लखनऊ: उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन की इकोनॉमी (UP one trillion economy) बनाने के लिए आवास विभाग प्लान 2027 (Housing Department Plan 2027) बना रहा है, जिसमें शहरों का विकास किस तरह से किया जाना है, उस पर अमल किया जाएगा. ऑनलाइन बिल्डिंग अप्रूवल सिस्टम को लागू किया जाएगा. ग्रीन सिटी का कांसेप्ट भी शामिल किया जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार और नगर नियोजन की उच्च स्तरीय समिति ने यह फैसला किया है. प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकरण ने बताया कि राज्य एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की दहलीज पर है. राज्य में 764 शहर और नगर हैं. इनमें शहरी संरचना और सुविधाओं के वितरण और पहुंच में समानता सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारियां होनी चाहिए.
2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश, भारत का सर्वाधिक जनसंख्या (19.96 करोड) वाला राज्य है, जिसमें 4.45 करोड़ जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में रहती है. 2001-2011 के बीच शहरी क्षेत्रों में 1.09 करोड़ आबादी की बढ़ोत्तरी हुई है. इस प्रकार, भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 16.50% प्रदेश में और 11.80% आबादी उत्तर प्रदेश के शहरों में रहती है.
उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी नगर प्रणाली है, जिसमें 764 नगर निकाय हैं, जिसमे 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका परिषद और शेष नगर पंचायत है. देश में स्थानीय निकायों की सबसे बड़ी संख्या में से एक इसमें है और इसलिए यह शहरी नियोजन और शासन दोनों के लिए अत्यधिक चुनौतियां प्रदान करता है. इस वजह से लॉन्ग टर्म में एक पॉलिसी बनाने की आवश्यकता है. मिशन 2027 में सबसे पहले तो स्टेट कैपिटल रीजन पर काम होगा. इसमें लखनऊ और उसके आसपास के जिलों को एक साथ जोड़कर विकास की एक नीति बनाई जाएगी.
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हरित शहर की होगी संकल्पना
हरित शहर की कल्पना के तहत शहरों में ग्रीन बिल्डिंग अधिक से अधिक बनाई जाएंगी, जिसमें ऐसे इमारते बनेंगी जिनमें कम से कम कार्बन उत्सर्जन होगा. यहां से निकलने वाले व्यर्थ पानी का उपयोग किया जाएगा, जो कि सिंचाई में काम लाया जाएगा.
शहरों में नक्शा पास करने के लिए ऑनलाइन बिल्डिंग अप्रूवल प्लान पर अमल होगा, जो कि लखनऊ में शुरू हो चुका है. सभी मानचित्र ऑनलाइन पास किए जाएंगे. लोगों को दफ्तर के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी. इसमें मानचित्रो में होने वाली धांधली भी खत्म होगी.