लखनऊ : दिवाली पर पटाखे अग्नि हादसे का कारण बन जाते हैं. ऐसे में प्रदेश भर से घायल व्यक्ति इलाज के लिए राजधानी आते हैं. लिहाजा, जहां डॉक्टरों की टीम अलर्ट कर दी गई, वहीं अस्पतालों में बेड रिजर्व कर दिए गए हैं. सीएमओ डॉ मनोज अग्रवाल ने बुधवार को अस्पतालों में तैयारियां परखीं. दीपावली को लेकर संयुक्त चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को चार से 6 नवम्बर तक अलर्ट किया गया है. सीएमओ ने इमरजेंसी सेवाओं को दुरुस्त रखने का निर्देश दिया है. अस्पतालों में 10-10 बेड रिजर्व करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, बर्न यूनिट स्टाफ व इमरजेंसी ड्रग स्टॉक मेनटेन रखने को कहा है.
180 डॉक्टर-325 पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगी
सीएमओ ने इमरजेंसी में विशेषज्ञों की भी ड्यूटी लगाने का निर्देश दिए हैं. इसमें नेत्र रोग विशेषज्ञ, सर्जन, प्लास्टिक सर्जन, आर्थोपेडिक सर्जन भी तैनात रहेंगे. इमरजेन्सी में 180 चिकित्सक व 325 पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई. सीएमओ ने बलरामपुर चिकित्सालय की बर्न यूनिट का निरीक्षण किया.
राजधानी लखनऊ में दिवाली में अनहोनी से निपटने के लिए अस्पताल तैयार हैं. बेड आरक्षित कर दिए गए हैं. एहतियात डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ की टीमें मुस्तैद कर दी गई हैं. पटाखे में झुलसे मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था की गई हैं. आंखों से जुड़ी समस्याओं का भी पुख्ता इलाज मिलेगा. इमरजेंसी सुविधाओं को और दुरुस्त कर दिया गया है.
केजीएमयू
अनहोनी से निपटने के लिए ट्रॉमा सेंटर में डिजास्टर वार्ड को आरक्षित किया गया है. इसमें करीब 20 बेड हैं. अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी विभाग को अलर्ट कर दिया गया है. नेत्र, बर्न यूनिट, जनरल सर्जरी में प्लास्टिक सर्जन की अलग से ड्यूटी लगाई गई है. दवा, रूई-पट्टी आदि की पर्याप्त व्यवस्था की गई है.
लोहिया संस्थान
दिवाली के मद्देनजर इमरजेंसी सेवाओं में खास सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं. सर्जरी विभाग में बर्न के मरीजों को भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं. प्राथमिक इलाज मुहैया कराने के बाद ही मरीज को किसी दूसरे अस्पताल में रेफर करने के निर्देश दिए गए हैं. संस्थान में बर्न यूनिट नहीं है. संस्थान के सीएमएस डॉ. राजन भटनागर के मुताबिक मरीजों को असुविधा से बचाने के लिए इमरजेंसी में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. दवाएं भरपूर मात्रा में हैं. डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ की टीमें मुस्तैद की गई हैं.
बलरामपुर अस्पताल
किसी भी प्रकार के संकट से निपटने के लिए अस्पताल में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. विशेषज्ञ डॉक्टर ऑनकॉल मौजूद रहे हैं. खून की जांच की सुविधा 24 घंटे हैं. इमरजेंसी व अस्पताल में अलग से वार्ड बना दिए गए हैं. बर्न यूनिट के ज्यादातर बेड खाली हैं. ताकि गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया करायी जा सके. दवा आदि की पुख्ता व्यवस्था है.
लोकबंधु अस्पताल
दिवाली के मद्देनजर 10 बेड सुरक्षित कर दिए गए हैं. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी के मुताबिक डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है. विशेषज्ञ डॉक्टर ऑनकॉल रहेंगे. इमरजेंसी से निपटने के लिए एक सेफ हाउस भी बनाया गया है. इसमें एंबुलेंस व ड्राइवर की हरवक्त तैनाती रहेगी. ताकि गंभीर होने की स्थिति में मरीज को हायर सेंटर शिफ्ट कराया जा सके. नेत्र रोग विशेषज्ञ, सर्जन, फिजीशियन इत्यादि की इमरजेंसी में तैनाती रहेगी. वहीं तीन से छह नवंबर तक अन्य डॉक्टर ऑनकॉल भी मौजूद रहेंगे.
सिविल अस्पताल
बर्न यूनिट व इमजरेंसी में अलग से टीमें लगा दी गई हैं. विशेषज्ञ डॉक्टर ऑनकाल रहेंगे. सीएमएस डॉ. एसके नंदा ने बताया कि हमारे यहां दीपावली को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए 17 बेड का एक वार्ड आरक्षित किया गया है. सभी दवाओं और डाक्टरों की ड्यूटी लगा दी गई है. आवश्यकता पड़ने पर इतने ही बेड का एक अन्य वार्ड भी तैयार किया गया है.
यहां करें फोन
- मुफ्त एम्बुलेंस के लिए 102 व 108 पर फोन करें
- इलाज में अड़चन आने पर सीएमओ कंट्रोल रूम नम्बर 0522-2622080
जीका वायरस के टेस्ट की सलाह
जीका वायरस के लिए सरकारी-निजी चिकित्सकों को ट्रेनिंग दी गई. जिला अधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पैथोलॉजी के चिकित्सक भी मौजूद रहे. इस दौरान डॉ डी हिमांशु ने कहा कि जीका वायरस का कोई विशेष इलाज वैक्सीन नहीं है. केवल लक्षण के आधार पर ही उपचार किया जाता है. इसमें डीहाइड्रेशन से बचना बेहद आवश्यक है. यदि गर्भवती महिला जीका वायरस से ग्रसित होती है तो गर्भ में पल रहे बच्चे पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. डॉ शीतल वर्मा ने कहा कि बुखार पीड़ित व्यक्ति में डेंगू , मलेरिया, चिकनगुनिया की जांच में पुष्टि नहीं होती है तो जीका वायरस की जांच अवश्य करायी जाए.
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मुख्यमंत्री ने भर्ती मरीजों का हाल लिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को लोहिया संस्थान पहुंचे. यहां भर्ती अपने परिचितों की सेहत का उन्होंने हाल जाना. संस्थान में नाथ संप्रदाय के अमरेंद्र नाथ योगी भर्ती हैं. उन्हें रीढ़ की हड्डी में समस्या थी. उनका ऑपरेशन किया गया है. इसके साथ ही गुर्दा प्रत्यारोपण यूनिट में भर्ती अंकित कुमार का भी हाल लिया. मुख्यमंत्री ने निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद समेत दूसरे अधिकारियों से संस्थान की समस्याओं तथा भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा की.