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अग्निकांड के बाद जागा प्रशासन, DGP ने पूरे प्रदेश में अग्निशमन सुरक्षा मानकों का मांगा प्रमाण - Hotel levana fire

लखनऊ के होटल लेवाना में हुए अग्निकांड के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया है. डीजीपी डीएस चौहान ने राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को 3 दिन के अंदर अग्निशमन सुरक्षा संबंधी मानकों का प्रमाण पत्र देने के निर्देश दिए हैं.

डीजीपी डीएस चौहान
डीजीपी डीएस चौहान
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Published : Sep 5, 2022, 7:39 PM IST

Updated : Sep 5, 2022, 8:29 PM IST

लखनऊ: यूपी के सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को उनके क्षेत्र में अग्निशमन सुरक्षा के सही इंतजामों का प्रमाण देना होगा. राजधानी के होटल लेवाना अग्निकांड(Hotel levana fire accident) में हुई 4 मौतों के बाद डीजीपी डीएस चौहान(DGP DS Chauhan) ने राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को फायर सेफ्टी के लिए राज्य व्यापी अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी पुलिस कमिश्नर व फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी जिला प्रशासन, नगर निगम व अन्य संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि सभी विभागों के अफसर समन्वय स्थापित करें.

प्रदेश भर में व्यवसायिक बिल्डिंग में फायर सेफ्टी के मानकों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ तत्काल विधिक कार्रवाई की जाए. सभी होटल, माल, अस्पताल, स्कूल, औद्योगिक संयंत्र, आवासीय अपार्टमेंट व अन्य बड़े व्यावसायिक काम्प्लेक्स का नियमानुसार समुचित सुरक्षा पर ऑडिट किया जाए. सभी स्थानों पर एंट्री एग्जिट के मानक के अनुसार उपयुक्त व्यवस्था और अग्निशमन के सभी प्रबंध की क्रियाशीलता सुनिश्चित की जाए.

डीजीपी डीएस चौहान ने निर्देश दिया कि अग्निशमन सुरक्षा के संबंधित आकस्मिक मॉक ड्रिल समय-समय पर कराई जाए. अग्निशमन सुरक्षा के संबंध में लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से और मौके पर जाकर जानकारी दी जाए. इसके अलावा विभिन्न भवनों को अग्नि सुरक्षा की एनओसी (NOC) देने की प्रक्रिया में समस्त मानदण्डों का कठोरता से पालन कराया जाए. एनओसी देने में किसी भी प्रकार की स्वेच्छारिता या लापरवाही संज्ञान में आने पर तत्परतापूर्वक जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त कार्रवाई की जाए.

इसे पढ़ें- होटल में लापरवाहियों की आग: लखनऊ में पहले भी ले चुकी है 7 लोगों की जान, जिम्मेदार अब भी आजाद

किसी भी स्थान पर आग लगने की घटना संज्ञान में आते ही जनपद की क्राइसिस मैनेजमेंट टीम द्वारा तत्काल ही उच्च स्तर की सक्रियता प्रदर्शित करते हुए कार्रवाई की जाए. समस्त संंबंधित विभागों को तत्काल सक्रिय कर दिया जाए. आग लगने की बड़ी घटना होने अथवा जन सामान्य के आग में फंसे होने की स्थिति में समस्त संबंधित विभागों तथा एसडीआरएफ व एनडीआरएफ को भी तत्काल सूचित कर नियमानुसार कार्रवाई कराई जाए. जिलों के अस्पताल, जहां बर्न केस की चिकित्सा की समुचित व्यवस्था हो उन अस्पतालों को पूर्व से ही चिन्हित कर लिया जाए.

राज्य के सभी फायर स्टेशनों का नियमित निरीक्षण करते हुए समस्त उपकरणों व वाहनों की क्रियाशीलता का परीक्षण कर लिया जाए. फायर स्टेशन पर नियुक्त समस्त कर्मियों की समुचित ब्रीफिंग, ट्रेनिंग और अग्निशमन की आधुनिक तकनीक के प्रति उनके ज्ञानवर्धन हेतु नियमित प्रयास होना चाहिए. डीजीपी डीएस चौहान ने इन सभी विंदुओं पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा है. डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस प्रभारियों से 3 दिन के अंदर अग्निशमन सुरक्षा संबंधी मानकों प्रमाण पत्र देने के लिए निर्देश दिए है.

इसे पढ़ें- होटल लेवाना का नक्शा पास नहीं फिर भी अग्निशमन विभाग ने दी थी एनओसी, एलडीए करेगा ध्वस्त

लखनऊ: यूपी के सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को उनके क्षेत्र में अग्निशमन सुरक्षा के सही इंतजामों का प्रमाण देना होगा. राजधानी के होटल लेवाना अग्निकांड(Hotel levana fire accident) में हुई 4 मौतों के बाद डीजीपी डीएस चौहान(DGP DS Chauhan) ने राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को फायर सेफ्टी के लिए राज्य व्यापी अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी पुलिस कमिश्नर व फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी जिला प्रशासन, नगर निगम व अन्य संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि सभी विभागों के अफसर समन्वय स्थापित करें.

प्रदेश भर में व्यवसायिक बिल्डिंग में फायर सेफ्टी के मानकों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ तत्काल विधिक कार्रवाई की जाए. सभी होटल, माल, अस्पताल, स्कूल, औद्योगिक संयंत्र, आवासीय अपार्टमेंट व अन्य बड़े व्यावसायिक काम्प्लेक्स का नियमानुसार समुचित सुरक्षा पर ऑडिट किया जाए. सभी स्थानों पर एंट्री एग्जिट के मानक के अनुसार उपयुक्त व्यवस्था और अग्निशमन के सभी प्रबंध की क्रियाशीलता सुनिश्चित की जाए.

डीजीपी डीएस चौहान ने निर्देश दिया कि अग्निशमन सुरक्षा के संबंधित आकस्मिक मॉक ड्रिल समय-समय पर कराई जाए. अग्निशमन सुरक्षा के संबंध में लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से और मौके पर जाकर जानकारी दी जाए. इसके अलावा विभिन्न भवनों को अग्नि सुरक्षा की एनओसी (NOC) देने की प्रक्रिया में समस्त मानदण्डों का कठोरता से पालन कराया जाए. एनओसी देने में किसी भी प्रकार की स्वेच्छारिता या लापरवाही संज्ञान में आने पर तत्परतापूर्वक जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त कार्रवाई की जाए.

इसे पढ़ें- होटल में लापरवाहियों की आग: लखनऊ में पहले भी ले चुकी है 7 लोगों की जान, जिम्मेदार अब भी आजाद

किसी भी स्थान पर आग लगने की घटना संज्ञान में आते ही जनपद की क्राइसिस मैनेजमेंट टीम द्वारा तत्काल ही उच्च स्तर की सक्रियता प्रदर्शित करते हुए कार्रवाई की जाए. समस्त संंबंधित विभागों को तत्काल सक्रिय कर दिया जाए. आग लगने की बड़ी घटना होने अथवा जन सामान्य के आग में फंसे होने की स्थिति में समस्त संबंधित विभागों तथा एसडीआरएफ व एनडीआरएफ को भी तत्काल सूचित कर नियमानुसार कार्रवाई कराई जाए. जिलों के अस्पताल, जहां बर्न केस की चिकित्सा की समुचित व्यवस्था हो उन अस्पतालों को पूर्व से ही चिन्हित कर लिया जाए.

राज्य के सभी फायर स्टेशनों का नियमित निरीक्षण करते हुए समस्त उपकरणों व वाहनों की क्रियाशीलता का परीक्षण कर लिया जाए. फायर स्टेशन पर नियुक्त समस्त कर्मियों की समुचित ब्रीफिंग, ट्रेनिंग और अग्निशमन की आधुनिक तकनीक के प्रति उनके ज्ञानवर्धन हेतु नियमित प्रयास होना चाहिए. डीजीपी डीएस चौहान ने इन सभी विंदुओं पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा है. डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस प्रभारियों से 3 दिन के अंदर अग्निशमन सुरक्षा संबंधी मानकों प्रमाण पत्र देने के लिए निर्देश दिए है.

इसे पढ़ें- होटल लेवाना का नक्शा पास नहीं फिर भी अग्निशमन विभाग ने दी थी एनओसी, एलडीए करेगा ध्वस्त

Last Updated : Sep 5, 2022, 8:29 PM IST
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