लखनऊ : राजधानी में नई जेल रोड सुल्तानपुर रोड के पास, अयोध्या और मथुरा में लाखों लोगों को आशियाना मिलेगा. आवास विकास परिषद इन तीनों जिलों में बहुत जल्द ही आवासीय योजनाएं (Housing Development Council start housing schemes) शुरू करेगा, जिसमें हर वर्ग के लिए प्लॉट और मकान होंगे. जमीन के अर्जन का काम हो चुका है, जल्द ही विकास का काम भी शुरू हो जाएगा. जनवरी में बुकिंग का आगाज होगा. इसके अतिरिक्त कन्नौज के लिए भी आवासीय योजना की लॉन्चिंग हो सकती है.
उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद (Uttar Pradesh Housing Development Board) अगले साल 24 जनवरी को यूपी दिवस के मौके पर लखनऊ के गोसाईगंज के अलावा अयोध्या और मथुरा में आवासीय योजना लांच करेगा, जिसमें लाखों लोगों को अपने सपनों का आशियाना मिल सकेगा. उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के आयुक्त रणवीर प्रसाद ने बताया कि हम तीनों योजनाओं पर जबरदस्त काम कर रहे हैं. जल्द ही लॉन्चिंग करके बुकिंग भी शुरू कर दी जाएगी.
गोसाईंगंज के मोहारीकलां और सिठौलीखुर्द गांव में जमीन का अर्जन किया जा रहा है, जहां करीब 90 फीसद जमीन का अर्जन किया जा चुका है. यहां पर आवास विकास परिषद 265 एकड़ में योजना लाएगा जोकि नई जेल रोड के पास होगी. यह लखनऊ की पहली आवासीय योजना है जहां पर किसानों से लैंड पूलिंग के जरिए जमीन ली जा रही है. इस व्यवस्था के तहत किसानों को जमीन का मुआवजा नहीं दिया जाता है, उनको योजना विकसित होने के बाद पैसा दिया जाता है. जमीन 25 फीसद हिस्सा डेवलप करके दिया जाता है. जिसकी कीमत उनकी दी गई जमीन के कई गुना ज्यादा होती है. इन दोनों गांव के अधिकांश किसान लैंड पूलिंग के लिए तैयार हो गए हैं, जिसकी वजह से योजना का परवान चढ़ना संभव हो रहा है. आवास विकास परिषद इसको अपनी बड़ी कामयाबी मान रहा है, क्योंकि लैंड पूलिंग से जमीन लेने में आर्थिक बोझ कम आता है. जो किसान इस तरह से जमीन नहीं देंगे आवास विकास परिषद अर्जन नीति के तहत उनको मुआवजा देकर जमीन ले लेगा.
अयोध्या में आवास विकास 1190 एकड़ में सोलर और हेरिटेज सिटी के तौर पर टाउनिशप विकसित करेगा. इसके लिए एजेंसी का भी चयन किया जा चुका है. कनाडा की संस्था को जिम्मेदारी दी गई है. योजना के प्रस्तावित स्वरूप में पौराणिक थीम पर आधारित नगरी बसाई जाएगी. स्टूडियो अपार्टमेंट भी बनेंगे. इसमें 30 मीटर चौड़े रास्ते व बड़े हिस्से पर हरियाली होगी. पांच फाइव स्टार व 25 थ्री स्टार होटल होंगे. देश-प्रदेश के नामी गिरामी 30 होटल संचालकों ने संपर्क भी किया है. 25 राज्यों व पांच देशों के अतिथि गृह के साथ ही शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल व पेट्रोल पंप होंगे. विभिन्न मठ-मंदिरों व ट्रस्ट की धर्मशालाएं होंगी. ये नगरी धनुषाकार डिजाइन की बनाई जाएगी, जहां से सीधे राम मंदिर दिखेगा. इसके लिए अधिग्रहीत की जाने वाली 1193 एकड़ भूमि में 1400 खसरे शामिल हैं. इसमें लगभग 4900 किसानों से भूमि ली जाएगी. अयोध्या-अम्बेडकरनगर राजमार्ग और सरयू नदी के बीच तिहुरा मांझा, मांझा-बरेहटा और शाहनवाजपुर मांझा गांवों की जमीन ली गई है.
पौराणिक नगरी मथुरा में भी वृंदावन के नजदीक आवास विकास परिषद आवासीय योजना विकसित करेगा. इस योजना के तहत करीब 200 एकड़ भूमि का अर्जन किया गया है. यहां भी मथुरा की सांस्कृतिक धरोहर का नजारा दिखाई देगा. जिससे इस नगरी में रहने वालों को ना केवल शहरी सुविधाओं के दर्शन होंगे बल्कि अपनी पुरातन संस्कृति से जुड़ने का भी मौका मिलेगा.
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