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होटल लेवाना अग्निकांड, मालिक पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई टली - हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच

होटल लेवाना अग्निकांड मामले में होटल मालिक पवन अग्रवाल को फिलहाल राहत नहीं मिल सकी है. पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है.

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Published : Oct 10, 2022, 6:58 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में होटल लेवाना अग्निकांड मामले में होटल मालिक पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है. हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर की तिथि नियत की है. मामले में फिलहाल पवन अग्रवाल को कोई राहत नहीं मिल सकी है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका पर दिया है.

याचिका में कहा गया है कि इस मामले में अभियुक्त के दो बेटों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है. परिवार में कोई पुरूष सदस्य नहीं बचा है. अभियुक्त की ओर से यह भी दलील दी गई है कि वह 75 वर्ष का है और कई बीमारियों से ग्रसित है. उसे हिरासत में लेकर पुलिस को पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है. वहीं पीड़ितों की ओर से पेश एक अधिवक्ता जीशान अल्वी के मुताबिक अग्रिम जमानत का राज्य सरकार और पीड़ितों के अधिवक्ताओं की तरफ से विरोध किया गया. बहस के दौरान कहा गया है कि नियमों को धता बताकर, बिना फायर सेफ्टी की उचित व्यवस्था किए और बिना आकस्मिक निकासी और प्रवेश की व्यवस्था किए होटल का संचालन अभियुक्तों की तरफ से किया जा रहा था.

गौरतलब है कि हजरतगंज के एसएसआइ दयाशंकर द्विवेदी ने बीते 5 सितंबर को मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. एफआईआर में कहा गया है कि होटल लेवाना में आग लग गई, जिस पर पुलिसकर्मी, फायर फाइटर और एसडीआरएफ की काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. इस घटना में चार लोगों की झुलसने और दम घुटने से मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए. एफआईआर में यह भी कहा गया है कि होटल मालिक और मैनेजर ने होटल में फायर सेफ्टी की कोई व्यवस्था नहीं की थी. वहीं होटल से आकस्मिक निकास की कोई व्यवस्था नहीं थी.

यह भी पढ़ें- लखनऊ के होटल लेवाना में लगी आग, चार की मौत

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में होटल लेवाना अग्निकांड मामले में होटल मालिक पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है. हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर की तिथि नियत की है. मामले में फिलहाल पवन अग्रवाल को कोई राहत नहीं मिल सकी है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका पर दिया है.

याचिका में कहा गया है कि इस मामले में अभियुक्त के दो बेटों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है. परिवार में कोई पुरूष सदस्य नहीं बचा है. अभियुक्त की ओर से यह भी दलील दी गई है कि वह 75 वर्ष का है और कई बीमारियों से ग्रसित है. उसे हिरासत में लेकर पुलिस को पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है. वहीं पीड़ितों की ओर से पेश एक अधिवक्ता जीशान अल्वी के मुताबिक अग्रिम जमानत का राज्य सरकार और पीड़ितों के अधिवक्ताओं की तरफ से विरोध किया गया. बहस के दौरान कहा गया है कि नियमों को धता बताकर, बिना फायर सेफ्टी की उचित व्यवस्था किए और बिना आकस्मिक निकासी और प्रवेश की व्यवस्था किए होटल का संचालन अभियुक्तों की तरफ से किया जा रहा था.

गौरतलब है कि हजरतगंज के एसएसआइ दयाशंकर द्विवेदी ने बीते 5 सितंबर को मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. एफआईआर में कहा गया है कि होटल लेवाना में आग लग गई, जिस पर पुलिसकर्मी, फायर फाइटर और एसडीआरएफ की काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. इस घटना में चार लोगों की झुलसने और दम घुटने से मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए. एफआईआर में यह भी कहा गया है कि होटल मालिक और मैनेजर ने होटल में फायर सेफ्टी की कोई व्यवस्था नहीं की थी. वहीं होटल से आकस्मिक निकास की कोई व्यवस्था नहीं थी.

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