लखनऊ: राजधानी में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें कोरोना संक्रमण ने रिश्तों की डोर ही तोड़ दी. दरअसल, कानपुर के जाजमऊ शिवांस टेनरी के पास रहने वाले व्यवसायी फरहान ने बीते दिनों अपनी गर्भवती पत्नी को क्वीनमेरी अस्पताल में भर्ती कराया था. पत्नी को संतान होनी थी वह भी बहुत खुश था, लेकिन अगले दिन ही पत्नी की मौत हो गई. जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई तो पति पत्नी के शव को छोड़कर भाग गया. इसके बाद मोबाइल भी बंद कर लिया.
11 अप्रैल को कराया था भर्ती
फरहान ने 26 वर्षीय गर्भवती पत्नी शायबा को क्वीनमेरी अस्पातल में 11 अप्रैल को भर्ती कराया था. जांच में कोरोना की पुष्टी हुई. इसके बाद शायबा को अस्पताल के आरेंज जोन में रखा गया. अगले दिन 12 अप्रैल की सुबह शायबा की मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन ने पोस्टमार्टम के लिए केजीएमयू चौकी इंचार्ज को मामले की जानकारी दी. यहां से पोस्टमार्टम कार्रवाई के लिए इंचार्ज प्रद्मेंद्र सिंह पवार को सूचना दी गई. उन्होंने शव लेने के लिए एंबुलेंस और टीम को भेजा. यहां टीम ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए रवाना हो गई. फरहान ने टीम से कहा कि वह अपनी गाड़ी से पोस्टमार्टम हाउस पहुंच रहा है.
फोन कर दिया बंद, बात हुई तो बोला कि एक-दो दिन बाद आऊंगा
पोस्टमार्टम इंचार्ज प्रद्मेंद्र सिंह पवार ने बताया कि जब काफी देर तक फरहान नहीं आया तो उसे फोन किया गया. मोबाइल उसका बंद मिला. इसके बाद फरहान को लगातार फोन किया गया. कई दिन तक नंबर बंद रहा. एक दिन रिंग गई बात हुई तो उसने कहा कि एक-दो दिन बाद आएगा. पर 10 दिन से अधिक समय हो गया है, अबतक वह नहीं आया है. इसके बाद पुलिस कमिश्नर लखनऊ और कानपुर पुलिस कमिश्नर को मामले की जानकारी देकर फरहान का मोबाइल नंबर और घर का पता दिया गया. पर फिर भी अभी तक कुछ नहीं हुआ.
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पोस्टमार्टम के डीप फ्रीजर में रखा है अभी शव
प्रद्मेंद्र सिंह पवार ने बताया कि शायबा का शव पोस्टमार्टम हाउस के डीप फ्रीजर में रखा है. फरहान और उनके परिजनों का अभी इंतजार किया जा रहा है. अगर वह न आए तो सोमवार को शव का अंतिम संस्कार वह करा देंगे.