिंग को लेकर आम बागवानों के किसानों को लेकर गोष्टी का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय किसान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उपमहानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक उपस्थित रहे. गोष्ठी में किसानों ने पिछले महीने ओलावृष्टि व बारिश से हुए नुकसान व फलपट्टी क्षेत्र में आम बागवानों की समस्याओं को लेकर बात रखी व फलपट्टी क्षेत्र में हुए भारी नुकसान को लेकर नुकसान की पूर्ति के मुद्दे को उठाया. जिसमें उपमहानिदेशक हिमांशु पाठक ने सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है.

अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के महासचिव उपेन्द्र सिंह ने भारतीय किसान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उपमहानिदेशक हिमांशु पाठक से मिल कर आठ सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपते हुए उनका ध्यान अवगत कराते हुए बताया कि पिछले माह मार्च में असमय बारिश व ओलावृष्टि से किसानों बागवानों को बहुत अधिक नुकसान हुआ. जिससे उनको आर्थिक क्षति पहुंची है. बारिश ओलावृष्टि से हुए नुकसान से बागवानों को 80 हजार प्रति हेक्टेयर की दर से नुकसान हुआ है. जिसकी नुकसान की क्षति की पूर्ति की जाए. साथ ही मौसम विभाग की रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाना चाहिए. ओलावृष्टि व बारिश से फसल का 75 प्रतिशत नुकसान हुआ है. जिसका आकलन कर नुकसान की पूर्ति किसानों व बागवानों को दी जाए.


उपेंद्र सिंह ने बताया कि आम निर्यात को बढ़ावा देने के लिए A ग्रेड के आम का मूल्य तय होना चाहिए. ताकि निर्यातक अपनी मनमानी न कर सके. आम के मौसम के समय किसानों को हार्वेस्टर कैरेट्स एवं डिब्बे (मैंगो बॉक्स) उपलब्ध कराए जाएं. फार्मर फर्स्ट परियोजना के तहत किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काफी बल मिला है. अगर इस परियोजना के तहत मैंगो पल्पर (आम से गुदी निकालने की मशीन) मिल जाए तो किसानों की आमदनी कई गुना बढ़ सकती है. साथ ही आमों का निर्यात बढ़ाने के लिए विदेशों की एम्बेसी में उनसे किसानों के सम्पर्क बनाए जाने की जरूरत है. वहां से आम के ऑर्डर जेनरेट करने के उचित प्रबंध किए जाएं. किसानों की आर्थिक स्थिति बढ़ाने के लिए इंटरएस्टेट मार्केटिंग भी भी एक महत्वपूर्ण कदम है. अन्य स्टोरों में मैंगो सेल काउंटर खुलवाने के लिए भी कदम उठाए जाएं, ताकि किसान अपना उत्पाद अन्य प्रदेशों में भी बेच सकें. साथ ही रेलवे द्वारा अन्य प्रदेशों के आम एवं फल उत्पाद प्रभावी ढंग से भेजने की व्यवस्था की जाए. भारतीय किसान अनुसंधान परिषद के उपमहानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने बताया कि किसानों की ओर से कुछ मांगों व बारिश ओलावृष्टि से हुए आम की फसल के नुकसान की क्षति के मुआवजे की बात किसानों ने रखी है. ज्ञापन पर विचार विमर्श किया जाएगा. जिससे किसानों व बागवानों को लाभ हो सके.

लखनऊ : उत्त्तर प्रदेश के लखनऊ में आईसीएआर सेंट्रल (सेंट्रल इंस्टीट्यूट फ़ॉर सबट्रोपिकल हॉर्टिकल्चर) रायबरेली रोड कैंपस तेलीबाग में फर्स्ट फार्मर स्टेकहोल्डर इंटरेक्शन मीटिंग को लेकर आम बागवानों के किसानों को लेकर गोष्टी का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय किसान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उपमहानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक उपस्थित रहे. गोष्ठी में किसानों ने पिछले महीने ओलावृष्टि व बारिश से हुए नुकसान व फलपट्टी क्षेत्र में आम बागवानों की समस्याओं को लेकर बात रखी व फलपट्टी क्षेत्र में हुए भारी नुकसान को लेकर नुकसान की पूर्ति के मुद्दे को उठाया. जिसमें उपमहानिदेशक हिमांशु पाठक ने सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है.

अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के महासचिव उपेन्द्र सिंह ने भारतीय किसान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उपमहानिदेशक हिमांशु पाठक से मिल कर आठ सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपते हुए उनका ध्यान अवगत कराते हुए बताया कि पिछले माह मार्च में असमय बारिश व ओलावृष्टि से किसानों बागवानों को बहुत अधिक नुकसान हुआ. जिससे उनको आर्थिक क्षति पहुंची है. बारिश ओलावृष्टि से हुए नुकसान से बागवानों को 80 हजार प्रति हेक्टेयर की दर से नुकसान हुआ है. जिसकी नुकसान की क्षति की पूर्ति की जाए. साथ ही मौसम विभाग की रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाना चाहिए. ओलावृष्टि व बारिश से फसल का 75 प्रतिशत नुकसान हुआ है. जिसका आकलन कर नुकसान की पूर्ति किसानों व बागवानों को दी जाए.


उपेंद्र सिंह ने बताया कि आम निर्यात को बढ़ावा देने के लिए A ग्रेड के आम का मूल्य तय होना चाहिए. ताकि निर्यातक अपनी मनमानी न कर सके. आम के मौसम के समय किसानों को हार्वेस्टर कैरेट्स एवं डिब्बे (मैंगो बॉक्स) उपलब्ध कराए जाएं. फार्मर फर्स्ट परियोजना के तहत किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काफी बल मिला है. अगर इस परियोजना के तहत मैंगो पल्पर (आम से गुदी निकालने की मशीन) मिल जाए तो किसानों की आमदनी कई गुना बढ़ सकती है. साथ ही आमों का निर्यात बढ़ाने के लिए विदेशों की एम्बेसी में उनसे किसानों के सम्पर्क बनाए जाने की जरूरत है. वहां से आम के ऑर्डर जेनरेट करने के उचित प्रबंध किए जाएं. किसानों की आर्थिक स्थिति बढ़ाने के लिए इंटरएस्टेट मार्केटिंग भी भी एक महत्वपूर्ण कदम है. अन्य स्टोरों में मैंगो सेल काउंटर खुलवाने के लिए भी कदम उठाए जाएं, ताकि किसान अपना उत्पाद अन्य प्रदेशों में भी बेच सकें. साथ ही रेलवे द्वारा अन्य प्रदेशों के आम एवं फल उत्पाद प्रभावी ढंग से भेजने की व्यवस्था की जाए. भारतीय किसान अनुसंधान परिषद के उपमहानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने बताया कि किसानों की ओर से कुछ मांगों व बारिश ओलावृष्टि से हुए आम की फसल के नुकसान की क्षति के मुआवजे की बात किसानों ने रखी है. ज्ञापन पर विचार विमर्श किया जाएगा. जिससे किसानों व बागवानों को लाभ हो सके.

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