लखनऊ : उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में सरकार ने बदलाव किया तो कई आईएएस अधिकारी जो पावर सेंटर में थे उनका पाॅवर कट कर दिया और कई ऐसे आईएएस जो शक्तिहीन थे उन्हें बूस्टर डोज दी गई. ट्रांसफर लिस्ट से कई आईएएस अधिकारी तो फर्श से अर्श पर पहुंच गए तो कई अर्श से फर्श पर भी आ गए. कई अधिकारियों की किस्मत करिश्मा कर गई तो कई अफसरों की तकदीर ने उनके तस्वीर ही धूमिल कर दी.
पाॅवर काॅरपोरेशन में तैनात रहने के दौरान विभाग के ऊर्जा मंत्री का भी पाॅवरफुल न समझने वाले आईएएस एम. देवराज को जब सरकार ने यूपीपीसीएल के अध्यक्ष पद से हटाकर प्राविधिक शिक्षा का प्रमुख सचिव बनाया तो नौकरशाही में उनका पावर छीन लेने की चर्चा होने लगी, लेकिन अब सरकार ने उन्हीं एम. देवराज को बूस्टर डोज दे दी है. प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा के साथ सब व्यवसायिक शिक्षा और कौशल विकास का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया है. अब फिर से एम. देवराज आईएएस की पावरफुल कैटेगरी मैं शामिल हो गए हैं. विशेष सचिव कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा बालकृष्ण त्रिपाठी को भी उनकी मेहनत का भरपूर फल मिल गया है. अब खेती किसानी से दूर हो चित्रकूट धाम मंडल के प्रभारी कमिश्नर के रूप में जलजला कायम करेंगे.
आईएएस अधिकारियों में एक और अधिकारी हैं जिन्हें ब्यूरोक्रेसी में भारी भरकम दायित्व सौंपा गया है. यह आईएएस अधिकारी हैं एमकेएस सुंदरम. उन्हें अब बेसिक शिक्षा विभाग का भी प्रमुख सचिव बना दिया गया है. इधर सुंदरम को सरकार ने पाॅवरफुल किया तो उधर बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव रहे आईएएस दीपक कुमार का दीपक बुझा दिया है. उनसे बेसिक शिक्षा विभाग छीन लिया गया है. सरकार की फजीहत का कारण बना 69 हजार शिक्षक भर्ती के मामले में ही दीपक कुमार पर गाज गिरना बताया जा रहा है. आरक्षण और मेरिट जैसे दो मामलों में सुप्रीम कोर्ट सरकार को झटका दे चुकी है और इसका कारण भी इस दीपक कुमार को ही माना जा सकता है. बाराबंकी जिले में तैनात रहे जिलाधिकारी अविनाश कुमार भी ब्यूरोक्रेसी को खूब रास आ रहे हैं. इसीलिए अब उन पर भी शासन की कृपा बरसी है और उन्हें मंडल स्तर पर डीएम बनाकर भेज दिया गया है. झांसी की कमान अविनाश कुमार के नाम हुई है. बलिया के मुख्य विकास अधिकारी प्रवीण वर्मा का भी कद ब्यूरोक्रेसी में बढ़ा दिया गया. उन्हें बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण का अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी जैसा बड़ा पद दिया गया है.