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अगर हो जाएं साइबर क्राइम का शिकार तो उठाएं ये कदम, ऐसे दर्ज कराएं घर बैठे शिकायत - cyber crime news

साइबर क्राइम लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में अब साइबर क्राइम का शिकार हुए लोग www.CyberCrime.Gov.in वेबसाइट के होम पेज पर जाकर अपनी शिकायत घर बैठे दर्ज करा सकते हैं. इस अपराध से संबंधित पीड़ित को अब थाना या पुलिस चौकी में जाने की जरूरत नहीं है. आखिर www.CyberCrime.Gov.in वेबसाइट पर आप कैसे रिपोर्ट दर्ज कराएं, जानें ईटीवी भारत की इस खास रिपोर्ट में...

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Published : Aug 6, 2021, 6:01 PM IST

Updated : Aug 6, 2021, 7:40 PM IST

लखनऊ: इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों को अब साइबर क्राइम की समस्या का अंदाजा तो होने लगा है. हर दिन ईमेल, फेसबुक अकाउंट, कंप्यूटर, क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग अकाउंट से जुड़ी साइबर क्राइम की सैकड़ों वारदातें हो रही हैं. आज हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में साइबर क्राइम का शिकार हो रहा है. चाहे वो बैंक फ्रॉड के मामले हों या फिर सोशल मीडिया ब्लैक मेलिंग के, ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि आखिर साइबर क्राइम होता क्या है? जब साइबर क्राइम हो जाए या फिर कोई ब्लैकमेल करें या हमारी फोटो से छेड़छाड़ कर हमें परेशान करे तो क्या करें?

देखें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.

कई बार हम अपनी शिकायत किसी को बता नहीं सकते. थाने भी नहीं जा सकते. ऐसे में घर बैठे ऑनलाइन FIR कैसे कराएं, किस नंबर पर फोन करके जानकारी लें और सलाह किससे लें, इसलिए आज हम आपको साइबर क्राइम की आसान भाषा में परिभाषा बताएंगे. घर बैठे ऑनलाइन FIR दर्ज करने के तरीके बताएंगे. हम आपको बताएंगे कि साइबर क्राइम होने पर तुरंत कौन-कौन से जरूरी और एहतियाती कदम उठाने चाहिए.

साइबर क्राइम क्या है?
साइबर क्राइम वो क्राइम होता है जिसे किसी कंप्यूटर या उसके नेटवर्क यानी इंटरनेट के जरिए अंजाम दिया जाए. मतलब, हम साइबर क्राइम के दायरे का अंदाजा नहीं लगा सकते हैं, क्योंकि किसी वीडियो को बिना लाइसेंस के डाउनलोड करने से लेकर किसी के खाते से पैसे निकालने तक साइबर क्राइम ही है. जरूरी नहीं कि साइबर क्राइम में आपके साथ ठगी ही हो. हो सकता है कि आपको इमोशनल ब्लैकमेल किया जाए. आपकी फोटो को अश्लील बनाकर भी आपको मानसिक रूप से परेशान किया जाए और भी बहुत कुछ है.

खुद की लापरवाही से होते हैं 90% साइबर क्राइम
एक बेहद जरूरी बात यह है कि 90 प्रतिशत साइबर क्राइम के मामले हम लोगों की लापरवाही से होते हैं. ये कोई आकलन नहीं बल्कि सरकारी रिपोर्ट में दावा किया गया है. यानी, अगर हम जागरूक हो जाएं तो 90 फीसदी साइबर क्राइम को रोक सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि हमें लगता है कि मैं पढ़ा-लिखा हूं तो मेरे साथ साइबर क्राइम नहीं होगा और न ही मुझे जागरूक होने की जरूरत है. दरअसल, 80 प्रतिशत से ज्यादा साइबर क्राइम के मामले पढ़े-लिखे होशियार और टेक्नोलॉजी फ्रेंडली लोगों के साथ ही होते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि आप साइबर क्राइम के प्रति जागरूक बनें और अपने परिवार और दोस्तों को भी अलर्ट करें.

24 घंटे के अंदर '155260' पर करें शिकायत
साइबर क्राइम होने पर वैसे शिकायत तो आप अपने नजदीकी थाने में जाकर भी कर सकते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है कि जैसे ही आपके साथ साइबर क्राइम हो, सबसे पहले आप भारत सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से जारी नंबर '155260' पर फोन करें. अगर आपने 24 घंटे के अंदर शिकायत की है तो आपकी रकम मिलने की पूरी संभावना है. उत्तर प्रदेश वालों के लिए एक और अच्छी जानकारी है कि, इसे 112-यूपी से भी कनेक्ट कर दिया गया है. 112-यूपी पर बात कर घटना के बारे में जानकारी मांगकर आगे का कदम उठाएं.

सुबह 9 से शाम 5 बजे तक करता है काम
साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर '155260' है. ये सोमवार से शुक्रवार यानी वर्किंग डे पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ओपन रहता है. इस पर किसी भी नंबर से कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा, आप घर बैठे भारत सरकार की वेबसाइट www.CyberCrime.Gov.in पर क्लिक करके ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करा सकते हैं. इसमें लड़कियों के लिए खास ऑप्शन हैं कि चाहें तो वह अपनी पहचान छिपाकर भी शिकायत दर्ज करा सकती हैं.

ऐसे करें शिकायत
अब जैसा कि आप www.CyberCrime.Gov.in वेबसाइट के होम पेज पर देख रहे हैं कि Report Women/Child Related Crime और Report Other Cyber Crime का ऑप्शन है. इसलिए अगर साइबर क्राइम से पीड़ित कोई महिला या नाबालिग है तो Report Women/Child Related Crime के ऑप्शन को क्लिक करना होगा. इसे क्लिक करने के बाद Report का एक और ऑप्शन मिलेगा, जिसके बाद File A Complaint का बटन क्लिक करें और अपनी डिटेल लिख दें. इसके बाद I Accept का बटन दबाएं. हालांकि इस रिपोर्ट को दर्ज कराने के लिए आपको User Id की जरूरत होगी. इसलिए आप खुद ही पहले Login बना लें. ध्यान रहे जिस मोबाइल नंबर से आप लॉग इन बनाएंगे, उसी नंबर पर एक OTP भी आएगा. लॉग इन बनाने के बाद आप आसानी से अपना एरिया चुनकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

ईमेल के जरिये करें शिकायत
इसके अलावा आप चाहें तो ईमेल के जरिए भी अपनी शिकायत भेज सकते हैं. अपने एरिया के साइबर क्राइम अधिकारी का ईमेल आईडी और नंबर जानने के लिए cybercrime.gov.in की वेबसाइट पर ही Contact Us के बटन को क्लिक करना होगा. इसके बाद आपको सभी राज्यों के नोडल अधिकारियों की एक पीडीएफ फाइल मिल जाएगी, जिसमें से आप फोन नंबर और ईमेल आईडी प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि ईमेल पर भेजी गई शिकायतों पर कार्रवाई होने की संभावना कम ही रहती है.

ये तो रही सरकारी साइबर क्राइम हेल्पलाइन की बात. आखिर में हम आपको बता दें कि काफी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो पुलिस में शिकायत करने के बाद भी परेशान होते हैं. आखिर आगे कैसे कार्रवाई हो या फिर कई बार किसी ब्लैकमेलिंग के शिकार होते हैं और उसे किसी को बता ही नहीं पाते हैं, जैसे आजकल डेटिंग ऐप या फिर न्यूड वीडियो कॉलिंग कर काफी संख्या में लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है. उन्हें डराया जा रहा है.

एडीजी साइबर क्राइम राम कुमार की मानें तो केंद्रीय हेल्पलाइन नंबर '155260' को 16 जून से 112-यूपी से भी जोड़ा गया है. ठगी की शिकायत मिलने के तत्काल बाद शिकायत नंबर के साथ विस्तृत जानकारी उस बैंक या ई-वॉलेट के पास भेज दी जाती है, जिस बैंक में ठगी का पैसा गया होता है. बैंक के सिस्टम में यह जानकारी फ्लैश करने लगती है. यदि पैसे संबंधित बैंक या ई-वॉलेट के पास ही हैं तो वह उसे तत्काल फ्रीज कर देगा. यदि पैसा किसी और बैंक या ई-वॉलेट में चला गया है तो वह उसे संबंधित बैंक या ई-वॉलेट को भेज देगा. यह प्रक्रिया तब तक चलती रहेगी, जब तक उस पैसे की पहचान कर उसे फ्रीज नहीं कर दिया जाता है.

ये सुझाव, कानूनी लड़ाई लड़ने में बनेगी मददगार
एडीजी साइबर क्राइम राम कुमार की मानें तो यदि आप साइबर अपराध के शिकार होते हैं तो आपको तीन स्तरों पर काम करने की जरूरत है. याद रखें, हर कदम पर मिलने वाले डॉक्युमेंट, मैसेज और दूसरी जानकारियों को सहेजना न भूलें. कानूनी लड़ाई लड़ने में वह आपके बहुत काम आएगी.

पहला कदम- कार्ड ब्लॉक कराएं
जैसे ही साइबर क्राइम का पता चले, उसे सीमित करने के कदम उठाएं. आपके क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग खाते से पैसे निकाल लिए जाने पर तुरंत बैंक से संपर्क करना और क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करवाना जरूरी है. यदि ईमेल या सोशल नेटवर्किंग अकाउंट हैक होता है तो रिलेटेड वेबसाइट पर जाकर रिकवरी प्रक्रिया शुरू करनी होगी. लॉग-इन स्क्रीन पर जाकर देखें कि क्या कहीं पासवर्ड भूलने या अकाउंट रिकवर करने का लिंक दिखाई देता है? अगर वेबसाइट हैक की गई है तो पहले अपने जरूरी डेटा को सहेजने में जुटें ताकि और नुकसान होने से बचे. अपराध कब हुआ, उसकी तारीख और वक्त जरूर नोट कर लें.

दूसरा कदम- महत्वपूर्ण सबूत जुटाएं
जरूरी सबूत इकट्ठे करें, जिनका इस्तेमाल आप आगे की कार्रवाई में करेंगे. आपके फेसबुक अकाउंट पर अश्लील टिप्पणी की गई है या कोई अश्लील ईमेल भेजा गया है तो उसे अपने पास सेव करना जरूरी है, क्योंकि फेसबुक वॉल पर की गई टिप्पणी को अपराधी हटा भी सकता है. अपने फेसबुक पेज का स्क्रीनशॉट लेने की कोशिश करें. ईमेल अकाउंट को किस आईपी एड्रेस से हैक किया गया था, उसका ब्योरा भी तीनों प्रमुख ईमेल सर्विस प्रवाइडर- गूगल, याहू और आउटलुक (लाइव-हॉटमेल) में मौजूद रहता है. मिसाल के तौर पर गूगल मेल अकाउंट में सबसे नीचे दाईं तरफ Last Account Activity लिखा मिलेगा. वहां दिए Detail लिंक को क्लिक करने पर यह जानकारी उपलब्ध होगी. यदि वेबसाइट हैक हुई है तो उसकी मौजूदा स्थिति का स्क्रीनशॉट लेकर फाइल बनाकर सेव कर लें.

तीसरा कदम- सर्विस प्रोवाइडर से शिकायत करें
अब तक आपने जो भी कदम उठाए हैं, वे अपने स्तर पर ही उठाए हैं. अब कार्रवाई के लिए आगे कदम उठाने की बारी है. रिलेटेड सर्विस प्रोवाइडर (ईमेल वेबसाइट, क्रेडिट कार्ड कंपनी, बैंक, सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट से कॉन्टैक्ट कर औपचारिक शिकायत करें. इसके लिए भेजे जाने और पाने वाले सभी मैसेज/ईमेल का रिकॉर्ड जरूर रखें. यदि नेटबैंकिंग या क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग हुआ है तो जरूरी नहीं कि चूक आपसे ही हुई हो. यह बैंक से भी हुई हो सकती है. बैंकों से लोगों का डेटा चुरा लिए जाने या हैक कर लिए जाने की खबरें काफी आती हैं. हो सकता है कि किसी साइबर अपराधी ने किसी बैंक कर्मचारी के जरिये या बैंक के सर्वर या वेबसाइट को हैक करके आपके अकाउंट का ब्योरा हासिल किया हो. ऐसे में आपको हुए नुकसान की जिम्मेदारी बैंक पर भी आती है. कई बार बैंक ऐसे मामलों को सुलटाने के लिए खाताधारियों से समझौता भी कर लेते हैं.

लखनऊ: इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों को अब साइबर क्राइम की समस्या का अंदाजा तो होने लगा है. हर दिन ईमेल, फेसबुक अकाउंट, कंप्यूटर, क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग अकाउंट से जुड़ी साइबर क्राइम की सैकड़ों वारदातें हो रही हैं. आज हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में साइबर क्राइम का शिकार हो रहा है. चाहे वो बैंक फ्रॉड के मामले हों या फिर सोशल मीडिया ब्लैक मेलिंग के, ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि आखिर साइबर क्राइम होता क्या है? जब साइबर क्राइम हो जाए या फिर कोई ब्लैकमेल करें या हमारी फोटो से छेड़छाड़ कर हमें परेशान करे तो क्या करें?

देखें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.

कई बार हम अपनी शिकायत किसी को बता नहीं सकते. थाने भी नहीं जा सकते. ऐसे में घर बैठे ऑनलाइन FIR कैसे कराएं, किस नंबर पर फोन करके जानकारी लें और सलाह किससे लें, इसलिए आज हम आपको साइबर क्राइम की आसान भाषा में परिभाषा बताएंगे. घर बैठे ऑनलाइन FIR दर्ज करने के तरीके बताएंगे. हम आपको बताएंगे कि साइबर क्राइम होने पर तुरंत कौन-कौन से जरूरी और एहतियाती कदम उठाने चाहिए.

साइबर क्राइम क्या है?
साइबर क्राइम वो क्राइम होता है जिसे किसी कंप्यूटर या उसके नेटवर्क यानी इंटरनेट के जरिए अंजाम दिया जाए. मतलब, हम साइबर क्राइम के दायरे का अंदाजा नहीं लगा सकते हैं, क्योंकि किसी वीडियो को बिना लाइसेंस के डाउनलोड करने से लेकर किसी के खाते से पैसे निकालने तक साइबर क्राइम ही है. जरूरी नहीं कि साइबर क्राइम में आपके साथ ठगी ही हो. हो सकता है कि आपको इमोशनल ब्लैकमेल किया जाए. आपकी फोटो को अश्लील बनाकर भी आपको मानसिक रूप से परेशान किया जाए और भी बहुत कुछ है.

खुद की लापरवाही से होते हैं 90% साइबर क्राइम
एक बेहद जरूरी बात यह है कि 90 प्रतिशत साइबर क्राइम के मामले हम लोगों की लापरवाही से होते हैं. ये कोई आकलन नहीं बल्कि सरकारी रिपोर्ट में दावा किया गया है. यानी, अगर हम जागरूक हो जाएं तो 90 फीसदी साइबर क्राइम को रोक सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि हमें लगता है कि मैं पढ़ा-लिखा हूं तो मेरे साथ साइबर क्राइम नहीं होगा और न ही मुझे जागरूक होने की जरूरत है. दरअसल, 80 प्रतिशत से ज्यादा साइबर क्राइम के मामले पढ़े-लिखे होशियार और टेक्नोलॉजी फ्रेंडली लोगों के साथ ही होते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि आप साइबर क्राइम के प्रति जागरूक बनें और अपने परिवार और दोस्तों को भी अलर्ट करें.

24 घंटे के अंदर '155260' पर करें शिकायत
साइबर क्राइम होने पर वैसे शिकायत तो आप अपने नजदीकी थाने में जाकर भी कर सकते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है कि जैसे ही आपके साथ साइबर क्राइम हो, सबसे पहले आप भारत सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से जारी नंबर '155260' पर फोन करें. अगर आपने 24 घंटे के अंदर शिकायत की है तो आपकी रकम मिलने की पूरी संभावना है. उत्तर प्रदेश वालों के लिए एक और अच्छी जानकारी है कि, इसे 112-यूपी से भी कनेक्ट कर दिया गया है. 112-यूपी पर बात कर घटना के बारे में जानकारी मांगकर आगे का कदम उठाएं.

सुबह 9 से शाम 5 बजे तक करता है काम
साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर '155260' है. ये सोमवार से शुक्रवार यानी वर्किंग डे पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ओपन रहता है. इस पर किसी भी नंबर से कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा, आप घर बैठे भारत सरकार की वेबसाइट www.CyberCrime.Gov.in पर क्लिक करके ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करा सकते हैं. इसमें लड़कियों के लिए खास ऑप्शन हैं कि चाहें तो वह अपनी पहचान छिपाकर भी शिकायत दर्ज करा सकती हैं.

ऐसे करें शिकायत
अब जैसा कि आप www.CyberCrime.Gov.in वेबसाइट के होम पेज पर देख रहे हैं कि Report Women/Child Related Crime और Report Other Cyber Crime का ऑप्शन है. इसलिए अगर साइबर क्राइम से पीड़ित कोई महिला या नाबालिग है तो Report Women/Child Related Crime के ऑप्शन को क्लिक करना होगा. इसे क्लिक करने के बाद Report का एक और ऑप्शन मिलेगा, जिसके बाद File A Complaint का बटन क्लिक करें और अपनी डिटेल लिख दें. इसके बाद I Accept का बटन दबाएं. हालांकि इस रिपोर्ट को दर्ज कराने के लिए आपको User Id की जरूरत होगी. इसलिए आप खुद ही पहले Login बना लें. ध्यान रहे जिस मोबाइल नंबर से आप लॉग इन बनाएंगे, उसी नंबर पर एक OTP भी आएगा. लॉग इन बनाने के बाद आप आसानी से अपना एरिया चुनकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

ईमेल के जरिये करें शिकायत
इसके अलावा आप चाहें तो ईमेल के जरिए भी अपनी शिकायत भेज सकते हैं. अपने एरिया के साइबर क्राइम अधिकारी का ईमेल आईडी और नंबर जानने के लिए cybercrime.gov.in की वेबसाइट पर ही Contact Us के बटन को क्लिक करना होगा. इसके बाद आपको सभी राज्यों के नोडल अधिकारियों की एक पीडीएफ फाइल मिल जाएगी, जिसमें से आप फोन नंबर और ईमेल आईडी प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि ईमेल पर भेजी गई शिकायतों पर कार्रवाई होने की संभावना कम ही रहती है.

ये तो रही सरकारी साइबर क्राइम हेल्पलाइन की बात. आखिर में हम आपको बता दें कि काफी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो पुलिस में शिकायत करने के बाद भी परेशान होते हैं. आखिर आगे कैसे कार्रवाई हो या फिर कई बार किसी ब्लैकमेलिंग के शिकार होते हैं और उसे किसी को बता ही नहीं पाते हैं, जैसे आजकल डेटिंग ऐप या फिर न्यूड वीडियो कॉलिंग कर काफी संख्या में लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा है. उन्हें डराया जा रहा है.

एडीजी साइबर क्राइम राम कुमार की मानें तो केंद्रीय हेल्पलाइन नंबर '155260' को 16 जून से 112-यूपी से भी जोड़ा गया है. ठगी की शिकायत मिलने के तत्काल बाद शिकायत नंबर के साथ विस्तृत जानकारी उस बैंक या ई-वॉलेट के पास भेज दी जाती है, जिस बैंक में ठगी का पैसा गया होता है. बैंक के सिस्टम में यह जानकारी फ्लैश करने लगती है. यदि पैसे संबंधित बैंक या ई-वॉलेट के पास ही हैं तो वह उसे तत्काल फ्रीज कर देगा. यदि पैसा किसी और बैंक या ई-वॉलेट में चला गया है तो वह उसे संबंधित बैंक या ई-वॉलेट को भेज देगा. यह प्रक्रिया तब तक चलती रहेगी, जब तक उस पैसे की पहचान कर उसे फ्रीज नहीं कर दिया जाता है.

ये सुझाव, कानूनी लड़ाई लड़ने में बनेगी मददगार
एडीजी साइबर क्राइम राम कुमार की मानें तो यदि आप साइबर अपराध के शिकार होते हैं तो आपको तीन स्तरों पर काम करने की जरूरत है. याद रखें, हर कदम पर मिलने वाले डॉक्युमेंट, मैसेज और दूसरी जानकारियों को सहेजना न भूलें. कानूनी लड़ाई लड़ने में वह आपके बहुत काम आएगी.

पहला कदम- कार्ड ब्लॉक कराएं
जैसे ही साइबर क्राइम का पता चले, उसे सीमित करने के कदम उठाएं. आपके क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग खाते से पैसे निकाल लिए जाने पर तुरंत बैंक से संपर्क करना और क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करवाना जरूरी है. यदि ईमेल या सोशल नेटवर्किंग अकाउंट हैक होता है तो रिलेटेड वेबसाइट पर जाकर रिकवरी प्रक्रिया शुरू करनी होगी. लॉग-इन स्क्रीन पर जाकर देखें कि क्या कहीं पासवर्ड भूलने या अकाउंट रिकवर करने का लिंक दिखाई देता है? अगर वेबसाइट हैक की गई है तो पहले अपने जरूरी डेटा को सहेजने में जुटें ताकि और नुकसान होने से बचे. अपराध कब हुआ, उसकी तारीख और वक्त जरूर नोट कर लें.

दूसरा कदम- महत्वपूर्ण सबूत जुटाएं
जरूरी सबूत इकट्ठे करें, जिनका इस्तेमाल आप आगे की कार्रवाई में करेंगे. आपके फेसबुक अकाउंट पर अश्लील टिप्पणी की गई है या कोई अश्लील ईमेल भेजा गया है तो उसे अपने पास सेव करना जरूरी है, क्योंकि फेसबुक वॉल पर की गई टिप्पणी को अपराधी हटा भी सकता है. अपने फेसबुक पेज का स्क्रीनशॉट लेने की कोशिश करें. ईमेल अकाउंट को किस आईपी एड्रेस से हैक किया गया था, उसका ब्योरा भी तीनों प्रमुख ईमेल सर्विस प्रवाइडर- गूगल, याहू और आउटलुक (लाइव-हॉटमेल) में मौजूद रहता है. मिसाल के तौर पर गूगल मेल अकाउंट में सबसे नीचे दाईं तरफ Last Account Activity लिखा मिलेगा. वहां दिए Detail लिंक को क्लिक करने पर यह जानकारी उपलब्ध होगी. यदि वेबसाइट हैक हुई है तो उसकी मौजूदा स्थिति का स्क्रीनशॉट लेकर फाइल बनाकर सेव कर लें.

तीसरा कदम- सर्विस प्रोवाइडर से शिकायत करें
अब तक आपने जो भी कदम उठाए हैं, वे अपने स्तर पर ही उठाए हैं. अब कार्रवाई के लिए आगे कदम उठाने की बारी है. रिलेटेड सर्विस प्रोवाइडर (ईमेल वेबसाइट, क्रेडिट कार्ड कंपनी, बैंक, सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट से कॉन्टैक्ट कर औपचारिक शिकायत करें. इसके लिए भेजे जाने और पाने वाले सभी मैसेज/ईमेल का रिकॉर्ड जरूर रखें. यदि नेटबैंकिंग या क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग हुआ है तो जरूरी नहीं कि चूक आपसे ही हुई हो. यह बैंक से भी हुई हो सकती है. बैंकों से लोगों का डेटा चुरा लिए जाने या हैक कर लिए जाने की खबरें काफी आती हैं. हो सकता है कि किसी साइबर अपराधी ने किसी बैंक कर्मचारी के जरिये या बैंक के सर्वर या वेबसाइट को हैक करके आपके अकाउंट का ब्योरा हासिल किया हो. ऐसे में आपको हुए नुकसान की जिम्मेदारी बैंक पर भी आती है. कई बार बैंक ऐसे मामलों को सुलटाने के लिए खाताधारियों से समझौता भी कर लेते हैं.

Last Updated : Aug 6, 2021, 7:40 PM IST
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